#JamiaViolence: जामिया में हुई हिंसा का वीडियो वायरल, लाइब्रेरी में छात्रों को पिटती दिखी दिल्ली पुलिस

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 16, 2020 09:12 AM2020-02-16T09:12:45+5:302020-02-16T16:12:43+5:30

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर Library और #JamiaViolence ट्रेंड कर रहा है.

Jamia violence Video goes viral Delhi Police is seen beating students in the library | #JamiaViolence: जामिया में हुई हिंसा का वीडियो वायरल, लाइब्रेरी में छात्रों को पिटती दिखी दिल्ली पुलिस

जामिया और उसके आसपास के इलाकों में 15 दिसंबर को भारी हिंसा हुई थी.

Highlightsहिंसा के बाद दिल्ली पुलिस ने कहा था कि जवानों ने पुस्तकालय भवनों में प्रवेश नहीं किया और छात्रों के साथ मारपीट नहीं की है।विश्वविद्यालय और छात्रों का दावा दिल्ली पुलिस से अलग है.

15 दिसंबर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया और उसके आस-पास के इलाकों में हुई हिंसा को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है। वीडियो में कथित तौर पर पुस्तकालय में दिल्ली पुलिस के जवान पढ़ाई कर रहे छात्रों को पीटते दिख रहे हैं। वीडियो के ऊपर 15 दिसंबर 2019 की तारीख दिख रही है और शाम 6 बजकर 8 मिनट (18:08 PM) का समय है। इस वीडियो को फिल्मकार अनुराग कश्यप ने भी ट्वीट किया है। जामिया के छात्र पिछले दो महीने से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए)के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। 

हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के अनुसारदिल्ली पुलिस ने कहा था कि उन्होंने पुस्तकालय भवनों में प्रवेश नहीं किया और छात्रों के साथ मारपीट नहीं की है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मनदीप सिंह रंधावा ने कहा कि हिंसक प्रदर्शनकारियों का पीछा करते हुए हमारे कर्मी परिसर में घुस गए, उन्हें पीछे धकेलने और स्थिति को संभालने के लिए उन पर पथराव, ट्यूबलाइट, बल्ब, बोतलें फेंकी गईं। दिल्ली पुलिस ने कहा, “कोई भी पुलिस कर्मी पुस्तकालय के अंदर नहीं गया और न ही उसने बर्बरता की। आंसू गैस के गोले पुस्तकालय के अंदर चले गए होंगे क्योंकि यह उन स्थानों के करीब था जहां से हिंसक प्रदर्शनकारियों को निकाला जा रहा था। ” हालांकि छात्र और कर्मचारी का दावा अलग है।

पुस्तकालय कर्मचारी मुख्तार अहमद ने कहा, मैंने सुबह एक मंजिल से खून पोंछना शुरू किया लेकिन फिर मैंने इसे छोड़ दिया। निहाल अहमद बताते हैं, दो घंटे के अंतराल में पुलिस दो बार लाइब्रेरी भवन में लौटी। दूसरी बार उन्होंने कुछ छात्रों को हवा में हाथ उठवाया और कुछ दूरी पर जाकर छोड़ दिया। कम से कम 50 छात्रों को पुरानी लाइब्रेरी से कालकाजी और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में ले जाया गया।

पुराने भवन में बैठे साजिद इकबाल ने बताया, 'मैं एक किताब पढ़ रहा था जब दर्जनों पुलिसकर्मियों ने अंदर जाने के लिए दरवाजा खोला। मुझपर डंडों से तब तक बारिश की गई जब तक मैंने अपना बचाव करने के लिए हाथ आगे नहीं बढ़ाया। इकबाल के हाथ में फ्रैक्चर था और उंगलियों में सूजन थी।' पुलिस ने उसे हिरासत में नहीं लिया था।

सिर्फ छात्रों ने यह दावा नहीं किया कि वे पुलिस द्वारा पीटे गए थे। यूनिवर्सिटी में गार्ड के रूप में कार्यरत मोहम्मद इरशाद खान ने कहा कि उन्होंने लगभग तीन दर्जन पुलिसकर्मियों को पुस्तकालयों के परिसर में घुसने से रोकने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उनके वायरलेस सेट को छीन लिया और गिरने तक उन पर डंडों की बारिश कर दी। खान ने अपने चोटिल शरीर को दिखाते हुए कहा कि मैं मजबूत आदमी हूं इसलिए बच गया। विश्वविद्यालय में एक और पूर्व सैनिक गार्ड मोहम्मद यूनुस के सिर पर भी प्रहार किया गया था।

Web Title: Jamia violence Video goes viral Delhi Police is seen beating students in the library

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