लंदन: महारानी एलिजाबेथ के अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले चीनी प्रतिनिधिमंडल के संसद में प्रवेश और क्वीन के ताबूत को देखने पर रोक लगा दी गई है। यही नहीं ब्रिटेन के कई सांसदों ने चीन को अंतिम संस्कार पर न्योता देने के लिए विरोध जताया है।
आपको बता दें कि क्वीन एलिजाबेथ के ताबूत को ब्रिटिश सरकार की निगरानी में संसद में रखा गया है। ऐसे में उनका अंतिम संस्कार सोमवार यानी 19 सितंबर को होगा।
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि इस रोक के तहत चीनी प्रतिनिधिमंडल को महारानी एलिजाबेथ के ताबूत को देखने नहीं दिया जाएगा। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि हाल में ही शिनजियांग में कथित मानवाधिकारों के हनन की आलोचना करने के लिए चीनी सरकार ने कई ब्रिटिश सांसदों पर प्रतिबंध लगा दिया था।
ऐसे में यह कहा जा रहा है कि चीनी सरकार द्वारा इन प्रतिबंधों को लगाने के कारण ही चीनी प्रतिनिधिमंडल को क्वीन एलिजाबेथ के ताबूत देखने पर रोक लगाया गया है।
महारानी एलिजाबेथ के अंतिम संस्कार शामिल होंगे उपराष्ट्रपति- चीन
चीन ने शनिवार को घोषणा की है कि उपराष्ट्रपति वांग किशान महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति शी चिनफिंग के विशेष प्रतिनिधि के तौर पर शामिल होंगे। चीन द्वारा प्रतिबंधित किए गए ब्रिटिश सांसदों के एक समूह ने अंतिम संस्कार के लिए चीनी सरकार को आमंत्रित किए जाने पर चिंता व्यक्त की है।
मामले में एक सांसद ने ‘बीबीसी’ से कहा कि चीन के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों से दुर्व्यवहार और मानवाधिकार उल्लंघनों को देखते हुए निमंत्रण रद्द किया जाना चाहिए।
आपको बता दें कि शी के करीबी वांग सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सात सदस्यीय शक्तिशाली पोलितब्यूरो स्थायी समिति के 2012 से लेकर 2017 तक सदस्य रहे। उस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई की थी। वांग को 2018 में उपराष्ट्रपति नामित किया गया और वह अक्सर शी की ओर से कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। चीन में उपराष्ट्रपति का पद व्यापक रूप से रस्मी होता है।
भाषा इन्पुट के साथ