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अमेरिका: कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाने पर गूगल की कंपनियां कर्मचारियों से पूछ रही 'आपका धर्म क्या है'?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 12, 2021 19:24 IST

इन कंपनियों में Google की मूल कंपनी Alphabet Inc (GOOGL.O), Walmart Inc (WMT.N), और Tyson Foods Inc (TSN.N) जैसी दिग्गज कंपनिया शामिल हैं जो अपने कर्मचारियों से COVID-19 वैक्सीन नहीं लगवाने कर्मचारियों से धार्मिक मान्यताओं से जुड़े सवाल पूछ रही है. 

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देश-दुनिया में एक ओर जहां कोरोना वायरस की दूसरी लहर थमती दिख रही है वहीं अमेरिका में तेजी से बढ़ता कोरोना का डेल्टा वैरिएंट चिंता का सबब बना हुआ. यहां न सिर्फ डेल्टा वेरिएंट बल्कि कोविड-19 के मामले में भी तेजी से बढ़ रहे हैं.  बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच यहां टीकाकरण अभियान भी तेज कर दिया गया है. अमेरिका में हर व्यक्ति और कर्मचारी के लिए वैक्सीनेशन जरूरी कर दिया गया. 

लेकिन इस दौरान कई ऐसे भी लोग हैं जो अपनी क्रोनिकल कंडिशन या कुछ मेडिकल इश्यू की वजह से कोरोना का टीका नहीं लगवा पा रहे हैं. ऐसे कर्मचारियों से उनकी धार्मिक मान्यताओं के बारे में पूछा जा रहा है. क्योंकि यहां में कई ऐसे भी लोग हैं जो अपनी धार्मिक मान्यताओं को इसके डर से कोरोना वायरस का टीका नहीं लगवा रहे हैं. वहीं कुछ ऐसे भी चंद केस हैं जो सिर्फ अपनी मेडिकल कंडिशन की वजह से टीका नहीं लगवा पा रहे हैं. 

अमेरिकी कंपनियां वैक्सीनेटेड न होने पर कर्मचारियों से धार्मिक मान्यताओं से जुड़े ऐसे ही असुविधाजनक सवाल कर रही है जिनका जवाब देना कई बार कर्मचारियों के लिए थोड़ा मुश्किल हो जाता है.  कई बार मालिक या कंपनी अपने कर्माचारी से पूछ बैठती कि कहीं आपने धार्मिक मान्यताओं के चलते तो टीका नहीं लगवाया. ऐसे में कई बार कर्मचारी थोड़े असहज महसूस करने लगते हैं.

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, इन कंपनियों में Google की मूल कंपनी Alphabet Inc (GOOGL.O), Walmart Inc (WMT.N), और Tyson Foods Inc (TSN.N) जैसी दिग्गज कंपनिया शामिल हैं जो अपने कर्मचारियों से COVID-19 वैक्सीन नहीं लगवाने कर्मचारियों से धार्मिक मान्यताओं से जुड़े सवाल पूछ रही है. 

न्यूज एजेंसी आईएएनस के अनुसार, वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में बढ़ते कोरोना मामलों में सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति छोटे बच्चों के लिए हैं. अमेरिका में हर रोज आने वाले नए मामलों में करीब 15 फीसद मामले बच्‍चों से जुड़े हैं.

अमेरिकन अकादमी आफ पीडियाट्रिक्‍स (AAP) की रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है. हालांकि इस दौरान कोविड-19 चलते बच्‍चों की मौतों के मामले बेहद कम ही सामने आए हैं. आंकड़ों के मुताबिक करीब दो फीसद से भी कम बच्‍चे कोविड-19 की वजह से अस्‍पताल में भर्ती हुए. यहां पर पिछले एक सप्‍ताह के दोरान 94 हजार बच्‍चों का इलाज किया गया है. ये आंकड़े अपने आप में बेहद चौंकाने वाले हैं.

बता दें कि महामारी की शुरुआत से पांच अगस्‍त 2021 तक देश में करीब 43 लाख बच्‍चे कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं.  इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई के बाद से बच्‍चों में इसके मामले तेजी से बढ़े हैं. मौजूदा समय में 12 वर्ष के करीब 60 फीसद बच्‍चों को पूरी तरह से वैक्‍सीनेट कर दिया गया है वहीं करीब 70 फीसद बच्‍चों को कम से कम वैक्‍सीन की एक खुराक दे दी गई है.

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