बड़ा झटका! अमेरिका और उसके सहयोगी देश ‘SWIFT’ से रूसी बैंकों को करेंगे बाहर, जानिए क्या होगा असर
By भाषा | Published: February 27, 2022 02:27 PM2022-02-27T14:27:20+5:302022-02-27T14:33:03+5:30
‘सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन’ (स्विफ्ट) दुनिया की प्रमुख बैंकिंग संदेश सेवा है। इसका इस्तेमाल भारत सहित 200 से अधिक देशों में होता है। ये दुनिया भर में लगभग 11,000 बैंकों और वित्तीय संस्थानों को जोड़ती है।
वाशिंगटन: यूक्रेन पर रूसी हमले के मद्देनजर अमेरिका और उसके सहयोगी देशों एवं साझेदारों ने वैश्विक वित्तीय तंत्र ‘स्विफ्ट’ वित्तीय प्रणाली से प्रतिबंधित रूसी बैंकों को अलग करने और रूस के केंद्रीय बैंक के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कदम लागू करने का फैसला किया है।
अमेरिका, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन और कनाडा के नेताओं द्वारा शनिवार को जारी संयुक्त बयान के अनुसार, प्रतिबंधित रूसी कंपनियों और कुलीन वर्गों की संपत्तियों का पता लगाने तथा उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक संयुक्त कार्य बल गठित किया गया है।
क्या है SWIFT, रूस पर कैसे पड़ेगा इसका असर
‘सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन’ (स्विफ्ट) दुनिया की प्रमुख बैंकिंग संदेश सेवा है, जो भारत सहित 200 से अधिक देशों में लगभग 11,000 बैंकों और वित्तीय संस्थानों को जोड़ती है। इस प्रणाली को वैश्विक वित्त व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है और अगर रूस इससे बाहर होता है, तो यह उसके लिए एक बड़ा झटका साबित होगा।
अमेरिका और उसके सहयोगियों ने एक बयान में कहा, ‘‘हम रूसी आक्रमण का मुकाबला करने के साहसी प्रयासों में यूक्रेन सरकार और उसके लोगों के साथ खड़े हैं। रूस का युद्ध उन मूलभूत अंतरराष्ट्रीय नियमों एवं मापदंडों का अपमान है, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से कायम हैं और जिनकी रक्षा करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।’’
बयान में कहा गया, ‘‘हम रूस को जिम्मेदार ठहराएंगे और सामूहिक रूप से यह सुनिश्चित करेंगे कि यह युद्ध (रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर) पुतिन के लिए रणनीतिक हार साबित हो।’’
बैंकों को स्विफ्ट से हटाना गंभीर प्रतिबंध
बैंकों को स्विफ्ट से हटाना गंभीर प्रतिबंध माना जाता है, क्योंकि लगभग सभी बैंक इस प्रणाली का इस्तेमाल करते हैं। रूस अपने अहम तेल एवं गैस निर्यात के लिए इस प्रणाली पर अत्यधिक निर्भर है। बयान में कहा गया कि अमेरिका और उसके सहयोगी यह ‘‘सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि चुनिंदा रूसी बैंकों को स्विफ्ट संदेश प्रणाली से हटाया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि ये बैंक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली से अलग हो जाएंगे और इससे उनकी वैश्विक स्तर पर संचालन की क्षमता कमजोर होगी।’’
इसमें कहा गया, ‘‘दूसरी बात यह है कि हम उन प्रतिबंधात्मक कदमों को उठाने के लिए प्रतिबद्धता जताते हैं, जो ‘रशियन सेंट्रल बैंक’ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आरक्षित निधि की आपूर्ति से रोकेंगे, ताकि हमारे प्रतिबंधों के प्रभाव कमजोर नहीं हों।’’
इससे पहले, रूस को स्विफ्ट प्रणाली से अलग करने को लेकर यूरोपीय संघ (ईयू) के भीतर असहमति थी, क्योंकि इससे तेल और गैस के लिए भुगतान प्रभावित होगा। बयान में कहा गया, ‘‘तीसरी बात यह है कि हम यूक्रेन में युद्ध में मदद करने वाले लोगों एवं प्रतिष्ठानों और रूस सरकार की नुकसानदेह गतिविधियों के खिलाफ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। विशेष रूप से, हम उन नागरिकता-- तथाकथित स्वर्णिम पासपोर्ट-- की बिक्री को सीमित करने के लिए कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिनके कारण रूस सरकार से जुड़े धनाढ्य रूसी नागरिक हमारे देशों के नागरिक बनते हैं और हमारी वित्तीय प्रणाली तक पहुंच हासिल करते हैं।’’
ब्रिटेन सरकार ने की थी SWIFT से हटाने की पहल
रूस को दुनिया भर में स्विफ्ट बैंकिंग नेटवर्क से बाहर करने के लिए ब्रिटेन सरकार ने यूरोप में इस अभियान का नेतृत्व किया था। ब्रिटेन ने कहा था कि यूक्रेन पर आक्रमण करने के लिए रूस के खिलाफ कड़े वित्तीय प्रतिबंधों के तहत ऐसा किया जाना चाहिए।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) नेताओं के साथ प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की बैठक का हवाला देते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने नेताओं से राष्ट्रपति पुतिन और उनके शासन को सबक सिखाने के लिए स्विफ्ट के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया।’’