ऑफिस से 1 घंटा पहले जाना चाहती थी महिला लेकिन बॉस ने किया मना, अब कम्पनी देगी 1.87 करोड़ रुपये हर्जाना
By वैशाली कुमारी | Published: September 10, 2021 04:14 PM2021-09-10T16:14:13+5:302021-09-10T16:22:32+5:30
बाद में एलिस ने इस मामले को एम्प्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल में उठाया और केस जीतकर एलिस को कंपनी की ओर से लगभग 2 करोड़ का मुआवजा देने का आदेश दिया गया।
हम सभी को पता है कि महिलाओं को घर और दफ्तर साथ-साथ मैनेज करना काफी चैलेंजिंग काम होता है। ऐसे में हमें अपने काम और अपनी निजी जिंदगी के बीच सामंजस्य बनाना बहुत जरूरी होता है। ऐसा ही कुछ मामला लंदन की ऐलिस थॉम्पसन का भी था, दरअसल घर पर छोटी बच्ची होंने के कारण वह अपने दफ्तर से 1 घंटा पहले जाना चाहतीं थीं। लेकिन उनकी कम्पनी ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी और मजबूरन एलिस को जॉब छोड़नी पड़ी। लेकिन, बाद में एलिस ने इस मामले को एम्प्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल में उठाया और केस जीतकर एलिस को कंपनी की ओर से लगभग 2 करोड़ का मुआवजा देने का आदेश दिया गया।
घर पर छोटी बच्ची होने के कारण मांगी थी 1 घंटे पहले जाने की रियायत:
'BBC' की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐलिस थॉम्पसन साल 2018 में गर्भवती होने से पहले सेंटर लंदन की एक कंपनी में सेल्स मैनेजर थीं। वो कंपनी के होनहार वर्कर्स में से एक थीं, जिन्होंने कंपनी की सफलता में अपना पूरा सहयोग दिया था। हालांकि, एक बच्ची को जन्म देने के बाद जब वो दोबारा काम पर लौटीं तो उन्होंने बच्ची की देखभाल के लिए अपने कम्पनी के बॉस से हफ्ते में चार दिन काम करने और दफ्तर से 6 की बजाय 5 बजे जाने की अनुमति मांगी थी।
बॉस ने नहीं दी छूट तो छोड़ दी नौकरी:
दरअसल, एलिस अपनी छोटी बच्ची को केयर टेकर के पास छोड़कर ऑफिस आती थीं। केयर टेकर शाम 5 के बाद बच्ची की देखभाल करने से इंकार कर रही थी, लेकिन ऐलिस की ऑफिस छुट्टी शाम 6 बजे होती थी इसलिए उन्होंने बॉस से 1 घंटे पहले दफ्तर से जाने की इजाजत मांगी थी। लेकिन बॉस ने यह कहते हुए उन्हें इंकार कर दिया कि कंपनी इस तरह की रियायत नहीं दे सकती। इसके बाद ऐलिस ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया।
मां ने इसलिए किया कोर्ट जाने का फैसला:
नौकरी से इस्तीफा देने के बाद ऐलिस ने इस मामले को लंदन स्थित एम्प्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल में उठाया। ऐसा उन्होंने क्यों किया? इसके जवाब में एलिस कहती हैं कि बड़ी होने पर जब उनकी बेटी नौकरी करे तो उसे भी 'वही अनुभव' न हो, जो उन्हें हुआ है। ट्रिब्यूनल में सुनवाई के बाद जज ने ऐलिस के पक्ष में फैसला सुनाया।
अब कंपनी पर लगे जेंडर भेदभाव के आरोप:
सुनवाई में बताया गया कि ऐलिस ने अक्टूबर 2016 में जॉब से सालाना 1 करोड़ 21 लाख कमाए। लेकिन 2018 में जब वो गर्भवती हुई तो कंपनी उन्हें काम को लेकर फ्लेक्सिबिलिटी देने के मामले में विफल रही, जिसके चलते ऐलिस को काफी नुकसान हुआ। इसलिये ऐलिस को लगभग 1 करोड़ 87 लाख रुपये मुआवजा के तौर पर देने का फैसला सुनाया। कोर्ट ने यह फैसला सैलिरी और पेंशन के नुकसान के साथ-साथ भावनाओं को चोट पहुंचाने और जेंडर भेदभाव के तहत सुनाया है।