हिंदुओं, हिंदू मंदिरों की हालात पर पाकिस्तानी लड़की का वीडियो वायरल, कश्मीर पर भी इमरान सरकार को लगाई लताड़
By पल्लवी कुमारी | Published: September 17, 2019 03:37 PM2019-09-17T15:37:52+5:302019-09-17T16:17:02+5:30
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के एक स्कूल में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के प्रधानाचार्य के खिलाफ कथित तौर पर ईशनिंदा का मामला दर्ज होने के बाद रविवार(15 सितम्बर) को प्रांत के कई इलाकों में दंगे भड़क गये।
पाकिस्तान के लाहौर की रहने वाली लड़की खदीजा अब्बास का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में खदीजा अब्बास पाकिस्तान में होने वाले हिंदुओं पर अत्याचार की बात कर रही हैं। खदीजा अब्बास ने इस वीडियो को अपने फेसबुक पेज पर भी शेयर किया है। वीडियो को शेयर करते हुये खदीजा अब्बास ने लिखा है, ''अगर आप असहिष्णुता में विश्वास करते हैं, तो यह वीडियो आपके लिए नहीं है। मैं पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दुओं के साथ खड़ी हूं। मैं हर अल्पसंख्यकों के साथ हूं।" खदीजा अब्बास के फेसबुक पेज पर 32 हजार फोलोअर्स हैं। खदीजा अब्बास अक्सर ही सोशल मीडिया पर पाकिस्तान में हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाती रहती हैं।
खदीजा अब्बास इस वीडियो में पाकिस्तान के घोटकी सिंध में हिन्दू पर हुये अत्याचार के बारे में बता कर रही हैं। खदीजा अब्बास कहती है, कुछ दिनों पहले सिंध के घोटकी में एक हिन्दू परिवार के घर और हिन्दुओं के मंदिर में तोड़फोड़ की गई है। वह भी सिर्फ इसलिए एक वायरल वीडियो को लेकर।
खदीजा अब्बास कहती हैं, वायरल वीडियो में एक 14 साल का लड़का कहता है कि उसके स्कूल के प्रधानाध्यापक नूतन लाल, जो कि हिन्दू हैं, उन्होंने मुस्लिम धर्म का अपमान किया है। जिसके बाद कुछ लोग गुस्से में लाठी और डंडो को लेकर नूतन लाल की हत्या के मंशा से उसके घर पर हमला करते हैं। लेकिन नूतन लाल बच गया क्योंकि पुलिस उसे पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी।
खदीजा अब्बास ने कहा कि उन्हें इस घटना के बारे में फेसबुक से पता चला। उन्होंने पाकिस्तान के मीडिया संस्थानों की भी आलोचना की है। उन्होंने कहा, हिन्दू परिवार के साथ हुये इस अत्याचार के बारे में किसी मीडिया संस्थान या पत्रकार ने रिपोर्ट नहीं की है।
खदीजा अब्बास कहती हैं, ये गुस्साई भीड़, जिनको ये लगता है कि उन्होंने जो किया सही किया। उनके अंदर किसी न-किसी बात का गुस्सा था, जो उन्होंने मासूम हिन्दूओं पर निकाला। जबकि हमारे देश में हिन्दुओं पर पहले से ही अत्याचार हो रहे हैं।
पाकिस्तानी सरकार और कश्मीर की बात करते हुये खदीजा अब्बास कहती हैं, कश्मीर के हम सबका दिल भी हो रहा है, हमें भी दुख हो रहा है लेकिन उनका क्या जो हमारे वतन में पहले से हैं, हम उनको तो सुरक्षित रख नहीं पा रहे हैं, आज घोटकी में हर हिन्दू अपने घर से निकलने में डरते हैं कि कोई उनकी हत्या ना करे दे, हिन्दू लड़कियां डरती हैं कि कोई उनको अगवा ना कर ले। लेकिन हम अपने अवाम को सुरक्षित ना रखकर कश्मीर के हक के लिए लड़ रहे हैं। मुझे समझ में नहीं आता कि हम किस मुंह से कश्मीर की आजादी की मांग कर रहे हैं, जब हम अपने लोगों की हिफाजत नहीं कर पा रहे हैं।
वीडियो के आखिर में खदीजा अब्बास ने कहा, हमें भारत की गलती तो नजर आती है, हमें नरेन्द्र मोदी की गलती तो दिखती है लेकिन खुद किया नहीं दिखता है। हमें खुद ही सोचना चाहिए कि हम क्या कर रहे हैं।
वीडियो के आखिर में खदीजा अब्बास ने कहा, हमारे अल्लाह ने हमें अत्याचार करना नहीं सिखाया है। मैं माफी मांगना चाहती हूं पाकिस्तान के हर अल्पसंख्यकों से जो इस देश में सताये जा रहे हैं।'
पाकिस्तान में पिछले महीने सिख और हिन्दू लड़कियां के अगवा करने का मामला देखने को मिला था। लड़कियों को अगवा करना उनका धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की गई थी।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटकी दंगा का क्या है पूरा मामला
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में पुलिस ने सोमवार को 218 दंगाइयों के खिलाफ मंदिर सहित संपत्ति को नुकसान पहुंचाने को लेकर तीन मामले दर्ज किए। इससे पहले अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के एक स्कूल प्राचार्य के खिलाफ ईश-निंदा के आरोप में मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद ये दंगा भड़का।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक घोटकी जिले में सिंध पब्लिक स्कूल के एक छात्र के पिता अब्दुल अजीज राजपूत ने प्राचार्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जिसमें दावा किया गया कि अध्यापक ने इस्लाम विरोधी टिप्पणी करके ईश-निंदा का अपराध किया है। इसके बाद रविवार को व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। दंगे के बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से प्राचार्य को गिरफ्तार करने की मांग की। प्राचार्य की पहचान नूतन मल के रूप में हुई है।
डॉन समाचार पत्र ने सुक्कुर के अतिरिक्त महानिरीक्षक (एआईजी) जमील अहमद के हवाले से बताया कि घोटकी पुलिस ने दंगाइयों के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए हैं, जिन्होंने ईश-निंदा की कथित घटना के बाद सड़कों पर प्रदर्शन किये। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने हिंदू मंदिर में भी तोड़फोड़ की।
धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाने के लिए 45 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, जबकि एक अन्य एफआईआर सड़क जाम करने के लिए 150 लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है। दंगे और चोरी के लिए एक तीसरी प्राथमिकी भी दर्ज हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने स्कूल प्रशासन से कहा है कि वह विद्यालय के भवन और संपत्ति को हुए नुकसान के लिए अलग से शिकायत दर्ज कराएं, ताकि एक चौथी प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा सके।
एआईजी अहमद ने पीटीआई को बताया कि कथित आरोपी मल फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं और उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा। इस बीच घोटकी में सोमवार को हालत काबू में रहे, हालांकि हिंदू इलाकों में दुकानें बंद रहीं। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधिमंडल ने धाम मंदिर का दौरा किया और हिंदू समुदाय के प्रति एकजुटता प्रकट की। इस मंदिर में कल उग्र भीड़ ने तोड़फोड़ की थी।