दादर में कुत्ते के गुम होने के बाद मची खलबली, जानिए कैसे मिला तीन महीने के बाद नासिक में
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 26, 2022 06:29 PM2022-02-26T18:29:18+5:302022-02-26T18:34:25+5:30
बीते छह दिसंबर को अंबेडकर जयंती के मौके पर शिवाजी पार्क में लगी हजारों लोगों की भीड़ के बीच बघीरा कहीं गुम हो गया और तीन महीने तक लापता रहने के बाद बघीरा नासिक के फार्म हाउस से मिला।
मुंबई: दादर के शिवाजी पार्क से तीन महीने पहले लापता हुआ कुत्ता बड़े ही खोजबीन के बाद नासिक में मिला है। शुक्रवार की शाम नासिक के संगमनेर के एक फार्म हाउस से बरामद हुए कुत्ते का नाम बघीरा बताया जा रहा है जो बीते 6 दिसंबर को शिवाजी पार्क से गायब हो गया था। दरअसल 6 दिसंबर को अंबेडकर जयंती थी, जिसके कारण शिवाजी पार्क में काफी भीड़ थी और उसी भीड़ में बघीरा कहीं गुम हो गया था।
दादर वेस्ट की रहने वाली 29 साल की रुचि सिंघी ने बताया कि वो इलाके के तमाम कुत्तों को अक्सर खाना देती है। बघीरा उन्हें साल 2018 को उसी शिवाजी पार्क में लावारिस हालत में मिला था, जहां से वो बीते 6 दिसंबर को लापता हो गया था।
रुचि ने बताया कि उन्हें देखा कि वो छोटा सा कुत्ते के बच्चे की शक्ल मोगली सीरियल में आने वाले बघीरा से काफी मिलती-जुलती है। इस वजह से उन्होंने उसका नाम बघीरा रख दिया। शिवाजी पार्क के आसपास बघीरा धीरे-धीरे काफी पॉपुलर हो गया क्योंकि वो किसी को काटना नहीं था बल्कि सभी के साथ बड़े ही प्यार से रहता था।
बीते छह दिसंबर को जब अंबेडकर जयंती थी तो उस वक्त शिवाजी पार्क में हजारों लोगों की भीड़ जमा थी। उसी भीड़ में बघीरा कहीं गुम हो गया। रुचि ने बताया, "हर दिन की तरह उस दिन भी मैं जब कुत्तों को खाना खिलाने गई तो देखा कि बघीरा गायब था। बाद में मैंने इलाके के सीसीटीवी फुटेज चेक किया तो पाया कि उसे कुछ युवकों ने उठा लिया है। सीसीटीवी फुटेज से मैं उन युवकों के बाइक का नंबर हासिल करने में कामयाब रही, तब मुझे पता चला कि वो उसे लेकर साकीनाका की ओर गये हैं।”
रुचि सिंघी ने कहा, “हालांकि, जब मैंने आगे पता किया तो मुझे जानकारी मिली की बघीरा उन युवकों के घर से भागने में कामयाब हो गया था। इसलिए मैंने बघीरा की तलाश में सोशल मीडिया पर कई पोस्ट लिखीं और इलाके में बघीरा का पोस्टर भी लगवाया कि पता चल सके कि आखिर वो है किधर।”
उन्होंने बताया कि वो बघीरा को तलाशने के सभी प्रयास कर रही थीं तभी उन्हें जनवरी के अंत में पता चला कि बघीरा एक सब्जी बेचने वाले के पास था। रुचि ने बताया, "जनवरी के आखिर में मुझे साकीनाका के एक टमाटर विक्रेता का फोन आया और उसने बताया कि बघीरा उन्हें मिला था और उन्होंने बघीरा को नासिक में अपने गांव भेज दिया लेकिन वो वहां से भी भाग गया है।"
उस जानकारी के बाद परेशान रुचि बघीरा की तलाश में सीधे नासिक पहुंची। नासिक में रुचि ने एक बार फिर बघीरा के पोस्टर पूरे शहर में लगवाये। रुचि ने बताया कि इस काम में नासिक के कुछ दोस्तों ने उनकी मदद की और बघीरा के ब्रोशर और तस्वीरें को शहर के कोने-कोने में फैलाने में मदद की। बीते गुरुवार की रात थी रुचि की मेहनत रंग लाई और उन्हें नासिक के संगमनेर से बनवाड़े जी का फोन आया।
बनवाड़े ने रुचि को बताया कि बघीरा उनके पास है और उनके फार्महाउस पर पूरी तरह से सुरक्षित है और आखिरकार इस तरह तीन महीने तक लापता रहने के बाद बघीरा एक बार फिर रुचि को वापस मिल गया।