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पाचन तंत्र को सही करना है तो रोजाना करें ये 3 योगासन

By मेघना वर्मा | Updated: February 6, 2018 11:02 IST

यह योग आपके पेट को स्वस्थ रखेंगे, आपको पेट संबंधी रोगों से दूर रखेंगे और कुछ ही दिनों में आपको अन्दर से फिट बना सकते हैं। 

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बदलते समय में ऑफिस और घर के बीच लोगों का रूटीन बिगड़ता जा रहा है। समय की कमी के चलते लोग न सही समय पर सो पाते हैं और ना ही समय पर खाना खाते हैं। यही कारण है कि उनका पाचन तंत्र बहुत प्रभावित होता है, लेकिन हमारे योग विज्ञान में ऐसे बहुत से योगासन हैं जिनकी मदद से आप अपने पाचन तंत्र को सही रख सकते हैं। यह योग आपके पेट को स्वस्थ रखेंगे, आपको पेट संबंधी रोगों से दूर रखेंगे और कुछ ही दिनों में आपको अन्दर से फिट बना सकते हैं। 

1. सेतुबंध आसन

सेतुबंध आसन को ब्रिज पोज भी कहा जाता है क्योंकि इसका आकार बहुत हद तक ब्रिज के समान है। यह पीठ के बल पर लेट कर किए जाने वाले महत्वपूर्ण आसनों में से एक है। सेतुबंध आसन कमर दर्द, थायराइड, डिप्रेशन के साथ आपके पाचन तंत्र के लिए बहुत कारगर है। यह आसन पेट की मांसपेशियों को उत्प्रेरित करता है जिससे पाचन बेहतर होता है. इस के अभ्यास से व्यक्ति तनाव, निराशा व चिंता से मुक्त हो जाता है.

सेतुबंध आसन करने की विधि

1. सबसे पहले आप पीठ की तरफ लेट जाए।2. अब अपने घुटनों को मोड़े ताकि यह रीढ़ की हड्डी के 90 डिग्री पर हो।3. सांस लेते हुए अपने कमर को सहूलियत के हिसाब से उठाए।4. इस अवस्था को 20-30 सेकंड तक बनाये रखें।5. जब आप आसन  धारण करते है तो धीरे धीरे सांस ले और धीरे धीरे सांस छोड़े।6. फिर सांस छोड़ते हुए जमीन पर आएं।7. यह एक चक्र हुआ, आप 3 से 5 बार इसे कर सकते हैं।     

2. पवन मुक्तासन

पवन मुक्तासन का अर्थ होता है पवन या हवा को मुक्त करना। जब हम इस आसन को करते हैं तब हमारे पेट से गैस और कब्ज के कारण जो वायु जमा होती है वो आसनी से बाहर निकल जाती है। 

पवन मुक्तासन करने की विधि

1. सबसे पहले सीधे होकर शवासन में लेट जाएं।2. जब आप सीधे लेट जाते हो तो दाएं पैर के घुटनें को अपनी छाती पर रखें।3. अब अपने दोनों हाथों की अंगुलियां एक-दूसरे में डालते हुए अपने घुटनों को पकड़ लें।4. अपनी सांस को बाहर निकालते हुए अपने घुटने को छाती से लगाएं एवं सिर को उठाते हुए घुटने से नासिका को स्पर्श करवाएं।5. कुछ सेंकड तक अपने श्वास को बाहर रोकते हुए इसी स्थिति में बने रहें और बाद में अपने पैर को सीधा कर लें।6. अब इसको दूसरे पैर के साथ करें।7. इस क्रिया को चार से पांच बार तक करें।8. अंत में अपने दोनों पैरों के साथ करें, ऐसा करने से आपका एक चक्र पूरा हो जाता है।

3. नौकासन

इस आसन से भी पेट के समस्त अंगो को बल प्रदान करता है जिसके फलस्वरूप पाचन क्रिया में सुधार होता है। यह शरीर में इकट्ठे हुए तनाव को कम करता है तथा पीठ को सुदृढ़ करता है| यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और साथ ही साथ सिर से लेकर पैर की अंगुली तक फायदा पहुंचाता है।

नौकासन करने की विधि

1. सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं।2. आपके हाथ जांघ के बगल हो और आपकी शरीर एक सीध में रहे।3. अपने शरीर को ढीला छोड़े और सांस पर ध्यान दें।4. अब आप सांस लेते हुए अपने सिर, पैर, और पुरे शरीर को 30 डिग्री पर उठाएं।5. ध्यान रहे आपके हाथ ठीक आपके जांघ के ऊपर हो।6. धीरे धीरे सांस लें और धीरे धीरे सांस छोड़े, इस अवस्था को अपने हिसाब से बनाएं रखें।7. जब अपने शरीर को नीचें लाना हो तो लंबी गहरी सांस छोड़ते हुए सतह की ओर आएं।8. यह एक चक्र हुआ और शुरुवाती दौड़ में 3 से 5 बार करें।

 

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