CWG 2022 में रजत पदक जीतने के बाद विकास ठाकुर ने मूसेवाला को दी श्रद्धांजलि, गायक का सिग्नेचर स्टेप 'थप्पी' के साथ मनाया जश्न, देखें वीडियो
By अनिल शर्मा | Published: August 3, 2022 02:16 PM2022-08-03T14:16:41+5:302022-08-03T14:21:00+5:30
विकास ठाकुर ने कहा कि "मैं उनसे (मूसेवाला) कभी नहीं मिला लेकिन उनके गाने हमेशा मेरे साथ रहेंगे। प्रतियोगिता में आने से पहले भी, मैं उनका ही संगीत सुन रहा था। मैं हमेशा उनका बहुत बड़ा प्रशंसक रहूंगा।
CWG2022 : कॉमनवेल्थ गेम्स में पुरुषों के 96-किलोग्राम वर्ग में रजत पदक विजेता भारतीय वेटलिफ्टर विकास ठाकुर ने पदक का जश्न मनाने के दौरान दिवंगत सिंगर सिद्धू मूसेवाला का सिग्नेचर स्टेप 'थप्पी' किया। विकास ठाकुर के मुताबिक जब वह लिफ्टिंग कर रहे थे, उस वक्त भी वह मूसेवाला के गानों के बारे में सोच रहे थे। जीत के बाद उन्होंने मूसेवाला को श्रद्धांजलि देते हुए उनका सिग्नेचर स्टेप थप्पी किया। इसका वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है।
विकास ठाकुर ने बताया का सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद वह दो दिनों तक कुछ नहीं खाए थे। विकास ने कुल 346 किग्रा (155 किग्रा + 191 किग्रा) उठाकर पुरुषों की 96 किग्रा स्पर्धा में दूसरा स्थान हासिल किया। हिमाचल प्रदेश में राजपूत जाट समुदाय से आने वाले विकास ने कहा, "पंजाबी 'थापी' (थाई फाइव) सिद्धू मूसेवाला को एक श्रद्धांजलि थी।" गौरतलब है कि पंजाबी गायक व राजनेता की 29 मई को मनसा में दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। वह केवल 28 वर्ष के थे।
Another SILVER🥈 for India🇮🇳.
— VINAY (@vinaytwtz) August 2, 2022
Well Done #VikasThakur
He clinches the Silver Medal as he lifts a combined total of 346Kg in Weightlifting - Men's 96Kg category.#CWG2022#CWG2022India#B2022pic.twitter.com/v0cyryCl0d
यादव ने अपना दूसरा राष्ट्रमंडल खेल रजत जीतने के बाद पीटीआई के साथ बातचीत के दौरान कहा, "मैंने (उनकी मृत्यु के बाद) दो दिनों तक नहीं खाया।" विकास ने ग्लासगो 2014 संस्करण में रजत (85 किग्रा) जीता था, जबकि गोल्ड कोस्ट 2018 में उन्होंने कांस्य (94 किग्रा) के हासिल किया था।
बकौल विकास- "मैं उनसे (मूसेवाला) कभी नहीं मिला लेकिन उनके गाने हमेशा मेरे साथ रहेंगे। प्रतियोगिता में आने से पहले भी, मैं उनका ही संगीत सुन रहा था। मैं हमेशा उनका बहुत बड़ा प्रशंसक रहूंगा। वह हमेशा थप्पी पर 'जोर बिना पत्ता दे थापी बजती ना' (कुछ हासिल करने के लिए आपको इसे अपना सब कुछ देना होगा) कहते थे ।''