कोरोना वायरस से बचने लिए ईरान में लोगों ने पी ली मिथेनॉल, अफवाह के चलते 300 से ज्यादा लोगों की मौत
By निखिल वर्मा | Published: March 27, 2020 04:15 PM2020-03-27T16:15:35+5:302020-03-27T16:28:11+5:30
ईरान में अब तक कोरोना वायरस के 32 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इस वायरस से अब तक 2378 लोगों की मौत हुई है।
कोरोना वायरस से संक्रमण से जूझ रहे दुनिया के टॉप 6 देशों में ईरान के सामने एक नया संकट खड़ा हो गया है। यहां कोविड-19 के अलावा अफवाहों के चलते भी जान रही है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने की अफवाह में कई लोगों मिथेनॉल पी लिया। इसके चलते ईरान में 300 लोग मारे गए जबकि 1000 से ज्यादा बीमार हुए हैं।
ईरान हेल्थकेयर के वर्कर पर सड़क पर लोगों से अपील कर रहे हैं मिथेनॉल (इंडस्ट्रियल अल्कोहल) को पीना बंद करें। इससे पहले 9 मार्च को ईरान की न्यूज एजेंसी IRNA ने खबर दी थी कि मिथेनॉल पीने से 27 लोगों की मौत हो गई है।
न्यूज 18 में छपी खबर के अनुसार, ईरानी मीडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस्लामिक रिपब्लिक में मिथेनॉल के सेवन से अब तक लगभग 300 लोग मारे गए हैं और 1,000 से अधिक बीमार हो गए हैं। ईरान में शराब पीने पर प्रतिबंध है। ऐसा सोशल मीडिया में उड़ी अफवाहों के चलते लोगों ने किया। कोरोना वायरस के चलते ईरान में 8 करोड़ लोगों पर खतरा है।
अब तक कोविड 19 को कोई इलाज सामने नहीं आया है। दुनिया भर के वैज्ञानिक और डॉक्टर इस वायरस पर अध्ययन कर रहे हैं और प्रभावी दवाओं और वैक्सीन की खोज जारी है। जिन लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया रहा है उनमें सर्दी, खांसी या फ्लू के लक्षण ही सामने आ रहे हैं। जिन बुजुर्गों को पहले से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, यह बीमारी उन्हें चपेट में आसानी से ले रहा है।
हालांकि इससे उलट ईरानी सोशल मीडिया में फर्जी तरीके फॉरवर्ड हुए संदेशों के आधार शराब या अल्कोहल पीने से कोरोना वायरस ठीक होने का इलाज बताया गया। ईरान में अब तक कोरोना वायरस के 32 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। इस वायरस से अब तक 2378 लोगों की मौत हुई है। अमेरिका, चीन, इटली, स्पेन और जर्मनी के बाद सबसे ज्यादा मामले ईरान में ही सामने आए हैं। वहीं मौतों के मामले में ईरान का नंबर चौथे नंबर पर है।
अफवाहों से घिरे ईरान के दक्षिण-पश्चिम प्रांत खुजेस्तान और दक्षिणी शहर सिराज में मिलावटी शराब के चलते दर्जनों लोग बीमार पड़ गए हैं। ईरानी सरकार का कहना है मिथेनॉल से जहरीली शराब बनाने तस्कर अपने उत्पादों को कुछ रंग डाल देते हैं। इस तरह के शराब का इस्तेमाल घावों को साफ करने में किया जा सकता है। इसके अलावा तस्कर इथेनॉल का भी इस्तेमाल करते हैं। इथेनॉल भी शराब बनाने के काम में आता है। ईरान में इसके उत्पादन पर बैन है।
1979 में इस्लामिक क्रांति के बाद ईरान के 40 शराब कारखानों ने खुद को दवा और सैनिटाइजर बनाने के लिए उपयोग में आने वाले कारखाने के रूप में परिवर्तित कर लिया था। इस समय ईरान के मस्जिदों में भी सैनिटाइजर इस्तेमाल किया जा रहा है जिसमें अल्कोहल है। ईरान के एक कारखाने में जल्द 99 फीसदी अल्होकल युक्त सैनिटाइजर बनाने की योजना सरकार बना रही है। हर दिन 22 हजार लीटर सैनिटाइजर बनाने का लक्ष्य है।
कोरोना वायरस से पहले भी ईरान में सितंबर-अक्टूबर 2018 में मिथेनॉल युक्त शराब पीन से 76 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 768 लोग बीमार पड़ गए थे।