दिल्ली हिंसा: अंजना ओम कश्यप का ट्वीट, लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में, तुम तरस नहीं खाते...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 27, 2020 09:02 AM2020-02-27T09:02:11+5:302020-02-27T09:02:11+5:30
खजूरी खास से रिपोर्टिंग करते हुए अंजना ओम कश्यप ने वहां के मंजर के बयां किया.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है। नागरिकता संशोधन कानून के मुद्दे पर 23 फरवरी को भड़की हिंसा में करावल नगर, खजूरी खास, जाफराबाद इलाके में सबसे ज्यादा अशांति फैली। फिलहाल उत्तर-पूर्वी दिल्ली में एक महीने के लिए धारा-144 लागू कर दी गई है। धारा-144 लागू के होते ही चार लोगों के एक साथ जमा होने पर रोक लग गई है। वरिष्ठ पत्रकार अंजना ओम कश्यप ने भी उत्तर-पूर्वी दिल्ली में अपनी रिपोर्टिंग का वीडियो पोस्ट किया है। इसमें हिंसा की भयावहता देखी जा सकती है।
अंजना ओम कश्यप ने वीडियो ट्वीट किया, ख़ुशियों को राख़ कर दिया दंगाईओं ने। हसरतें मलबा हो गईं। इस घर में बेटी का ब्याह था। जितनी गाड़ियां थी या तो जला दीं या तोड़ के बर्बाद कर दीं। बग़ल के घर से एसिड और पेट्रोल बम फेंक रहे थे। लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में, तुम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में!
यह वीडियो दो मिनट सात सेकेंड का है। वीडियो के अनुसार, इस घर में शादी थे और हिंसा के दौरान सब कुछ बर्बाद हो गया है। वीडियो के अंत में एक व्यक्ति रोते हुए कह रहे हैं, मैं तो बस इतना चाहूंगा कि अमन होना चाहिए, चैन होना चाहिए, इंसानियत जिंदा रहनी चाहिए बस।
ख़ुशियों को राख़ कर दिया दंगाईओं ने।हसरतें मलबा हो गईं। इस घर में बेटी का ब्याह था। जितनी गाड़ियाँ थी या तो जला दीं या तोड़ के बर्बाद कर दीं। बग़ल के घर से एसिड और पेट्रोल बम फेंक रहे थे। लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में, तुम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में! pic.twitter.com/0HDh8hBctr
— Anjana Om Kashyap (@anjanaomkashyap) February 27, 2020
कवरेज के दौरान कई पत्रकार भी हुए हिंसा के शिकार
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में रिपोर्टिंग के दौरान कई पत्रकारों पर हमले हुए और एक पत्रकार को गोली भी मारी गई। खुद अंजना के वीडियो में आप देख सकते हैं कि पत्रकार किन परिस्थितियों में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।
इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार शिवनारायण राजपुरोहित की जान जाते जाते बची है। वही एनडीटीवी के पत्रकारों पर भीड़ ने हमला कर दिया। न्यूज 18 की पत्रकार रुनझुन शर्मा को भी भीड़ ने धमकाया। वहीं स्वतंत्र पत्रकार सुशील मानव भी भीड़ की हिंसा के शिकार हुए।