Bangladesh Anti-Quota Protest: बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में झड़प में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन अब इस प्रदर्शन ने सांप्रदायिक रूप भी ले लिया है। ग्लादेश के कुछ हिस्सों में हिंदुओं पर हमले की घटनाएं सामने आई हैं। बांग्लादेश के नोआखली जिले में कोटा विरोधी प्रदर्शन तेज़ हो गए हैं और प्रदर्शनकारियों ने हिंदुओं पर हमले शुरू कर दिए हैं।
प्रदर्शनकारियों ने रंगपुर शहर में दो हिंदुओं की हत्या कर दी। उन्होंने हिंदू अवामी लीग के नेता हराधन रॉय और उनके भतीजे पर हमला किया और उनकी हत्या कर दी। सोशल मीडिया पर ऐसी वीडियोज भी सामने आई हैं जिनमें हमलावरों को नोआखली में एक हिंदू घर में घुसने की कोशिश करते देखा गया।
बांग्लादेश के हालात देखते हुए भारत सरकार बांग्लादेश में शीर्ष अधिकारियों के संपर्क में है। सरकार ने भारतीयों और छात्रों को सलाह जारी की है। वहां फंसे भारतीयों को निकालने की कोशिशें भी जारी हैं। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना के तत्काल इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
बता दें कि बांग्लादेशी 1971 के युद्ध में हिस्सा लेने वाले परिवारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत कोटा दिए जाने का विरोध कर रहे हैं। हिंसा के कारण सुप्रीम कोर्ट ने कोटा घटाकर 5 फीसदी करने का फैसला किया था। लेकिन इसके बाद भी विरोध प्रदर्शनों का कोई अंत नहीं हुआ है और संकट हर दिन एक नया मोड़ ले रहा है।
'एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट' ने सोमवार को अपना "लॉन्ग मार्च टू ढाका" आयोजित करने की योजना बनायी थी। इसके कारण बांग्लादेश सरकार ने इंटरनेट को पूरी तरह बंद करने का सोमवार को आदेश दिया। सरकार ने इस हिंसा को आतंकी कृत्य कहा है। पीएम शेख हसीना ने कहा है कि आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। देश में सोमवार से तीन दिवसीय सामान्य अवकाश की घोषणा की गयी है। भारत ने बांग्लादेश में जारी हिंसा के कारण अपने सभी नागरिकों को अगली सूचना तक पड़ोसी देश की यात्रा न करने की सलाह दी है।