सिखों के सम्मान में अब्दुल हकीम ने अपनी शादी में बांधी पगड़ी, दिल्ली हिंसा के दौरान मदद के लिए कहा शुक्रिया, पेश की सांप्रदायिक सद्धाव की मिसाल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 6, 2020 03:34 PM2020-03-06T15:34:42+5:302020-03-06T15:39:17+5:30

हिन्दू और सिख परंपराओं में पगड़ी का विशेष स्थान है. भारत के विभिन्न हिस्सों में पगड़ी या साफा बांधने का प्रचलन आज भी है.

Muslim Groom Wears turban on his wedding day to honour sikhs who helped delhi violence victims | सिखों के सम्मान में अब्दुल हकीम ने अपनी शादी में बांधी पगड़ी, दिल्ली हिंसा के दौरान मदद के लिए कहा शुक्रिया, पेश की सांप्रदायिक सद्धाव की मिसाल

तस्वीर ट्विटर से साभार.

Highlightsउत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में 42 लोगों की मौत हुई है जबकि 200 लोग घायल हुए हैं.शाहीन बाग आंदोलन में भी सिख संप्रदाय के लोग धरना स्थल पर बैठे लोगों के लिए लंगर लगाया है.

पंजाब के गिद्दड़बाहा में एक मुस्लिम युवक की शादी चर्चा में बनी हुई है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली भड़की हिंसा के दौरान सिखों द्वारा मुसलमानों को बचाए जाने के सम्मान में एक मुस्लिम लड़के ने अपनी शादी में टर्बन (पगड़ी/साफा) बांधी। दूल्हे अब्दुल हकीम के अलावा उसके दोस्तों ने भी सिखों का सम्मान करते हुए 1 मार्च को हुई शादी में पगड़ी पहना। अब्दुल हकीम का परिवार फतेहगढ़ साहिब के पंजोली गांव का रहने वाला है।

पगड़ी पहने हुए अब्दुल हकीम की फोटो सोशल मीडिया में वायरल है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर पर रेशमा आलम ने लिखा, "एक शादी गिद्दड़बाहा में हुई जहां एक मुस्लिम दूल्हे ने सिखों के सम्मान में पगड़ी बांधी जिन्होंने दिल्ली हिंसा के दौरान मुसलमानों की मदद की। मुस्लिम दूल्हे और 100 से अधिक मुसलमानों ने शादी में सांप्रदायिक सद्भाव के लिए पगड़ी बांधी।"

 

A wedding occurred in Giddharbah where a Muslim groom tied a turban in honor of Sikhs helping Muslims in Delhi riots.

The Muslim groom and over 100 plus Muslims in the wedding tied turbans for communal harmony.#DelhiViolancepic.twitter.com/LmprVg0s2y

— Reshma Alam (@reshma_alam9) March 5, 2020

 

द ट्रिब्यून में छपी खबर के अनुसार,अब्दुल के ससुर सलीम खान ने कहा, मेरे दामाद ने सांप्रदायिक सद्धाव का संदेश दिया है। एक सच्चे मुसलमान की पहचान न केवल उसकी टोपी से होती है बल्कि उसकी ईमानदारी से भी होती है। इसी तरह एक सच्चे सिख की पहचान सिर्फ उसके पगड़ी से नहीं बल्कि गुरसिखी से भी है।  

उन्होंने कहा, 'दामाद ने शादी में मौजूद सभी का दिल जीत लिया। लोग अभी भी मुझे बधाई दे रहे हैं। अब्दुल ने हमें पहले ही बता दिया था कि वह सिखों के सम्मान में एक पगड़ी बांधेंगे, जिन्होंने दिल्ली में हिंसा के दौरान मुसलमानों को बचाया और सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश दिया। हम उनके फैसले से खुश थे।'

गिद्दड़बाहा के निवासी भी अब्दुल के फैसले से काफी खुश नजर आए। उन्होंने कहा कि सभी समुदायों के लोगों को एक साथ रहना चाहिए। अब्दुल की तरह हमें भी सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल कायम करनी चाहिए।

शाहीन बाग में भी सिखों ने लगाया लंगर

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में 15 दिसंबर से लोग आंदोलन कर रहे हैं। वहां भी कई सिखों ने जाकर लंगर लगाय जिसकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया में वायरल हुईं।

Web Title: Muslim Groom Wears turban on his wedding day to honour sikhs who helped delhi violence victims

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