कर्नाटक: 70 साल के 'भोगेश्वर' की हुई मौत, एशिया में सबसे लंबे दांत वाले हाथी होने का गौरव था हासिल
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 13, 2022 05:40 PM2022-06-13T17:40:28+5:302022-06-13T17:45:11+5:30
कर्नाटक में सबसे लंबे दांत वाले उम्रदराज हाथी भोगेश्वर की मौत हो गई। जीवन के 70 साल गुजारने के बाद भोगेश्वर ने अपनी आखिरी सांस बांदीपुर-नगरहोल रिजर्व फॉरेस्ट में ली।
बेंगलुरु: एशिया के सबसे लंबे दांत वाले उम्रदराज हाथी की मौत हो गई। जीवन के 70 साल गुजारने के बाद भोगेश्वर ने अपनी आखिरी सांस बांदीपुर-नगरहोल रिजर्व फॉरेस्ट में ली।
जानकारी के मुताबिक वृद्ध भोगेश्वर बीते 11 जून को काबिनी जलाशय के पास मृत अवस्था में पाया गया था। बांदीपुर-नगरहोल रिजर्व फॉरेस्ट में वनकर्मी उसे मिस्टर काबिनी के नाम से बुलाते थे।
Mighty #Tusker#Bhogeswara of #Kabini , Karnataka with longest Tusks in Asia is no more.#RIP… pic.twitter.com/Ze3FgqV78E
— Sandeep Tripathi, IFS (@sandeepifs) June 12, 2022
भोगेश्वर बांदीपुर-नगरहोल रिजर्व फॉरेस्ट में आने वाले पर्यटकों के लिए खासा आकर्षण का केंद्र था क्योंकि वह एशिया महाद्वीप में सबसे लंबे दांतों के लिए काफी प्रसिद्ध था।
भोगेश्वर की मौत के बाद बांदीपुर-नगरहोल रिजर्व फॉरेस्ट के वनकर्मियों ने बताया कि लंबी उम्र की तकलीफों के कारण वो सामान्य मौत मरा, लेकिन उसकी मौत का सभी को बेहद दुख है।
इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भोगेश्वर को सम्मान देने के लिए विभाग उसे हाथियों के संरक्षण का प्रतीक बनाने पर विचार कर रहा है।
यही नहीं वन विभाग सरकार के भोगेश्वर के लंबे दांतों को संरक्षित करने के लिए अनुमति लेने पर भी विचार कर रहा है। भोगेश्वर के एक दांत की लंबाई 2.54 मीटर (8 फीट 4 इंच) लंबा और दूसरा दांत 2.34 मीटर (7 फीट 8 इंट) लंबा था। वन विभाग के अधिकारियों ने हताया कि भोगेश्वर के दोनों दांत इतने लंबे थे कि वो लगभग-लगभग जमीन को छूते थे।
इसके साथ ही वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस वृद्ध हाथी का नाम भोगेश्वर इसलिए रखा गया था क्योंकि यह अक्सर काबिनी झील के पास स्थित भोगेश्वर कैंप के इर्द-गिर्द ही पाया जाता था।
वन अधिकारियों ने भोगेश्वर की मौत के बाद बताया कि उसका शव मैसूर जिले के डीबी कुप्पे वन रेंज के पास मिला। वनकर्मियों ने मौत के बाद भोगेश्वर के विसरा को जांच के लिए सुरक्षित रख लिया और इसे रिजनल फोरेंसिक लैब में भेजा जाएगा।
मौते के बाद मौके पर पहुंचे वन पशु चिकित्सकों ने कहा कि भोगेश्वर की मौत सामान्य तरीके से हुई है और कहीं से भी किसी तरह के शक की गुंजाइश नहीं है और यह मौत पूरी तरह से प्राकृतिक है।