अमरुल्ला सालेह के भाई को तालिबान ने कथित तौर पर मौत के घाट उतारा, कहा- "उसकी लाश सड़नी चाहिए "
By दीप्ती कुमारी | Published: September 11, 2021 09:55 AM2021-09-11T09:55:02+5:302021-09-11T09:56:21+5:30
तालिबान ने अमरुल्ला सालेह के भाई को मारने का दावा किया है और रोहुल्लाह सालेह के भतीजे ने कहा कि वह उनकी लाश हमें दफनाने भी नहीं देंगे ।
काबुल : अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति और अब 'कार्यवाहक' राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के भाई रोहुल्लाह सालेह कथित तौर पर पंजशीर में तालिबान के साथ संघर्ष में मारे गए हैं । रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान ने पंजशीर घाटी में गुरुवार रात को संघर्ष के दौरान सालेह के भाई की पहचान कर उन्हें बर्बरता के साथ मौत के घाट उतार दिया । बताया जा रहा है कि उन्हें बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया था ।
रोहुल्लाह सालेह के भतीजे इबादुल्ला ने कहा कि तालिबान कहता रहा कि "उसका शरीर सड़ना चाहिए"।समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने इबादुल्ला के हवाले से कहा, "उन्होंने कल उसे मार डाला और हमें उसे दफनाने नहीं देंगे । वे कहते रहे कि उसका शरीर सड़ना चाहिए ।"
तालिबान ने अफगानिस्तान में पंजशीर घाटी पर पूर्ण नियंत्रण का दावा किया है । हालांकि, राष्ट्रीय प्रतिरोध बल (एनआरएफ) के समर्थकों ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा है कि एनआरएफ लड़ाके प्रांत में बहुत पदों पर कब्जा करना जारी रखेंगे ।
देश छोड़कर भागे राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार में दुशांबे के दूत जहीर अघबर ने ताजिकिस्तान की राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह सालेह के साथ नियमित संपर्क में थे और सुरक्षा कारणों से प्रतिरोध के नेता सामान्य संचार से बाहर थे । अघबर ने कहा, "अहमद मसूद और अमरुल्ला सालेह भागकर ताजिकिस्तान नहीं गए हैं । अहमद मसूद के पंजशीर छोड़ने की खबर सच नहीं है, वह अफगानिस्तान में ही है।"
उन्होंने कहा, "मैं अमरुल्ला सालेह के लगातार संपर्क में हूं, जो इस समय पंजशीर में हैं और इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान की सरकार चला रहे हैं ।"
तालिबान ने कहा कि पंजशीर घाटी में उनका नियंत्रण हो चुका है और प्रतिशोध बल हार मान चुकी है । तालिबान के शासन के बाद देश में महिलाओं की स्थिति ज्यादा दयनीय है ।