भुवनेश्वर: पिछले हफ्ते ट्विटर पर एक महिला की तस्वीर खूब वायरल हुई थी। तस्वीर में महिला कोविड पॉजिटिव हुए ससुर को अपनी पीठ पर लेकर ऑटो में चढ़ाती नजर आ रही है। इस तस्वीर की यूजर्स ने खूब प्रशंसा की। हालांकि, अब इस 24 वर्षीय महिला निहारिका दास की प्रतिक्रिया सामने आई है।
निहारिका दास ने कहा है कि वे उम्मीद करती हैं कि किसी और ऐसी परिस्थिति से गुजरना नहीं पड़े। दरअसल ये पूरा मामला 2 जून का है। असम के नागांव के राहा में स्थित भाटिगांव की रहने वाली निहारिका के ससुर थुलेश्वर दास में कोरोना के लक्षण नजर आने लगे थे।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार थुलेश्वर दास 75 साल के हैं और सुपारी बेचने का काम करते हैं। कोरोना के लक्षण दिखने के बाद उनकी तबीयत ज्यादा खराब होने लगी थी। इसके बाद निहारिक ने खुद एक ऑटो-रिक्शा की व्यवस्था की और उन्हें लेकर नजदीक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गई। ये स्वास्थ्य केंद्र राहा से दो किलोमीटर दूर है।
निहारिका ने कहा “ मेरे पति सिलीगुड़ी में काम करते है इस वजह से वो घर पर नहीं थे । मेरे घर तक जाने वाली सड़क ऑटो आने के योग्य नहीं थी, इसलिए ऑटो मेरे दरवाजे तक नहीं पहुंच सका और मेरे ससुर इतने कमजोर थे कि खड़े भी नहीं हो सकते थे इसलिए मेरे पास उन्हें अपनी पीठ पर बिठाने और कुछ दूरी पर खड़ी गाड़ी में ले जाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था। ”
इस मामले मे अधिकारियों का बयान-
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में थुलेश्वर के सकारात्मक परीक्षण के बाद, अधिकारियों ने उन्हें बताया कि उनकी हालत गंभीर होने के कारण उन्हें 21 किमी दूर नागांव में एक कोविड अस्पताल ले जाना पड़ा। इसके लिए हमें एक और निजी वाहन के लिए फोन करना पड़ा। कोई एम्बुलेंस या स्ट्रेचर नहीं था, इसलिए मरिज को फिर से कार में ले जाना पड़ा।
वही निहारिका ने बताया कि जब वह इन हालातों से गुजर रहीं थी तो लोग उन्हें घूर कर देख रहे थे। किसी ने मेरी मदद के लिए अपना हाथ आगे नही बढ़ाया। मेरे ससुर लगभग बेहोश हो गए थे और मुझे उन्हें ले जाने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत ताकत लगी।
महिला ने बताया कि “हमें नगांव सिविल अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहाँ भी, मुझे उन्हे अपनी पीठ पर तीन मंजिल की सीढ़ियों तक ले जाना पड़ा। मैंने मदद मांगी लेकिन कोई उपलब्ध नहीं था"।
वहीं सोशल मीडिया पर निहारिका के इस काम कि तस्वीर वायरल होने के बाद उनकी लोग खूब तारीफे कर रहे थे। निहारिका से जब उनकी इस वायरल फोटो के बारे में पूछा गया तो उन्होने कहा कि उन्हें वायरल पोस्ट के बारे में तब तक कोई जानकारी नहीं थी जब तक कि एक स्थानीय समाचार चैनल ने उनसे साक्षात्कार के लिए संपर्क नहीं किया।
इसके आगे निहारिका ने बताया कि “बेशक, मुझे खुशी है कि लोगों को तस्वीर देखकर अच्छा लगा। फोटो के माध्यम से मैं केवल यही संदेश देना चाहती हूं कि लोग एक-दूसरे की मदद करें- चाहे वह आपके माता-पिता हों, ससुराल वाले हों या फिर अजनबी हों। मैने उस दुख की घड़ी मे अकेलापन और खुद को पूरी तरह से टूटा हुआ महसूस किया। ”
वही निहारिका ने यह भी बताया कि ग्रामीण स्वास्थ्य ढांचे में सुधार की जरूरत है, बात को बताते हुए उसने आगे कहा, "एम्बुलेंस ना मिलने के कारण हम उन्हे किराए कि एक छोटी सी वैन में अस्पताल ले गए। सौभाग्य से, उन्हे रास्ते में ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं हुई लेकिन अगर ऐसा होता , तो निश्चित रूप से उनकी जान चली जाती "।
बता दें कि थुलेश्वर की हालत बिगड़ने पर उसे 5 जून को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। वहीं सोमवार की रात उन्होंने वायरस के कारण दम तोड़ दिया। निहारिका भी कोविड पॅासिटिव पाई गई।