अमेरिका में हिंसक प्रदर्शनकारियों के आगे घुटने टेक कर बैठ गई पुलिस, थम गई हिंसा रोने लगे लोग
By अनुराग आनंद | Published: June 1, 2020 03:25 PM2020-06-01T15:25:18+5:302020-06-01T20:29:23+5:30
जब हिंसक प्रदर्शकारियों ने अमेरिका के एक शहर में पुलिस पर हमला करना शुरू कर दिया तो पुलिस बल के जवानों ने हिंसा को रोकने के लिए महात्मा गांधी के अहिंसक तरीके को अपनाया।
नई दिल्ली: पुलिस हिरासत में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद जारी हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच रविवार को अमेरिका में वाशिंगटन डीसी सहित करीब 40 शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं, इस हिंसा की आग अमेरिका के राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस तक भी पहुंच गई है।
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है कि जब हिंसक प्रदर्शकारियों ने अमेरिका के एक शहर में पुलिस पर हमला करना शुरू कर दिया तो पुलिस बल के जवानों ने हिंसा को रोकने के लिए महात्मा गांधी के अहिंसक तरीके को अपनाया।
Every battle is won by humility, not brute force. The Miami police outclassed every police force in the world by apologising before the angry protesters, before cameras, before the world. The crowds began to cry. Violence stopped. Can our police force not think like this? pic.twitter.com/xQjtIc70Xq
— Pritish Nandy (@PritishNandy) June 1, 2020
पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रीतिश नंदी ने सोशल मीडिया मीडिया पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें देखा जा सकता है कि पुलिस हिंसक प्रदर्शकारियों के सामने घुटने टेक कर बैठ गई, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने किसी पुलिस बल पर न तो हमला किया और न ही वो आगे बढ़े। यही नहीं वहां खड़े लोग पुलिस के इस बर्ताव के बाद भावुक होकर रोने लगे।
इस वीडियो को न्यूयॉर्क की एक एबीसी मीडिया कंपनी ने भी अपने ट्वीटर पर साझा किया है। इस मामले में प्रीतिश नंदी ने लिखा है कि हर लड़ाई विनम्रता से जीत सकते हैं , ताकत और बल से नहीं. मयामी पुलिस ने गुस्साए प्रदर्शनकारियों, कैमरों और दुनिया के सामने माफी मांगकर दुनिया के सभी पुलिस बलों को पीछ छोड़ दिया. भीड़ रोने लगी. हिंसा बंद हो गई. क्या हमारा पुलिस बल ऐसा नहीं सोच सकता?
बता दें कि मिल रही जानकारी के मुताबिक, व्हाइट हाउस के बाहर रविवार को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी पहुंच गए। पुलिस को स्थिति को काबू में लाने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। इस घटना ने अमेरिका में अश्वेतों के साथ भेदभाव की बहस छेड़ दी है।
बहरहाल, सीएनएन के अनुसार करीब 15 राज्यों में 5000 नेशनल गार्ड के सदस्यों को तैनात किया गया है। साथ ही जरूरत पड़ने पर किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए 2000 और नेशनल गार्ड भी तैयार रखे गए हैं। अमेरिका में ये हिंसा ऐसे समय में हो रही है जब देश में कोरोना वायरस महामारी के कारण लाखों लोग बेरोजगार हो गये हैं और एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसा टुल्सा और लॉस एंजिलिस तक फैल गई है।
इस बीच डेमेक्रेट राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बाइडन रविवार को डेलावेयर प्रांत में रंगभेद के खिलाफ जारी प्रदर्शन में पहुंचे और कहा कि अमेरिका अभी 'बहुत दर्द में है।' बाइडन ने कहा, 'हम एक देश के तौर पर आज दर्द में हैं लेकिन इस दर्द को हमें बर्बाद करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। एक राष्ट्रपति के तौर पर मैं इस चर्चा का नेतृत्व करूंगा और सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण ये कि मैं सुनूंगा, जैसा कि आज मैंने किया और पिछली रात विलमिंगटन में उस जगह पर गया जहां प्रदर्शन हुए थे।'
Powerful moment as sheriff's deputies stationed outside the county jail in Oklahoma City take a knee in solidarity with protesters. https://t.co/6WhM4hXdm2pic.twitter.com/xjlOPJ7oDI
— ABC News (@ABC) June 1, 2020
इन सबके बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को कह दिया कि अमेरिकी सरकार फासीवाद विरोधी आंदोलन एंटीफा (Antifa) को आतंकवादी संगठन करार देगी। उन्होंने ट्वीट किया- 'अमेरिका ANTIFA को आतंकी सूमह घोषित करेगा।' बता दें कि एंटिपा कोई तय संगठन नहीं है बल्कि एक राय रखने वाले लोगों और कार्यकर्ताओं को वहां एंटिफा कहा जाता है। ये लोग मुख्यतौर पर फासीवाद और धुर दक्षिणपंथी विचारधारा के खिलाफ अपना विचार व्यक्त करते हैं।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, अमेरिका में ये हिंसा अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद भड़की है। अमेरिका के मिनीपोलिस में इस सप्ताह प्रदर्शन भड़क उठे, जब एक वीडियो में एक श्वेत पुलिस अधिकारी को आठ मिनट से अधिक समय तक घुटने से फ्लॉयड का गला दबाते हुए देखा गया और इस दौरान फ्लॉयड सांस लेने देने की फरियाद करता रहा। बाद में फ्लॉयड की मौत हो गई थी। अश्वेत फ्लॉयड को एक दुकान में नकली बिल का इस्तेमाल करने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था।
फ्लॉयड की मौत के बाद मिनीपोलिस में शुरू हुए प्रदर्शन ने शहर के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। इस प्रदर्शन के दौरान कई इमारतों को जला दिया गया और दुकानों में लूटपाट की गई। प्रदर्शन के दौरान कारों और प्रतिष्ठानों में आग लगा दी गई, हर तरफ इमारतों की दीवारों पर स्प्रे करके ‘मैं सांस नहीं ले सकता’ लिख दिया गया। साथ ही व्हाइट हाउस के दरवाजों के पास एक कूड़ेदान में आग लगा दी गई।