अमेरिका में शेख मुजीबुर रहमान के हत्यारे को मिली शरण का मामला एक बार फिर से खोला गया

By भाषा | Published: July 27, 2020 04:11 PM2020-07-27T16:11:32+5:302020-07-27T16:11:32+5:30

बांग्लादेश के गबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के एक दोषी को राजनीतिक शरण देने के 15 साल पुराने एक मामले को अमेरिका ने फिर से खोला है। प्रधानमंत्री हसीना ने पिछले साल राष्ट्रपति ट्रंप को पत्र लिखकर चौधरी के प्रत्यर्पण का आग्रह किया था।

Case of asylum found in US Sheikh Mujibur Rahman's killer reopened | अमेरिका में शेख मुजीबुर रहमान के हत्यारे को मिली शरण का मामला एक बार फिर से खोला गया

अमेरिका में शेख मुजीबुर रहमान के हत्यारे को मिली शरण का मामला फिर से खोला गया

Highlightsबांग्लादेश के “राष्ट्रपिता” बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के एक दोषी को राजनीतिक शरण देने के 15 साल पुराने एक मामले को अमेरिका ने फिर से खोला है।उच्चतम न्यायालय ने 2009 में निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा।

ढाका: बांग्लादेश के “राष्ट्रपिता” बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के एक दोषी को राजनीतिक शरण देने के 15 साल पुराने एक मामले को अमेरिका ने फिर से खोला है। मीडिया में प्रकाशित खबरों में यह जानकारी सामने आई। प्रधानमंत्री शेख हसीना की अगुवाई वाली वर्तमान सरकार, अमेरिका में छिपे बांग्लादेशी सेना के पूर्व अधिकारी एम ए राशिद चौधरी के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका से आग्रह करती रही है। प्रधानमंत्री हसीना ने पिछले साल राष्ट्रपति ट्रंप को पत्र लिखकर चौधरी के प्रत्यर्पण का आग्रह किया था।

भगोड़ा करार दिए गए चौधरी ने सेना के अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर तख्तापलट किया था जिसके बाद 1975 में हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान की हत्या कर दी गई थी। गत सप्ताह ढाका ट्रिब्यून में अमेरिकी समाचार पोर्टल पॉलिटिको’ के हवाले से दी गई खबर के अनुसार अमेरिका के महान्यायवादी विलियम बार्र ने चौधरी को राजनीतिक शरण देने के मामले को फिर से खोला। बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति और बाद में प्रधानमंत्री रहे शेख मुजीबुर रहमान की 15 अगस्त 1975 को हत्या कर दी गई थी।

रहमान के परिवार के सभी सदस्यों की हत्या कर दी गई थी लेकिन उनकी बेटियां- शेख हसीना और शेख रेहाना विदेश में होने के कारण बच गई थीं। इस हत्याकांड के 23 साल बाद, बांग्लादेश सेना के पूर्व अधिकारी चौधरी और अन्य भगोड़े दोषियों को उच्च न्यायालय ने 1998 में मौत की सजा सुनाई थी।

उच्चतम न्यायालय ने 2009 में निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा। रहमान की हत्या के बाद बांग्लादेश राष्ट्रवादी पार्टी (बीएनपी) की सरकारों ने चौधरी का पुनर्वास कराया। राजनयिक के तौर पर विदेश में चौधरी की नियुक्ति भी की गई।

डेली स्टार की खबर के मुताबिक चौधरी, परिवार सहित 1996 में ब्राजील से अमेरिका भाग गया और बाद में उसने राजनीतिक शरण मिल गई। शुक्रवार को पॉलिटिको में प्रकाशित खबर के अनुसार, बार्र ने “चुपके से” उस मामले को खोल दिया जो “चार दशक से दो महाद्वीपों में चल रहा है।” खबर के अनुसार, “लगभग 15 साल से मामला बंद था। लेकिन बार्र ने अब इसे दोबारा खोला है।” बार्र द्वारा उठाए गए कदम से राशिद को मिली शरण समाप्त हो सकती है और उसे बांग्लादेश प्रत्यर्पित किया जा सकता है। 

Web Title: Case of asylum found in US Sheikh Mujibur Rahman's killer reopened

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