कुमार विश्वास ने लिखा, सियासत! मैं तेरा खोया या पाया हो नहीं सकता, यूजर्स बोले-BJP में आ जाइये सर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 6, 2020 08:42 AM2020-02-06T08:42:39+5:302020-02-06T08:42:39+5:30
कुमार विश्वास एक समय अरविंद केजरीवाल के बेहद करीबी थे।
लोकप्रिय और चर्चित कवि कुमार विश्वास अक्सर अपने ट्विट्स को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। ट्विटर पर उनकी लोकप्रियता का अंदाजा उनके 6.5 मिलियन फॉलोअर को देखकर लगाया जा सकता है। कोई दीवाना कहता है...कविता से मशहूर हुए कुमार विश्वास एक समय राजनीति में भी हाथ आजमा चुके हैं। इसलिए अक्सर उनके किसी ना किसी दल में शामिल होने की चर्चा चलती रहती है।
दिल्ली में 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने वाले है और नतीजे 11 फरवरी को आएंगे। बुधवार को कुमार विश्वास ने एक कविता ट्वीट की जो सियासत से जुड़ी थी।
“सियासत ! मैं तेरा खोया या पाया हो नहीं सकता,
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) February 5, 2020
तेरी शर्तों पे ग़ायब या नुमॉंया हो नहीं सकता,
भले साज़िश से गहरे दफ़्न मुझ को कर भी दो पर मैं,
सृजन का बीज हूँ मिट्टी में ज़ाया हो नहीं सकता.”
😍 GN ❤️🙏 pic.twitter.com/UP7ZoRpyg9
उनकी कविता पर कुछ यूजर्स ने बीजेपी में शामिल होने की मांग कर डाली।
सर् आजाओ बीजेपी में केजरीवाल जी बहस करानी है।।।🤗
— Manoj R (@ManojRa50334520) February 5, 2020
आइये जानते हैं कुमार विश्वास का सियासत से जुड़ाव
अन्ना आंदोलन के समय किरण बेदी, अरविंद केजरीवाल के अलावा कुमार विश्वास भी काफी लोकप्रिय हुए। किरण बेदी आज भाजपा में हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में बेदी बीजेपी के मुख्यमंत्री पद की प्रत्याशी थीं। वहीं अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। 2015 में दिल्ली में सरकार बनने के बाद कई लोगों ने पार्टी छोड़ी थी लेकिन कुमार विश्वास पार्टी में बने हुए थे। पार्टी के अंदरूनी खींचतान में विश्वास को एक समय राजस्थान का चुनाव प्रभारी भी बनाकर भेजा गया।
कोई नहीं कवि महाराज दोस्त आपका जीत रहा है।
— Rupesh (@Rupeshkofficial) February 5, 2020
माना आपको थोड़ा सा दुःख तो हो रहा होगा लेकिन फिर भी लगे रहिए बीजेपी से आपको कुछ मिल जाए!🤣😅#aapwinningdelhi#AAP#ArvindKejriwal
खुद की बनाई पार्टी छोड़ी
दिल्ली में साल 2018 में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होना था। सभी लोगों को लग रहा था कि कुमार विश्वास के राज्यसभा में जाने के ज्यादा चांस हैं लेकिन पार्टी ने संजय सिंह, एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता को राज्यसभा सांसद बनाया। कुमार विश्वास उस समय इशारों-इशारों में केजरीवाल की राजनीति की आलोचना की थी। इसके बाद मीडिया के सामने आकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
सियासत काजल की कोठरी है,जहां कितनी भी स्वच्छ छवि के लोग जाते हैं, कलुषित हो ही जाते हैं। किनारे रह कर मगर नौका पार कैसे हो, कुमार विश्वास जी, कलम के हथियार की धार तेज़ ही रखिए,हमेशा की तरह।
— Rakhi Jha (@RakhiJh60125847) February 5, 2020