काशी में खेली गई मसाने की होली, 'हर हर महादेव' के साथ लगा 'बाबा मशान नाथ' का जयकारा, देखिये तस्वीर

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 14, 2022 05:42 PM2022-03-14T17:42:42+5:302022-03-14T17:50:10+5:30

रंगभरी एकादशी के दिन काशी के रविन्द्रपुरी स्थित भगवान कीनाराम स्थली क्रीं कुंड से बाबा विश्वनाथ के भक्तों का विशाल जनसैलाब औघड़ सन्तों के नेतृत्व में शोभायात्रा निकालते हुए हरिश्चंद्र घाट तक पहुंचा। बनारस के डोम राजा के परिवार से ताल्लूक रखने वाले पवन चौधरी ने बताया कि रंगभरी एकादशी के दिन काशी में चिताभस्म से होली खेलने की परंपरा सदियों पुरानी है।

Masane Holi played on colorful Ekadashi in Kashi, 'Har Har Mahadev' was accompanied by 'Baba Mashannath', see picture | काशी में खेली गई मसाने की होली, 'हर हर महादेव' के साथ लगा 'बाबा मशान नाथ' का जयकारा, देखिये तस्वीर

काशी की विश्व प्रसिद्ध चिताभस्म होली

Highlightsकाशी में बाबा विश्वनाथ के भक्त धधकती चिताओं के बीच चिता भस्म से होली खेलते हैंरंगभरी एकादशी के दिन काशी में चिताभस्म से होली खेलने की परंपरा सदियों पुरानी है आज के दिन काशी में दिगंबर के भक्त नर मुंडों की माला पहनकर बाबा मशान नाथ का जयकारा लगाते हैं

वाराणसी: काशी के बाबा विश्वनाथ रंगभरी एकादशी पर देवी पार्वती का गौना करवाने टेढ़ी नीम स्थित पूर्व महंत कुलपति तिवारी के आवास से पहुचे। थोड़ी ही देर में सभीमंगलाचार की विधियां संपन्न होंगी और भोलेनाथ अपने गणों के साथ माता पार्वती को विदा करके काशी विश्वनाथ धाम के लिए निकल पड़ेंगे।

इसके दूसरी ओर काशी की जनता, महादेव शिव के भक्त और औघड़ संतों ने हरिश्चंद्र घाट पर चिता भस्म की होली खोली। इस दौरान 'भूत पिशाच बटोरी दिगंबर, खेले मसाने में होरी' गीत गाते हुए औघड़ संतों का भारी जत्था शिव तांडव नृत्य करते हुए चिताभूमि पर पहुंचा।

बाबा विश्वनाथ के भक्तों का विशाल जनसैलाब रविन्द्रपुरी स्थित भगवान कीनाराम स्थली क्रीं कुंड से औघड़ सन्तों के नेतृत्व में शोभायात्रा निकालते हुए हरिश्चंद्र घाट तक पहुंचा। इसमें बच्चे, बुढ़े, महिलाएं और नौवजानों ने भी भागीदारी निभाई।

शोभायात्रा में सबसे आगे रथ पर बाबा मशान नाथ के विशाल चित्र के साथ भक्त शिव तांडव स्त्रोतम "जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम्। मड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम्।" का पाठ करते हुए चल रहे थे।

रथों पर सवार संत भस्म की होली खेलते लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने रहे। हरिश्चंद्र घाट पर चिता भस्म होली की शुरुआत विगत कुछ वर्ष पहले ही शुरू की गयी है।

बनारस के डोम राजा के परिवार से ताल्लूक रखने वाले काशी मोक्षदायनी समिति के पवन चौधरी ने बताया कि रंगभरी एकादशी पर काशी में चिताभस्म से होली खेलने की परंपरा सदियों पुरानी है। क्रींकुण्ड से काशी के महाकाल की बारात निकालकर हरिश्चंद्र घाट पहुंचती है। वहां चिताभस्म से बाबा के भक्त चिता राख से होली खेलते हैं।

दिगंबर की शोभायात्रा में बग्‍घी, जोड़ी, ऊंट, घोड़ा तथा ट्रक पर शिव तांडव नृत्य करते भक्तजन और नर मुंड की माला पहने श्रद्धालु बाबा मशान नाथ का जयकारा लगाते रहे।

पूरे रास्ते 'हर हर महादेव' का गगनभेदी जयकारा लगता रहता है। बनारसी मस्ती में सराबोर श्रद्धालु भक्तजन पूरी निष्ठा और हर्षोल्लास के साथ भाग लेते हैं। 

शोभायात्रा रविन्द्रपुरी से होकर पद्मश्री चौराहा, शिवाला चौराहा होते हुए हरिश्चंद्र घाट पहुंचती है, जहां भक्त धधकती चिताओं के बीच चिता भस्म से होली खेलते हैं। राग विराग का यह दृष्य देख घाट पर मौजूद लोग 'बाबा मशाननाथ' और 'हर-हर महादेव' का गगनभेदी उद्घोष भी करते रहे। 

Web Title: Masane Holi played on colorful Ekadashi in Kashi, 'Har Har Mahadev' was accompanied by 'Baba Mashannath', see picture

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