फ्रांस: 31 साल बाद सुलझी 'नन्हीं शहीद' की बर्बर हत्या की गुत्थी, बच्ची के हत्यारों का ऐसा मिला सुराग
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: June 14, 2018 08:55 PM2018-06-14T20:55:00+5:302018-06-14T20:55:00+5:30
बच्ची के शव पर चोट और मारपीट के निशान थे। उसके शव को देखकर लगता था कि उसे लम्बे समय तक प्रताड़ित किया गया था। लड़की के शरीर पर लोहे की रॉड से जलाने के निशान थे। उसकी हड्डियों में भी फ्रैक्चर था। मीडिया में लड़की को "ए-10 की नन्हीं शहीद" नाम दिया गया था।
पेरिस, 14 जून: फ्रांसीसी पुलिस ने 31 साल पुरानी हत्या की गुत्थी सुलझाने का दावा किया है। पुलिस ने लड़की के माता-पिता को गिरफ्तार किया है। 1987 में एक लड़की का क्षतविक्षत शव एक मोटरवे के किनारे मिला था। लड़की के शव की पहचान नहीं हो सकी थी। पुलिस के अनुसार मौत के समय बच्ची की उम्र तीन साल से पाँच साल के बीच रही होगी।
फ्रांसीसी मीडिया के अनुसार जब दशकों बाद जब एक अन्य स्वतंत्र मामले में लड़की के भाई का डीएनए टेस्ट किया गया तो उससे 31 साल पुराने मामले पर पड़ा परदा हटा। लड़की के माता-पिता की पहचान होने के बाद फ्रांसीसी अदालत लड़की के माता-पिता से पूछताछ करेगी और दोनों पर हत्या का मुकदमा चलाया जा सकता है।
फ्रांसीसी मीडिया ने अभी तक लड़की के माता-पिता की पहचान नहीं जाहिर की है लेकिन माना जा रहा है कि अब दोनों की उम्र 60 साल से ज्यादा हो चुकी है। पुलिस ने अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई बयान नहीं जारी किया है। फ्रांसीसी मीडिया के अनुसार लड़की के माता-पिता को मंगलवार (12 जून) को गिरफ्तार किया गया था। लड़की का शव अगस्त 1987 में सेंट्रल फ्रांस के एक ए-10 मोटरवे के किनारे स्थित गड्ढे में मिला था। बच्ची की शिनाख्त नहीं हो सकी थी।
बच्ची के शव पर चोट और मारपीट के निशान थे। उसके शव को देखकर लगता था कि उसे लम्बे समय तक प्रताड़ित किया गया था। लड़की के शरीर पर लोहे की रॉड से जलाने के निशान थे। उसकी हड्डियों में भी फ्रैक्चर था। मीडिया में लड़की को "ए-10 की नन्हीं शहीद" नाम दिया गया था। लड़की के शव को एक अज्ञात स्थान पर दफन किया गया था।
फ्रांसीसी पुलिस ने इस केस को सुलझाने के लिए दशकों तक प्रयास जारी रखा। पुलिस ने साल 2012 में लड़की की तस्वीर जारी करके उसकी शिनाख्त करने की अपील की थी। लड़की ने नीली चेक शर्ट पहन ली थी और उसके काले घुंघराले बाल थे। इस मामले में पुलिस को पहली बड़ी सफलता तब मिली जब पिछले साल एक व्यक्ति को हिंसा से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया।
जिस व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया उसका डीएनए "ए-10 की नन्हीं शहीद" के डीएनए से मेल खाता था। पुलिस ने महीनों तक जाँच करने के बाद लड़की के माता-पिता को गिरफ्तार किया गया।
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