कनाडा: करीब एक महीने चला ट्रक चालकों का विरोध प्रदर्शन समाप्त, राजधानी को पुलिस ने खाली कराया
By विशाल कुमार | Published: February 21, 2022 07:31 AM2022-02-21T07:31:18+5:302022-02-21T07:41:11+5:30
पहले यह विरोध प्रदर्शन सीमा पार के ट्रक चालकों के लिए अनिवार्य टीकाकरण के आदेश के खिलाफ था। लेकिन बाद में यह कोविड प्रतिबंधों और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के विरोध पर केंद्रित हो गया था। इस विरोध प्रदर्शन के कारण प्रधानमंत्री ट्रूडो को अपना आवास छोड़कर परिवार के साथ गुप्त स्थान पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
ओटावा: कोविड-19 से जुड़ी स्वास्थ्य नीतियों का करीब एक महीने तक विरोध करने वाले ट्रक चालकों व अन्य से कनाडा की राजधानी ओटावा की सड़कों को पूरी तरह से खाली करा लिया गया। इस विरोध प्रदर्शन के कारण अमेरिका-कनाडा सीमा की कुछ चौकियों समेत राजधानी के प्रमुख हिस्सों को भी हफ्तों तक बंद करना पड़ा था।
पहले यह विरोध प्रदर्शन सीमा पार के ट्रक चालकों के लिए अनिवार्य टीकाकरण के आदेश के खिलाफ था। लेकिन बाद में यह कोविड प्रतिबंधों और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के विरोध पर केंद्रित हो गया था। इस विरोध प्रदर्शन के कारण प्रधानमंत्री ट्रूडो को अपना आवास छोड़कर परिवार के साथ गुप्त स्थान पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
बीते शनिवार और रविवार को पूरे दिन दंगा रोधी पुलिस ट्रक चालकों के नेतृत्व वाले प्रदर्शनकारियों को हटाने में लगी थी। जिसके बाद कनाडा में संसद के आसपास के सभी इलाकों में अब स्थिति नियंत्रण में हैं। ओटावा में जुटे सभी प्रदर्शनकारियों को पुलिसकर्मियों ने खदेड़ दिया है और ट्रकों के लगातार बज रहे हॉर्न अब शांत हो चुके हैं।
शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए घुसी पुलिस ने अब तक आंदोलन के नेताओं सहित कुल 191 लोगों को गिरफ्तार किया है और उन्हें जेल भेज दिया गया है।
इस बीच ज्यादातर विश्लेषकों को संदेह है कि यह विरोध प्रदर्शन कनाडा की राजनीति पर कोई ऐतिहासिक असर छोड़ेगा, लेकिन इसने कनाडा के दो प्रमुख दलों को झकझोर कर रख दिया है।
टोरंटो विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर नेल्सन वाइसमैन ने कहा, ‘‘विरोध ने उदारवादियों और रूढ़िवादियों दोनों की साख को नुकसान पहुंचाया है।’’ प्रदर्शनकारियों को राजधानी में हफ्तों तक अराजकता फैलाने की अनुमति देने के लिहाज से ट्रूडो का उदारवादी रवैया लोगों को खराब लग रहा है।
मॉन्ट्रियल में मैकगिल विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर डैनियल बेलैंड ने कहा, ‘‘दक्षिण पंथियों को सावधान रहना होगा कि वे अधिक उदार मतदाताओं को अलग-थलग न करें, जो आमतौर पर प्रदर्शनकारियों या दक्षिणपंथी लोकप्रियतावाद के प्रति सहानुभूति नहीं रखते हैं।’’