भगवा कपड़ों में रामायण सर्किट एक्सप्रेस ट्रेन में काम करते दिखे वेटर! वीडियो देख कई यूजर्स बोले- ये साधु-संतो का अपमान

By विनीत कुमार | Published: November 16, 2021 10:45 AM2021-11-16T10:45:42+5:302021-11-16T10:45:42+5:30

रामायण सर्किट एक्सप्रेस के एक वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स सवाल उठा रहे हैं। वीडियो में भगवा कपड़ों में वेटर काम करते नजर आ रहे हैं। इसे कुछ ट्विटर यूजर्स ने साधु-संतों का अपमान बताया है।

Ramayana Circuit Express waiters working in saffron clothes video controversy | भगवा कपड़ों में रामायण सर्किट एक्सप्रेस ट्रेन में काम करते दिखे वेटर! वीडियो देख कई यूजर्स बोले- ये साधु-संतो का अपमान

भगवा कपड़ों में रामायण सर्किट एक्सप्रेस ट्रेन में काम करते दिखे वेटर (फोटो- वीडियो ग्रैब)

Highlightsरामायण सर्किट एक्सप्रेस ट्रेन में भगवा कपड़ों में वेटर के काम करने को लेकर विवाद।सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने इस वेशभूषा पर सवाल उठाते हुए इसे साधु-संतों का अपमान बताया है।वहीं, कुछ यूजर्स ने ये भी कहा कि इसमें कुछ गलत नहीं है और भगवा संस्कृति का हिस्सा होने के कारण कोई भी पहन सकता है।

नई दिल्ली: धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आईआरसीटीसी की ओर से रामायण यात्रा की योजना बनाई गई है। इसी कड़ी में रामायण सर्किट ट्रेन चलाई जा रही है। एक ट्रेन 7 नवंबर को शुरू की गई थी। वहीं दूसरी ट्रेन 12 दिसंबर से शुरू होगी जिसकी बुकिंग जारी है।

इस योजना के तहत श्रद्धालुओं को भगवान राम से जुड़े 15 स्थलों के दर्शन कराये जाने हैं। इस दौरान ये विशेष ट्रेन करीब 7500 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। हालांकि इन सबके बीच एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे लेकर कई यूजर्स सवाल उठा रहे हैं।

ट्विटर पर शेयर किए गए वीडियो को लेकर दावा किया गया है कि ये अयोध्या-रामेश्वरम रामायण सर्किट एक्सप्रेस के रेस्तरां का है। इसमें सफर के दौरान कुछ यात्री खाना खाते नजर आ रहे हैं। वहीं, वेटर भगवा कपड़ों में नजर आ रहे हैं। उन्होंने संतो की वेशभूषण की तरह गले में माला भी डाल रखी है।

इस वीडियो को लेकर कुछ ट्विटर यूजर्स सवाल उठा रहे हैं। उनका मानना है कि ऐसी वेशभूषा में लोगों के जूठन उठाना, खाना परोसना आदि साधु-संतों का अपमान है। साथ ही यूजर्स ने आईआरसीटीसी सहित रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इसमें बदलाव करने की मांग की है।

इस वीडियो पर एक यूजर ने लिखा, 'सर यह आईडिया विदेशी शिक्षा प्रणाली से शिक्षित IAS अधिकारियों सचिवों का ही हो सकता है कि जिन संतों को साधुओं को हिंदुओं मे पूजा जाता है....उनको वेटर के रूप में काम पर लगा दिया गया, विदेशी संस्कारों, संस्कृति वाले हिंदू संस्कृति संस्कारों को क्या जानें...- बिल्कुल गलत है।'

वहीं एक और यूजर ने लिखा, 'ये गलत है और ड्रेस बदली जानी चाहिए।'

वहीं कुछ यूजर्स ने कहा कि इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। एक यूजर के अनुसार भगवा कपड़े पहनकर कोई भी काम किया जा सकता है। यूजर ने कहा कि भगवा हमारी संस्कृति का हिस्सा है और इसपर किसी एक कार्य से जुड़े व्यक्ति का एकाधिकार नहीं हो सकता है।

सुनील कांत नाम के यूजर ने भी लिखा, 'पुरातन काल में कोई भी व्यक्ति अगर ऋषि के आश्रम पहुंचता था तो ऋषि के शिष्य ही बिना जाति देखे भोजन कराते थे।'

बता दें कि रामायण सर्किट एक्सप्रेस की यात्रा दिल्ली से शुरू हुई थी। इसके तहत ट्रेन राम जन्मभूमि मंदिर के दर्शन कराने के बाद हनुमान मंदिर, भरत मंदिर, जानकी जन्मस्थान, रामजानकी मंदिर, काशी के प्रसिद्ध मंदिर, सीता समाहित स्थल, प्रयाग, श्रृंगवेरपुर, चित्रकूट, पंचवटी, त्रयंबकेश्वर, हनुमान जन्म स्थल, रामेश्वर का शिव मंदिर होते हुए और अंत में धनुषकोडी तक पहुंचेगी।

Web Title: Ramayana Circuit Express waiters working in saffron clothes video controversy

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