पाकिस्तानी स्कॉलर ने कहा रूस-अमेरिका के बाद कश्मीर-इंडिया की बारी, लेडी सिंघम ने दिया मुँहतोड़ जवाब
By विनीत कुमार | Published: August 19, 2021 12:07 PM2021-08-19T12:07:54+5:302021-08-19T12:07:54+5:30
पाकिस्तानी स्कॉलर आयशा सिद्दीका ने ट्वीट कर कहा है कि काबुल में जीत के बाद जैश ए मोहम्मद एक बार फिर कश्मीर पर बात करने लगा है और लगता है कि अब भारत की बारी है। इस ट्वीट पर भारत की आईपीएस अधिकारी ने जवाब दिया है।
नई दिल्ली: पाकिस्तानी की जानीमानी राजनीतिक कमेंटेटर और लेखिका आयशा सिद्दीका के अफगानिस्तान में तालिबान पर कब्जे के बाद भारत के लिए खतरे की बात पर महिला आईपीएस अधिकारी अंकिता शर्मा ने मुंहतोड़ जवाब दिया है।
अंकिता शर्मा ने आयशा सिद्दीका के उस ट्वीट पर जवाब दिया जिसमें कहा गया था कि अब जैश-ए-मोहम्मद ने एक बार फिर कश्मीर को लेकर बात करना शुरू कर दिया है। जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन है जो पाकिस्तान से संचालन करता है और भारत के खिलाफ साजिश रचता रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार तालिबान के लड़ाकों में जैश के आतंकी भी शामिल हैं।
दरअसल, सिद्दीका ने ट्वीट किया था- 'काबुल में जीत के बाद जैश-ए-मोहम्मद ने कश्मीर को लेकर फिर बात करना शुरू कर दिया है। ऐसा लगता है कि यूएसएसआर और अमेरिका में मिली जीत के बाद अब भारत की बारी है।'
सिद्दीका का इस ट्वीट पर कई जवाब आए। आईपीएस अधिकारी अंकिता शर्मा ने जवाब देते हुए लिखा, 'मैम हमार राष्ट्र अब निर्माण की प्रक्रिया में नहीं हैं। साथ ही हम अमेरिका या यूके हैं जो दूसरे राष्ट्र को तथाकथित वैश्विक शांति के नाम पर संरक्षण देते हैं। हम भारतीय मिट्टी में भारत हैं।'
अंकिता शर्मा 2018 की आईपीएल अधिकारी हैं और सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव भी रहती हैं।
वहीं एक और यूजर ने लिखा, 'आप खुद को स्कॉलर कहती हैं जबकि भारत और अफगानिस्तान आपकी नजरों में एक जैसे हैं..और आपको लगता है कि यूएसएसआर और अमेरिका हार गए? ठीक है..अगली जोक सुनाइए।'
U call yourself a scholar when u think India and Afghanistan are same and u think USSR and US lost ?
— Aαԃԋιɾα 🇮🇳 (@Aadhiraspeaks) August 16, 2021
Ok..Next joke plz
गौरतलब है कि तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी को काबुल छोड़ कर भागना पड़ा था। साथ ही काबुल में अफरातफरी का माहौल नजर आया और हजारों लोग देश छोड़ने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
इस बीच तालिबान ने अफगानिस्तान में सरकार बनाने की कोशिशें तेज कर दी है। काबुर पर कब्जे के बाद तालिबान की ओर से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की गई थी। इस बीच कुछ जगहों पर तालिबान के खिलाफ विरोध की भी तस्वीरें सामने आई हैं।
वहीं, तालिबान ने बुधवार को 1990 के दशक में अफगानिस्तान गृह युद्ध के दौरान उनके खिलाफ लड़ने वाले एक शिया मिलिशिया नेता अब्दुल अली मजारी की प्रतिमा को गिरा दिया। अब्दुल अली मजारी को अशरफ गनी सरकार ने शहीद का दर्जा दिया था।