Fact Check: सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ये वीडियो रवीश कुमार का नहीं, जानें क्या पूरी सच्चाई?
By स्वाति सिंह | Published: October 3, 2020 10:11 AM2020-10-03T10:11:51+5:302020-10-03T10:11:51+5:30
सोशल मीडिया पर वायरल होते एक वीडियो में जिस शख्स को रवीश कुमार बताय़ा जा रहा है वह रवीश कुमार नहीं हैं। दरअसल वीडियो में दिख रहे रिपोर्टर का नाम फयाज बुखारी है जो कि जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं।
नई दिल्ली: इन दिनों सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो के सामने आने के बाद एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार को ट्रोल कर रहे हैं। बीजेपी के विधायक ने भी इस वीडियो को शेयर कर रवीश कुमार को ट्रोल किया था। वहीं, रवीश कुमार ने इस वीडियो का जिम्मेदार आईटी सेल को बताया है।
दरअसल, ये वीडियो एनडीटीवी के रिपोर्टर का गोलीबारी से बचने की कोशिश के दौरान का है, जिसे सोशल मीडिया पर दावों के मुताबिक पत्रकार रवीश कुमार हैं | हालांकि, जब इसकी जांच की गई तो पाया गया कि इस वीडियो में पत्रकार फ़याज़ बुखारी हैं ना कि रवीश कुमार। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुखारी ने इस बात की पुष्टि भी की है। उन्होंने बताया कि यह वीडियो 2006 कश्मीर में एक कांग्रेस रैली का है जब वह भारी गोलीबारी से बचने कि कोशिश में थे क्योंकि वह 'खुले में खड़े होकर लाइव प्रसारण कर रहे थे।'
इस मसीहा पत्रकार को पहचानते हैं? ये दुनिया को पत्रकारिता पर ज्ञान देने की खान हैं। इन्हें आजकल की पत्रकारिता इन्हें मज़ाक़ लगता है। क़ैदें हैं रविश कुमार। @SushantBSinha@anuraagmuskaan@KapilMishra_IND@TajinderBagga@Rajput_Ramesh@DChaurasia2312@SureshNakhua@beingarun28pic.twitter.com/zm260NbCmN
— Indu Tiwari (@indutiwarijbp) September 29, 2020
इस मसीहा पत्रकार को पहचानते हैं?
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) September 29, 2020
(Hint: ये दुनिया को पत्रकारिता पर ज्ञान देने की खान हैं) pic.twitter.com/sxXHhKPbw1
वहीं, इस वायरल वीडियो पर रवीश कुमार ने कहा, 'तो आपने रवीश कुमार के बारे में झूठ का नया वीडियो देखा ? जबलपुर से बीजेपी के विधायक हैं सुशील इंदु तिवारी। इन्होंने एक वीडियो ट्वीट किया है कि उसमें मैं हूँ। जबकि मैं नहीं था। यह एक पैटर्न के तहत किया जाता है ताकि इनके समर्थकों की सोचने की शक्ति कभी पनप न सके। ये लोग ऐसे वीडियो डाल कर टेस्ट करते हैं कि मूर्ख बना हुआ है या नहीं। दो तीन लोगों ने ऐसे वीडियो भेज कर पूछा जैसे मैंने पत्रकारिता का नाश कर दिया हो उस वीडियो में जिसमें मैं था ही नहीं। यह वीडियो मेरे बारे में कम अपने समर्थकों के बौद्धिक विनाश के बारे में ज़्यादा है। विधायक के बाद जिस तरह आई टी सेल की मानसिकता वालों ने इसे ट्वीट किया है उससे पता चलता है कि अपने लोगों को बाड़े में घेर कर रखो, उन्हें झूठ की सप्लाई देते रहो वर्ना वे भेड़ से घोड़ा बन जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा, 'आप सोचिए कि ये लोग मुझे लांछित करने के लिए कितना पीछे जा चुके हैं। 17 साल पुराने वीडियो में मुझे ढूंढ़ा जा रहा है। हैं न कमाल। ये क्यों किया जा रहा है ? क्योंकि गोदी मीडिया की अश्लीलताओं को सही ठहराया जा सके। ये चाहते हैं कि सब मिट जाएं और मिट्टी में मिल कर एक जैसे हो जाएं ताकि कोई भेद न रहें। मेरे बारे में आई टी सेल की मेहनत कमाल की है। विश्व गुरु भारत का मीडिया दो कौड़ी का मीडिया है। इसे महान बनाने के लिए रवीश कुमार का 17 साल पुराना वीडियो ढूंढा जा रहा है। जब नहीं मिलता है तो कुछ मिलता-जुलता ढूंढ़ा जा रहा है। लगे रहिए इसी में। रिज़ल्ट आएगा ज़ीरो ही। पांच ट्रिलियन बकते बकते माइनस में चली गई है जीडीपी। झूठ पर टिका वर्तमान भविष्य को ऐसे ही गड्ढों में गिरा देता है।'