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103 साल की इतालवी महिला ने ‘साहस और विश्वास’ के साथ कोरोना वायरस को हराया 

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 9, 2020 22:01 IST

इटली में दुनियाभर में कोविड-19 से मौत के सर्वाधिक मामले सामने आये हैं, ऐसे में अधिक उम्र में कोरोना वायरस को मात देने वालों को प्रेरणास्रोत माना जा रहा है।

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रोम: अदा जानुसो ने 103 साल की उम्र में कोरोना वायरस को हरा दिया। वह साहस और विश्वास के साथ कोविड-19 का मुकाबला करने की सलाह देती हैं। यूरोप में इटली और फ्रांस में उम्रदराज लोगों की आबादी सबसे ज्यादा है और कम से कम 100 साल उम्र वाले ऐसे लोगों को यहां ‘सुपर ओल्ड’ की श्रेणी में रखा जाता हे।

इटली में दुनियाभर में कोविड-19 से मौत के सर्वाधिक मामले सामने आये हैं, ऐसे में अधिक उम्र में कोरोना वायरस को मात देने वालों को प्रेरणास्रोत माना जा रहा है। जानुसो भी उनमें से एक हैं। उन्होंने लेसोना शहर में वृद्धजनों के ग्रेजिया रेजीडेंस से वीडियो कॉल में एपी से कहा, ‘‘मैं ठीक हूं। मैं टीवी देखती हूं, अखबार पढ़ती हूं।’’

अपनी बीमारी के बारे में पूछे जाने पर जानुसो ने कहा, ‘‘मुझे कुछ बुखार था।’’ उनके डॉक्टर ने बताया कि वह एक हफ्ते तक बिस्तर पर रहीं। डॉक्टर फर्नो मार्चेसी ने कहा, ‘‘हमने उन्हें तरल पदार्थ दिये क्योंकि वह खाना नहीं खा रही थीं।’’ उन्होंने बताया कि एक दिन उन्होंने आंखें खोलीं और फिर धीरे धीरे उनकी दिनचर्या सामान्य होती गई। वह पहले की तरह काम करने लगीं। जब जानुसो से पूछा गया कि उन्हें इस समस्या से उबरने में कैसे मदद मिली तो उनका जवाब था, ‘‘साहस और शक्ति से एवं विश्वास से।’

कोरोना वायरस को हराने के लिए  मिजोरम की 95 वर्षीय दादी ने एक महीने की पेंशन दान की

आइजोल, नौ अप्रैल (भाषा) कोविड-19 से निपटने के लिए मिजोरम में 95 वर्ष की एक बुजुर्ग महिला ने एक महीने की पेंशन मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर दिया। इसके अलावा वह इस सेवा में लगे स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए मास्क की सिलाई कर रही हैं। मिजोरम के एक दिवंगत नेता की विधवा नघाकलियानी ने कहा कि वह कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ युद्ध में लगे लोगों के लिए कुछ करना चाहती है, हालांकि उनकी क्षमता सीमित है।

उनकी बहू जोथांगसांगी ने पीटीआई से कहा, ‘‘अंत में, उन्होंने एक निर्णय लिया और अपने दिवंगत पति की एक महीने की पेंशन के 14,500 रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर दिए।’’

 महिला एक समय में पेशे से दर्जी हुआ करती थी, अब वह फेस मास्क बनाने के लिए अपनी सिलाई मशीन को फिर से चला रही है। उनकी बहू ने कहा, ‘‘वह आइजोल में एक नर्सिंग होम की नर्सों और डॉक्टरों को 30 से अधिक मास्क दान कर चुकी हैं। मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने इस कार्य के लिए दादी को सलाम किया।

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