वीडियोः 125 साल के योग गुरु स्वामी शिवानंद के इस अंदाज से राष्ट्रपति और पीएम नतमस्तक, पद्म श्री पुरस्कार नवाजे गए, देखें
By सतीश कुमार सिंह | Published: March 21, 2022 07:58 PM2022-03-21T19:58:16+5:302022-03-22T14:03:38+5:30
समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा जारी एक वीडियो में स्वामी शिवानंद को सम्मान के रूप में पुरस्कार प्राप्त करने से पहले राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को नमन करते देखा जा सकता है।
नई दिल्लीः योग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 125 वर्षीय योग चिकित्सक स्वामी शिवानंद को सोमवार को पद्म श्री से सम्मानित किया गया। शिवानंद शायद देश के इतिहास में सबसे पुराने पद्म पुरस्कार विजेता हैं और उन्हें 'योग सेवक' के रूप में वर्णित किया गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा जारी एक वीडियो में स्वामी शिवानंद को सम्मान के रूप में पुरस्कार प्राप्त करने से पहले राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को नमन करते देखा जा सकता है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
#WATCH Swami Sivananda receives Padma Shri award from President Ram Nath Kovind, for his contribution in the field of Yoga. pic.twitter.com/fMcClzmNye
— ANI (@ANI) March 21, 2022
125 वर्षीय योग चिकित्सक स्वामी शिवानंद नंगे पैर पद्म श्री लेने पहुंचे। माहौल उस वक्त भावुक हो गया, जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने नतमस्तक हो गए। घुटनों के बल बैठ गए। अपनी फिटनेस से सभी को हैरान कर दिया। 1896 में जन्मे बाबा शिवानंद बंगाल से काशी पहुंचे। चारों ओर सेवा करना जारी रखते हैं। वह तीन दशकों से अधिक समय से काशी के घाटों पर योग का अभ्यास और शिक्षण कर रहे हैं।
125 वर्षीय योग गुरु स्वामी सिवानंद जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों पद्मश्री सम्मान लेने नंगे पैरों राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में पहुंचे तो वहां मौजूद सभी लोगों ने अपने स्थान पर खड़े होकर तालियां बजाकर उनका सम्मान किया। सोमवार को सम्मान प्राप्त करने से पहले सिवानंद ने जब राष्ट्रपति कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नमस्कार किया तो एक बार फिर सभी ने उनके सम्मान में तालियां बजाईं।
उनके नमस्कार के जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने तुरंत हाथ जोड़ा और नतमस्तक हुए। सफेद धोती-कुर्ता पहने योग गुरु मंच पर पहुंचने से पहले दो बार फिर नतमस्तक हुए और राष्ट्रपति कोविंद ने आगे बढ़कर उन्हें सहारा दिया और उन्हें खड़ा किया। उसके बाद राष्ट्रपति ने उन्हें पद्मश्री पुरस्कार और प्रशस्तिपत्र से सम्मानित किया।
योग गुरु को सम्मानित करने के दौरान राष्ट्रपति कोविंद उनसे बातचीत करते नजर आए और जब दोनों ने तस्वीरें खिंचवाईं तो दरबार हॉल फिर से तालियों से गूंज उठा। स्वामी सिवानंद ने अपना पूरा जीवन मानव मात्र के कल्याण में समर्पित किया है।