काबुल: अफगानिस्तान की चौबीस साल की महिला पत्रकार बेहेस्ता अर्गांड (Beheshta Arghand) हाल में खूब चर्चा में रही थी। हालांकि अब उनके अफगानिस्तान छोड़कर भागने की खबरें हैं। बेहेस्ता ने टोलो न्यूज के लिए टीवी पर तालिबान के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि का इंटरव्यू किया था।
काबुल पर 15 अगस्त को तालिबान के कब्जे के बाद तालिबानी प्रवक्ता का किसी महिला एंकर को दिया गया ये इंटरव्यू दुनिया भर में चर्चित हुआ था। यह पहली बार था जब तालिबान के किसी सीनियर प्रतिनिधि का लाइव टीवी पर एक महिला एंकर के सामने बैठकर इंटरव्यू लिया गया था।
कुछ दिनों बाद बेहेस्ता ने मलाला यूसुफजई का भी इंटरव्यू लिया। यह भी मलाला का किसी अफगान चैनल के साथ पहला इंटरव्यू था।
एक पत्रकार के रूप में बेहेस्ता अपने करियर के चरम पर थी। वे जब कक्षा 9 में थी, तब उन्होंने पत्रकार बनने का सपना देखा था। हालांकि, अब वह तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पत्रकारों और नागरिकों के सामने आने वाले खतरों का हवाला देते हुए अफगानिस्तान छोड़ चुकी हैं।
सीएनएन को इंटरव्यू में बेहेस्ता ने बताई देश छोड़ने की वजह
सीएनएन के साथ इंटरव्यू में बेहेस्ता ने कहा, 'मैंने देश छोड़ दिया क्योंकि लाखों लोगों की तरह मुझे भी तालिबान से डर लगता है।'
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा, 'अगर तालिबान वही करता है जो उसने कहा है और स्थिति बेहतर होती है और मुझे लगता है कि मैं सुरक्षित हूं और मेरे लिए कोई खतरा नहीं है, मैं अपने देश वापस जाऊंगी और अपने देश के लिए काम करूंगी।'
वहीं, टोलो न्यूज के मालिक साद मोहसेनी ने बेहेस्ता की स्थिति को तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान में जो हो रहा है उसका प्रतिबिंब बताया।
मोहसेनी ने सीएनएन से कहा, 'हमारे लगभग सभी जाने-माने रिपोर्टर और पत्रकार छोड़ कर चले गए हैं। हम नए लोगों को लाने की कोशिश में जुटे हैं।'
बेहेस्ता ने 17 अगस्त को तालिबानी प्रवक्ता के साथ इंटरव्यू पर कहा कि ये कठिन था, 'लेकिन मैंने इसे अफगान महिलाओं के लिए किया था।'
बेहेस्ता ने साथ ही कहा कि उन्होंने तालिबानी सदस्यों से कहा, 'हम अपने अधिकार चाहते हैं। हम काम करना चाहते हैं। हम चाहते हैं। यह हमारा अधिकार है। अगर हम अपने घरों में रहते हैं या ऑफिस नहीं जाते हैं, तो वे कहेंगे कि महिलाएं काम नहीं करना चाहती हैं।'
बता दें कि तालिबान इस बार एक उदार छवि बनाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि स्थानीय पत्रकार मीडिया पर दबाव और पत्रकारों को डराने-धमकाने जैसी बातें भी सामने ला रहे हैं।