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बेलारूस सीमा गतिरोध से यूरोपीय संघ के कानूनों को खतरा

By भाषा | Updated: November 11, 2021 19:35 IST

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ब्रसेल्स, 11 नवंबर (एपी) यूरोपीय संघ (ईयू) को आशंका है कि बेलारूस के निरंकुश नेता प्रवासियों का इस्तेमाल ईयू की सुरक्षा को कमतर करने लिए ‘हाइब्रिड हथियार’ के तौर पर कर रहे हैं। साथ ही, 27 देशों के इस संगठन के कानूनों पर नए सिरे से दबाव डाल रहे हैं।

ईयू के सदस्य देशों पोलैंड, लिथुआनिया और लातविया की पूर्वी सीमा पर उत्पन्न संकट की वजह से इन देशों से मांग उठ रही है कि संगठन सीमा की बाड़बंदी और दीवार खड़ी करने के लिए वित्त पोषण करे, जिसका निर्माण वह कभी नहीं चाहता। सीमा पर दीवार खड़ी करने की आवाज उस समय उठी जब यूरोप बर्लिन की दीवार गिराये जाने के उपलक्ष्य में समारोह आयोजित कर रहा था।

बेलारूस से लगी सीमा पर कई महीनों से गतिरोध जारी है। ईयू के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको उनके शासन पर ईयू द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से नाराज हैं। ईयू ने यह प्रतिबंध वर्ष 2020 के विवादित चुनाव के बाद विरोधियों के कथित दमन के मद्देनजर लगाया है। इसके साथ ही बेलारूस हजारों प्रवासियों को लालच दे रहा है कि वह उन्हें पश्चिमी यूरोप पहुंचने में मदद करेगा। हालांकि,बेलारूस ने इससे इनकार किया है।

प्रवासी संकट उस समय और विकराल हो गया जब बड़ी संख्या में प्रवासी बेलारूस के हिस्से में पोलैंड के कुजनिका सीमा से दाखिल होने के लिए जमा हो गए। इसकी वजह से पोलैंड को सुरक्षा बढ़ानी पड़ी और सीमा पर कंटीले तारों को प्रवासियों द्वारा काटे जाने से रोकने के लिए दंगा रोधी पुलिस की टुकड़ी भेजनी पड़ी।

इस संकट की वजह से पोलैंड की विधायिका को आपात काल लागू करना पड़ा और देश के शरणार्थी कानून को बदलना पड़ा। केवल सैनिकों को ही सीमा पर जाने की अनुमति दी है जिससे शरणार्थी एजेंसियों और ईयू के उसके साझेदारों में निराशा है। लिथुआनिया ने भी ऐसे ही कदम उठाए हैं और सीमा पर दीवार खड़ी करने का काम बढ़ा रहा है।

ईयू की कार्यकारी इकाई यूरोपीय आयोग का मानना है कि दीवार और अवरोधक प्रभावी नहीं होंगे और अबतक इनके वित्तपोषण से इनकार किया है लेकिन निगरानी कैमरों और उपकरणों के लिए भुगतान करने की हामी भरी है।

बर्लिन की दीवार गिराये जाने के 32 साल पूरे होने के अवसर पर मंगलवार को जर्मनी में आयोजित कार्यक्रम में यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स माइकल ने कहा, ‘‘हम नृशंस हाइब्रिड हमले का सामना अपने ईयू सीमाओं पर कर रहे हैं। बेलारूस द्वारा प्रावासियों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना सनक भरा और चौंकाने वाला है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने सीमा पर भौतिक ढांचे के वित्तपोषण पर बहस की शुरुआत की है। इस समस्या का तुरंत निराकरण करना चाहिए क्योंकि पोलैंड और बाल्टिक ईयू की सीमा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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