पटना में प्रशांत किशोर पर FIR दर्ज, 'बात बिहार की' अभियान के कंटेंट के नकल का आरोप
By निखिल वर्मा | Published: February 27, 2020 08:07 AM2020-02-27T08:07:38+5:302020-02-27T08:12:29+5:30
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का महत्वाकांक्षी अभियान 'बात बिहार की' विवादों में घिरता दिख रहा है.
18 फरवरी को बिहार में 'बात बिहार की' अभियान लॉन्च करने वाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं। 'बात बिहार की' के कंटेट के नकल के आरोप में पाटिलपुत्र थाने में प्रशांत किशोर पर एफआईआर (FIR) दर्ज की गई है। मोतिहारी के रहने वाले शाश्वत गौतम की शिकायत पर FIR दर्ज हुई है। प्रशांत किशोर ने दिल्ली चुनाव के बाद बिहार में 'बात बिहार की' कैंपेन लॉन्च किया था और इस कैंपेन से अब तक 5 लाख से ज्यादा लोग जुड़ गए हैं।
जानें प्रशांत किशोर पर क्या है आरोप
हिन्दुस्तान अखबार में छपी खबर के अनुसार, शाश्वत गौतम ने 'बिहार की बात' के नाम से अपना एक प्रोजेक्ट बनाया था जिसे जल्द ही लॉन्च करने की बात चल रही थी। इसी बीच उनके यहां काम करने वाले युवक ओसामा ने इस्तीफा दे दिया। ओसामा पर आरोप है कि उसी ने सारे कंटेंट प्रशांत किशोर को दिए। 18 फरवरी को जब प्रशांत किशोर ने कैंपेन के बारे में मीडिया को बताया था कि उस समय उन्होंने दावा किया था कि अब तक 2.93 लाख लोग जुड़े हुए हैं। पिछले 10 दिनों में 'बात बिहार की' वेबसाइट के अनुसार इससे 5.10 लाख लोग जुड़ चुके हैं।
शाश्वत गौतम ने कंटेंट के नकल के साक्ष्य भी पुलिस को दिए हैं। गौतम का दावा है कि उन्होंने अपने वेबसाइट को जनवरी महीने में रजिस्टर्ड करवाया था जबकि किशोर ने फरवरी में इसे पंजीकृत करवाया है। फिलहाल biharkibaat.com में किसी अन्य न्यूज साइट की तरह कंटेंट है। वहीं पटना पुलिस आईपीसी की धारा 420 और 406 के तहत हुई एफआईआर की जांच में जुटी हुई है।
इस मसले पर प्रशांत किशोर ने अब तक नहीं किया कोई ट्वीट
इस मसले पर प्रशांत किशोर का अब तक कोई बयान नहीं आया है और ना ही उन्होंने ट्वीट किया है। उनका आखिरी ट्वीट बुधवार दोपहर( 26 फरवरी) का है। इस ट्वीट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली पुलिस कमिश्नर को हटाने की मांग की थी।