हृदय रोग विशेषज्ञ ने बताया, हृदय को किस प्रकार प्रभावित करती है कोविड-19 महामारी

By भाषा | Updated: August 13, 2021 12:01 IST2021-08-13T12:01:48+5:302021-08-13T12:01:48+5:30

Cardiologist told how the Kovid-19 epidemic affects the heart | हृदय रोग विशेषज्ञ ने बताया, हृदय को किस प्रकार प्रभावित करती है कोविड-19 महामारी

हृदय रोग विशेषज्ञ ने बताया, हृदय को किस प्रकार प्रभावित करती है कोविड-19 महामारी

(गैरी जेनिंग्स, प्रोफेसर ऑफ मेडिसिन, सिडनी यूनिवर्सिटी)

सिडनी, 13 अगस्त (द कन्वरसेशन) कोविड-19 महामारी के बढ़ने के साथ ही अनुसंधानकर्ताओं को यह पता लगना शुरू हो गया है कि यह किस प्रकार हमारे शरीर को प्रभावित करती है।

महामारी की शुरुआत में, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसे जोखिमपूर्ण कारकों को कोविड के गंभीर रूप धारण करने और मृत्यु से जोड़कर देखा गया था।

अब हम जान चुके हैं कि यह वायरस असंख्य तरीकों से हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। यह हृदय को प्रभावित कर सकता है और सीधे हृदय संबंधी जटिलताओं का कारण बन सकता है। इसके अलावा फाइजर एवं मॉडर्ना जैसे कोविड रोधी टीकों से भी हृदय में सूजन का खतरा सामने आया है। लेकिन ऐसा बहुत कम देखने को मिला है। हालांकि कोविड टीकों से कहीं अधिक वायरस के संक्रमण से हृदय में सूजन आने की ज्यादा आशंका है।

इस संबंध में हम अब तक यह जानते हैं:

कोविड हृदय को किस प्रकार प्रभावित करती है?

सार्स-कोव-2 वायरस सीधे शरीर पर आक्रमण कर सकता है जिससे सूजन पैदा हो सकती है। यह हृदय को प्रभावित कर सकता है, जिससे हृदय की मांसपेशियों या बाहरी परत पर सूजन पैदा हो सकती है, जिसे मायोकार्डिटिस और पेरिकार्डिटिस कहा जाता है।

कोविड से हुई सूजन से भी रक्त का थक्का जम सकता है, जिससे हृदय या मस्तिष्क की धमनी अवरुद्ध हो सकती है, इसके परिणामस्वरूप दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बना रहता है।

कोविड से हृदय की धड़कन के असामान्य होने, पैरों और फेफड़ों में रक्त के थक्के जमने और हृदय के अवरुद्ध होने का खतरा भी बना रहता है। कोविड हृदय में सूजन कैसे पैदा करता है और यह मांसपेशियों को कैसे चोट पहुंचाता है, इस बारे में हमारी समझ स्पष्ट होती जा रही है। हालांकि अभी और भी बहुत कुछ सीखना बाकी है।

कोविड की चपेट में आने वाले लगभग 10-30 प्रतिशत लोगों में ''लॉन्ग कोविड'' लक्षण देखे गए हैं। 3,700 रोगियों पर किये गए एक अध्ययन के दौरान मोटे तौर पर 90 प्रतिशत से अधिक लोगों ने बताया कि उन्हें संक्रमण के बाद पूरी तरह से ठीक होने में आठ महीने से अधिक समय लगा।

अक्टूबर 2020 में सबसे पहले भारत में पहचाना गया डेल्टा वेरिएंट बहुत अधिक संक्रामक है।

हालांकि कोविड-19 के बारे में अभी नयी-नयी जानकारियां सामने आ रही है। ऐसे में कहा जा सकता है कि यह कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकती है। साथ ही इससे हृदय संबंधी जटिलताओं के बढ़ने की आशंका है।

स्कॉटलैंड में हुए अध्ययन में पाया गया कि वायरस का अल्फा स्वरूप (जो ब्रिटेन में उत्पन्न हुआ) की तुलना में डेल्टा स्वरूप की चपेट में आए लोगों को अस्पताल में भर्ती कराए जाने का दोगुना जोखिम था। यह भी पाया गया कि डेल्टा युवा लोगों में सबसे अधिक फैल रहा था।

अच्छी खबर यह है कि फाइजर या एस्ट्राजेनेका टीकों की दो खुराक डेल्टा स्वरूप से उत्पन्न हुई जटिलताओं को रोकने में प्रभावी रही हैं।

वैज्ञानिकों ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन और दुर्लभ रक्त के थक्के के बीच एक कड़ी की खोज की है।

कोविड टीकों और हृदय की सूजन (मायोकार्डिटिस और पेरिकार्डिटिस) के बीच एक दुर्लभ दुष्प्रभाव जुड़ा है। यह आम तौर पर 30 साल से कम उम्र के पुरुषों में और दूसरी टीका खुराक लेने के बाद लोगों में देखा जाता है। लेकिन ऐसा बहुत कम होता है। ऑस्ट्रेलिया में 56 लाख लोगों को फाइजर की खुराक दी जा चुकी है। इनमें से एक अगस्त तक हृदय में सूजन के केवल 111 मामले सामने आए हैं। ऑस्ट्रेलिया में इस टीके के दुष्प्रभाव से मौत की कोई खबर नहीं मिली है।

हृदय में सूजन से उबरने की दर अच्छी है। इन हल्के-फुल्के जोखिमों की तुलना में कोविड टीके के लाभ कहीं अधिक हैं। फिर भी, यदि आपको कोविड टीका लगवाने के बाद सीने में दर्द, अनियमित धड़कन, बेहोशी या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण महसूस होते हैं तो आपको तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।

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Web Title: Cardiologist told how the Kovid-19 epidemic affects the heart

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