JNU छात्रों की आलोचना कर सुशील मोदी की हुई किरकिरी, नेता ने भी कहा- 'पीएम पढ़े होते तो छात्रों के साथ खड़े होते'
By पल्लवी कुमारी | Published: November 20, 2019 11:40 AM2019-11-20T11:40:09+5:302019-11-20T11:40:09+5:30
JNU Fee hike protest: फीस बढ़ाने के विरोध में सोमवार को जेएनयू छात्रों ने संसद भवन तक मार्च किया था। संसद मार्च के दौरान स्थिति को काबू में करने के लिए दिल्ली पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया था। पुलिस ने छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत करीब 100 जेएनयू छात्रों को हिरासत में लिया था।
बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्रों के विरोध प्रदर्शन पर तंज भरा ट्वीट किया। इस ट्वीट को लेकर सुशील कुमार मोदी की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई है। यूजर ने ही नहीं बल्कि नेताओं ने भी सुशील कुमार मोदी के ट्वीट पर तंज कसा। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्र तकरीबन एक हफ्ते से हॉस्टल के बढ़े फीस को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ''जेएनयू में फीस वृद्धि कोई इतना बड़ा मुद्दा नहीं कि इसके लिए संसद मार्च निकाला जाए। हकीकत यह है कि जो शहरी नक्सली इस कैम्पस में बीफ पार्टी, पब्लिंक किसिंग, महिषासुर महिमामंडन, स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का मानभंजन और देश के टुकड़े-टुकड़े करने के नारे लगाने जैसी गतिविधियों.....।'' सुशील कुमार मोदी ने यह ट्वीट 19 नवंबर की शाम को की है।
जेएनयू में फीस वृद्धि कोई इतना बड़ा मुद्दा नहीं कि इसके लिए संसद मार्च निकाला जाए।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) November 19, 2019
हकीकत यह है कि जो शहरी नक्सली इस कैम्पस में बीफ पार्टी, पब्लिंक किसिंग, महिषासुर महिमामंडन, स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का मानभंजन और देश के टुकड़े-टुकड़े करने के नारे लगाने जैसी गतिविधियों..... pic.twitter.com/IB1ej0oSjm
इनके ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी(सपा) के प्रवक्ता अमीक जामेई ने लिखा, ''सठिया गए है आप भी, पीएम पढ़े होते तो छात्रों के साथ खड़े होते पहले आप बाढ़ से मुहल्ला सुरक्षित कर ले फिर ट्विटियाएगा!''
सठिया गए है आप भी, पीएम पढ़े होते तो छात्रों के साथ खड़े होते पहले आप बाढ़ से मुहल्ला सुरक्षित कर ले फिर ट्विटियाएगा! #पतंजलिहानिकारकहै@standwithjnu@jnu_rjdhttps://t.co/6mLSlaechc
— Ameeque Jamei अमीक़ जामेई (@ameeque_Jamei) November 19, 2019
वैरिफाइड यूजर वैभव विशाल ने लिखा है, ''आप जैसे लोग जो आज जेएनयू में लगी इस आग को सेंक रहे हैं, भूल गए हैं कि आप भी ऐसे ही विश्वविद्यालयों से पनपे हैं। छात्रों की तुलना आतंकवादियों से करना निहायती छिछली किस्म की राजनीति का द्योतक है। शर्म की बात यह है कि आप भी एक ज़माने में छात्र नेता हुआ करते थे।"
आप जैसे लोग जो आज जेएनयू में लगी इस आग को सेंक रहे हैं, भूल गए हैं कि आप भी ऐसे ही विश्वविद्यालयों से पनपे हैं. छात्रों की तुलना आतंकवादियों से करना निहायती छिछली किस्म की राजनीति का द्योतक है. शर्म की बात यह है कि आप भी एक ज़माने में छात्र नेता हुआ करते थे. क्या, सर!
— Vaibhav Vishal (@ofnosurnamefame) November 19, 2019
एक यूजर ने लिखा, ''महोदय आप लोग जब अपनी सैलेरी बढ़ाने के लिए एक मत से बिल पास कर देते है, वैसी एकता जनहित मे कभी नहीं दिखाते। आज वायु प्रदूषण के मामले मे 75% सांसद नदारद रहे संसद से। बैंक वालों का वेतन समझौता 2 साल से लम्बित है, किसी ने सुध ली?''
महोदय आप लोग जब अपनी सैलेरी बढाने के लिए एक मत से बिल पास कर देते है, वैसी एकता जनहित मे कभी नहीं दिखाते।
— Varsha Tripathi ✳ (@Maurya_twitt) November 19, 2019
आज वायु प्रदूषण के मामले मे 75% सांसद नदारद रहे संसद से।
बैंक वालों का वेतन समझौता 2 साल से लम्बित है, किसी ने सुध ली? @IMinakshiJoshi@PiyushGoyal@idesibanda@PMOIndia
एक यूजर ने लिखा, लोकतंत्र से तानाशाही की तरफ बढ़ते कदम...,पढ़ाई छोड़ सड़क पर उतरने को मजबूर हुए छात्र ,जिम्मेदार कौन?
लोकतंत्र से तानाशाही की तरफ बढ़ते कदम...
— SONU KUMAR (@SONUKUM99067792) November 19, 2019
पढ़ाई छोड़ सड़क पर उतरने को मजबूर हुए छात्र ,जिम्मेदार कौन? #JNUProtests
देखें लोगों की प्रतिक्रिया
देश के सबसे पिछड़े राज्य, अपराध से त्रस्त राज्य, शिक्षा में सबसे बड़े शिक्षण केंद्र पटना के लिए सबसे निचले ग्रेड सी को पाने वाला राज्य, जहाँ अधिकतर विश्वविद्यालयों का सेशन डिग्री का 3 के बजाय 5 साल का चल रहा है, माफ कीजिएगा वहाँ के उप मुख्यमंत्री के मुँह से यह शोभा नहीं देता।
— Makpandey (@jannattalkies) November 19, 2019
छात्रों का मुद्दा तो मंत्री संत्री सांसदों और विधायकों की मुफ्त खोरी बंद करवाना होनी चाहिए,, आप लोग जो मुफ्त में जनता की पैसा पानी की तरह बहाते हैं वो मुफ्त खोरी पुरी तरह से बंद होनी चाहिए।
— om prakash yadav (@omprakashrjd) November 19, 2019
जेपी की आत्मा कराह उठेगी सुशील मोदी जी। आपने भी तो पटना साइंस कॉलेज में टैक्स पेयर्स के पैसे से मुफ्त में पढ़ाई की थी। उसका कोई हिसाब देंगे? जेपी आंदोलन की बदौलत डिप्टी सीएम बने, पटना में बाढ़ आई तो 3 दिन घर में छुपे रहे, क्या इसी के लिए हम टैक्सपेयर्स ने आपकी पढ़ाई का खर्च भरा?
— Dr. Vishnu Rajgadia (@VishnuRajgadia) November 19, 2019