'सिर्फ धोती-कुर्ता और साड़ी', काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए नया ड्रेस कोड लागू, लोग बोले- 'योगी सरकार ने डायल किया रॉन्ग नंबर'
By पल्लवी कुमारी | Published: January 13, 2020 03:56 PM2020-01-13T15:56:40+5:302020-01-13T15:56:40+5:30
काशी विश्वनाथ मंदिर में ड्रेस कोड: धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी की अध्यक्षता में मंदिर प्रशासन और काशी विद्वत परिषद के सदस्यों की बैठक कमिश्नरी सभागार में ड्रेस कोड वाला फैसला लिया है।
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है। नए ड्रेस कोड के मुताबिक स्पर्श दर्शन के लिए अब पुरुषों को धोती कुर्ता और महिलाओं को साड़ी पहनना अनिवार्य होगा। इसके अलावा जो कोई भी पैंट, शर्ट और जीन्स टॉप या अन्य किसी ड्र्रेस में मंदिर जाएंगे तो उन्हें स्पर्श दर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह नई व्यवस्था मकर संक्रांति के बाद लागू होगी और मंगला आरती से लेकर दोपहर की आरती तक प्रतिदिन या व्यवस्था लागू रहेगी।
काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन के लिए ड्रेस कोड लागू होने के साथ-साथ स्पर्श दर्शन की अवधि भी बढ़ाई जा सकती है। धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी की अध्यक्षता में मंदिर प्रशासन और काशी विद्वत परिषद के सदस्यों की बैठक कमिश्नरी सभागार में ड्रेस कोड वाला फैसला लिया है।
इस फैसले के बाद से ट्विटर पर योगी सरकार की आलोचना होने लगी है। वैरीफाइड यूजर प्रीति शर्मा ने लिखा है, भयावह! काशी विश्वनाथ मंदिर में पारंपरिक पहनावे में ही दर्शन के लिए आना होगा। दुनिया भर के लाखों पर्यटकों को अब विशेष पोशाक लेकर आने होंगे। यह पागलपन क्या है?! ये कौन लोग हैं जो हिंदू और हमारे भगवान के बीच आ रहे हैं?
Appalling!
— Preeti Sharma Menon (@PreetiSMenon) January 13, 2020
Kashi Vishwanath temple decrees darshan only for those in traditional attire. Millions of tourists from across the world are now expected to carry special attire? What is this insanity?!
Who are these people who are coming between us Hindus and our Gods?#Dystopiahttps://t.co/tyWGJdtG0u
Now you need a dress code to meet the maker 🤭. Wrong number hai ye! https://t.co/9mgEZ4JpIL
— Adarsh Maheshwari (@AAPAdarsh) January 13, 2020
Hinduism is the religious which doesn't apply barriers on anyone..
— Abhishek Mishra (@Ohyessabhi) January 13, 2020
This is as bad a decision that they could have taken..
Terrible https://t.co/BlOyEhXJHE
Who the hell are you to decide what to wear and how to worship God. https://t.co/px1E8TtUPS
— Ankit Yadav (@ankityadavbhu) January 13, 2020
जे बात...
— Siddharth (@RJSIDDHARTH) January 13, 2020
कपड़ों से पहचान लिए जायेंगे https://t.co/Hu7aSZ3FhC
This is an insult to the god who sees us as a whole and not our clothes. This is really really shameful. Hinduism is reaching it's low day by day with these things coming up https://t.co/UTGVnAPAAe
— fernweh (@justacrazyass) January 13, 2020
काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श दर्शन के लिए ड्रेस कोड लगाया गया है. इसके बाद खुद शंकर जी भी शिवलिंग नहीं छू पाएंगे.
— Ashish Mishra (@ktakshish) January 13, 2020
क्या आस्था पर दिखावा भारी पड़ रही? क्या कपड़ों से पहचान होगी कि भगवान के कौन कितने नज़दीक? काशी विश्वनाथ मंदिर का नया ड्रेस कोड मेरी समझ से परे। रही बात नज़दीक या दूर से दर्शन की तो पहले भी लोग दूर से ही दर्शन करते थे। कोई समझाएंगा कि धोती कुर्ती या साड़ी-सलवार से क्या बदलेगा??
— शुभांकर मिश्रा (@ShubhankrMishra) January 13, 2020