कुमार विश्वास ने लिखा, सियासत! मैं तेरा खोया या पाया हो नहीं सकता, यूजर्स बोले-BJP में आ जाइये सर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 6, 2020 08:42 AM2020-02-06T08:42:39+5:302020-02-06T08:42:39+5:30

कुमार विश्वास एक समय अरविंद केजरीवाल के बेहद करीबी थे।

Kumar Vishwas wrote, politics! I cannot be lost or found by you, users said - come to BJP Sir | कुमार विश्वास ने लिखा, सियासत! मैं तेरा खोया या पाया हो नहीं सकता, यूजर्स बोले-BJP में आ जाइये सर

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में मिली जीत के बाद पार्टी कार्यालय में कुमार विश्वास (फाइल फोटो)

Highlightsदिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 8 फरवरी को होगा, नतीजे 11 फरवरी को आएंगे.अक्सर कुमार विश्वास के बीजेपी ज्वाइन करने की अफवाह उड़ी रहती है.

लोकप्रिय और चर्चित कवि कुमार विश्वास अक्सर अपने ट्विट्स को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। ट्विटर पर उनकी लोकप्रियता का अंदाजा उनके 6.5 मिलियन फॉलोअर को देखकर लगाया जा सकता है। कोई दीवाना कहता है...कविता से मशहूर हुए कुमार विश्वास एक समय राजनीति में भी हाथ आजमा चुके हैं। इसलिए अक्सर उनके किसी ना किसी दल में शामिल होने की चर्चा चलती रहती है।

दिल्ली में 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने वाले है और नतीजे 11 फरवरी को आएंगे। बुधवार को कुमार विश्वास ने एक कविता ट्वीट की जो सियासत से जुड़ी थी। 

उनकी कविता पर कुछ यूजर्स ने बीजेपी में शामिल होने की मांग कर डाली। 

आइये जानते हैं कुमार विश्वास का सियासत से जुड़ाव

अन्ना आंदोलन के समय किरण बेदी, अरविंद केजरीवाल के अलावा कुमार विश्वास भी काफी लोकप्रिय हुए। किरण बेदी आज भाजपा में हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में बेदी बीजेपी के मुख्यमंत्री पद की प्रत्याशी थीं। वहीं अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। 2015 में दिल्ली में सरकार बनने के बाद कई लोगों ने पार्टी छोड़ी थी लेकिन कुमार विश्वास पार्टी में बने हुए थे। पार्टी के अंदरूनी खींचतान में विश्वास को एक समय राजस्थान का चुनाव प्रभारी भी बनाकर भेजा गया।

खुद की बनाई पार्टी छोड़ी 

दिल्ली में साल 2018 में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होना था। सभी लोगों को लग रहा था कि कुमार विश्वास के राज्यसभा में जाने के ज्यादा चांस हैं लेकिन पार्टी ने संजय सिंह, एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता को राज्यसभा सांसद बनाया। कुमार विश्वास उस समय इशारों-इशारों में केजरीवाल की राजनीति की आलोचना की थी। इसके बाद मीडिया के सामने आकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

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