दिल्ली में राष्ट्रीय आयुष सम्मेलन का आयोजन, आयुर्वेद समेत योग और मोटे अनाज के महत्व पर हुई बात, पद्मश्री तारा जौहर को किया गया सम्मानित

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 19, 2023 10:10 AM2023-03-19T10:10:15+5:302023-03-19T10:10:15+5:30

National AYUSH conference organized in Delhi, talk on importance of Ayurveda and yoga and millets | दिल्ली में राष्ट्रीय आयुष सम्मेलन का आयोजन, आयुर्वेद समेत योग और मोटे अनाज के महत्व पर हुई बात, पद्मश्री तारा जौहर को किया गया सम्मानित

दिल्ली में राष्ट्रीय आयुष सम्मेलन का आयोजन, आयुर्वेद समेत योग और मोटे अनाज के महत्व पर हुई बात, पद्मश्री तारा जौहर को किया गया सम्मानित

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नई दिल्ली: कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में आयुष्मान न्यास के तत्वावधान में महर्षि अरविंद के 150वें जयंती के उपलक्ष्य पर दो दिवसीय राष्ट्रीय आयुष सम्मेलन-2023 का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूरे देश के विभिन्न राज्यों से सैकड़ों प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत में अरविन्दो आश्रम के बच्चों द्वारा भजन- संगीत गायन से किया गय, जिसका देश भर से आए हुए प्रतिनिधियों ने जमकर आनंद लिया। 

उदघाटन सत्र की शुरुआत में राष्ट्रीय आयुष सम्मेलन के संयोजक डॉ. बिपिन कुमार ने विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए वर्तमान परिदृश्य में आयुष की महत्ता के बारे में विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 2022-23 मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। ज्वार, बाजरा, रागी का आयुर्वेद में बेहद महत्व रहा है। भारत के कृषि समाज का ये आधार रहा है। मिलेट्स वर्ष मनाने से समाज में; विशेषतः शहरी समाज में इन खाद्यानों का महत्व बढ़ा है, इसके लिए सरकार के प्रयास बेहद सराहनीय हैं। 

उन्होंने कहा कि आज आयुष का महत्व बढ़ा है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान न्यास पूरे वर्ष आयुष संबधी कार्यक्रमों का आयोजन करता रहता है और लोगों को आयुर्वेद के प्रति जागरूक करता है। उन्होंने उपस्थित सभी श्रोताओं से यह संकल्प लेने को कहा कि वे आयुष के संदेश को लोगों तक पहुचाएं।

आयुष संवर्द्धन के लिए डॉ बिपिन कुमार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयासों के लिए उनके प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने महर्षि अरविंद के दर्शन के महत्व पर बात करते हुए कहा कि हम सबको महर्षि अरविंद के मार्ग पर चलना चाहिए।

'योग की मदद से तनाव से लड़ा जा सकता है'

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता राज्य सभा सांसद श्री रामचंद्र जांगड़ा ने की । उन्होंने योग को विज्ञान की संज्ञा दी। उन्होंने बताया कि महँगी एलोपैथी के कारण लोग आज योग की तरफ आकर्षित हुए हैं। उन्होंने छात्रों के बीच बढ़ रहे तनाव के प्रति चिंता प्रकट की और बताया कि योग से उनकी समस्या से लड़ा जा सकता है। 

मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद उपभोक्ता मामले,खाद्य एवं लोक वितरण मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री शांतमनु जी ,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सम्पर्क विभाग प्रभारी श्री चंद्र वाधवा जी , बिहार-झारखंड सम्पर्क विभाग प्रमुख श्री अनिल ठाकुर जी,एसपीएमसीएएल के निदेशक श्री एस.के.सिन्हा, पीएफसी के निदेशक श्री आर.आर.,झा उपस्थित रहे और अपने विचार रखे।

प्रथम सत्र में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस के डॉ एस. सी. मनचंदा एवं  ऐम्स के वरिष्ठ कम्युनिटी मेडिकल एक्सपर्ट डॉ संजय कुमार रॉय तथा प्रख्यात मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ बिश्वरूप रॉय चौधरी ने आयुर्वेद के समकालीन महत्व को रेखांकित किया। डॉ बिश्वरूप रॉय चौधरी ने अपने अंदाज में कैंसर के प्रति उपस्थित श्रोताओं को आगाह किया और बताया कि कैंसर सेल्स हमारे शरीर में पहले से ही विद्यमान हैं; गलत जीवन शैली की वजह से ये सेल्स शरीर को रोगी बना देते हैं।

प्राणायाम और मिलेट्स के महत्व पर भी हुई बात

लंच के बाद के सत्र में भारतीय योग संस्थान के श्री देशराज ने उपस्थित श्रोताओं को योग का महत्व बताते हुए प्राणायाम के बारे में भी बताया। इसी सत्र में ऑल इंडिया इंस्टीच्युट के प्रोफेसर संतोष भाटेड एवं डॉ रामलखन मीना ने मिलेट्स के महत्व पर बात की। उन्होंने जीवन शैली में मिलेट्स को शामिल करने की वकालत की। 

प्रख्यात स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ पूजा दीवान  ने गर्भवती महिलाओं के लिए एलोपैथी की अपेक्षा आयुर्वेद को ज्यादा कारगर एवं उपयोगी बताया। पहले दिन के अंतिम सत्र अरविन्दो आश्रम,दिल्ली के प्रतिनिधि में डॉ अपर्णा रॉय ने श्री अरविंद के योग दर्शन के व्यवहारिक पक्ष को प्रस्तुत किया। उन्होंने उपस्थित श्रोताओं को अपने वक्तव्य के माध्यम से ऊर्जावान किया।

दूसरे दिन के कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय आयुष सम्मेलन के संयोजक डॉ. बिपिन कुमार ,आचार्य मनीष,आयुर्वेदाचार्य डॉ अखिलेश शर्मा के विचारों से हुई। डॉ. बिपिन कुमार ने बताया कि सारे रोगों की जड़ आधुनिक जीवन शैली है। उन्होंने कहा बीमारी में लोग सात्विक भोजन की अपेक्षा मसालेदार एवं फास्ट फूड खाना नहीं छोड़ते; यही बीमारी की जड़ है। आयुर्वेदाचार्य डॉ अखिलेश शर्मा जी ने आयुर्वेद को लेकर सरकार एवं आयुष्मान न्यास के अध्यक्ष  डॉ विपिन कुमार के सम्मिलित प्रयासों की भूरि भूरि प्रशंसा की। उन्होंने भारत एवं विश्व में बढ़ते आयुर्वेद के महत्व को भी रेखांकित किया।

'आयुर्वेद के अनुशासन को छोड़ने पर पड़ती है एलोपैथी की जरूरत'

चाय के बाद के सत्र में आइ सी एम आर की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ नीता कुमार ने आयुर्वेद उपचार के साथ साथ नियमित खानपान के प्रति सजग रहने की बात रखी। उन्होंने कहा कि आज अगर हमें स्वस्थ जीवन शैली अपनानी है तो अनुशासित भोजन अपनाना चाहिए। उनके अनुसार मिलेट्स को अपना कर हम अपना और अपने समाज का स्वास्थ्य बेहतर रख सकते हैं। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ हिमांशु वर्मा ने रोगों को  दूर करने हेतु आयुर्वेद पद्धति को    अपनाने की वकालत की। उनका कहना था कि एलोपैथी की ज़रूरत तब पड़ती है, जब हम आयुर्वेद के अनुशासन का पालन करना छोड़ देते हैं।

दोपहर के भोजन के बाद के सत्र महाजन इमेजिन के एमडी डॉ हर्ष महाजन जी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि आजकल बच्चे भी आधुनिक जीवन शैली से प्रभावित हैं। बच्चों के माता-पिता की जीवन शैली बच्चों के स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है। उन्होंने भविष्य में बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने को कहा। डॉ महाजन ने इसका उपाय आयुर्वेद को ही माना। डॉ डी आर जी पैथ लैब के फाउंडर डॉ रवि गौर ने बिभिन्न टेस्ट की एक रिपोर्ट प्रस्तुत की और बताया कि इनमें से आधे से ज्यादा लोग गलत खानपान के शिकार हैं। बढ़ते रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की वजह से लोग सुस्त और कम ऊर्जा के शिकार हैं। थकान,चिड़चिड़ापन सब इन्हीं कारणों से पैदा हो रहे हैं।

समापन सत्र में रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी शांतात्मानंद जी महाराज  ने स्वामी विवेकानंद के आदर्शों एवं जीवन शैली को आज की बड़ी आवश्यकता बताई।उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कर्मयोग,ज्ञानयोग,राजयोग एवं भक्तियोग को बहुत ही सरलता व स्पष्टता से समाज में रखा है। जो आधुनिक जीवन शैली में अमृतपान के समान है। 

समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद बिहार के सारण लोकसभा के लोकप्रिय सांसद श्री जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने समाज में आयुष के बढ़ते लोकप्रियता के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के विशेष पहल पर ही आज पूरी दुनिया विश्व योग दिवस के रूप में स्वीकार किया है। अतिथि विशिष्ट के रूप में राज्यसभा के पूर्व सांसद श्री प्रदीप गांधी एवं कार्यकारी निदेशक श्री राजीव भारद्वाज ने आयुष के महत्व पर प्रकाश डाला। 

कॉन्फ्रेंस के अंत में आयुष्मान न्यास के अध्यक्ष एवं कांफ्रेंस के आयोजक डॉ विपिन कुमार ने सभी विद्धत अतिथियों एवं उपस्थित श्रोताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया और भविष्य में होने वाले इसी प्रकार के कार्यक्रम में पुनः आमंत्रण का आश्वासन दिया।

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