जानिये फेसबुक ने मुकेश अंबानी को क्यों कहा कि डेटा कोई तेल नहीं, इसे देश के भीतर नहीं रोका जाना चाहिये
By भाषा | Published: September 12, 2019 04:34 PM2019-09-12T16:34:54+5:302019-09-12T16:34:54+5:30
रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कुछ समय पहले कहा था कि डेटा एक नए तेल की तरह है। भारतीय डेटा का नियंत्रण और स्वामित्व भारतीय लोगों के पास होना चाहिए , डेटा कंपनियों या विशेष रूप से विदेशी कंपनियों के पास नहीं।
फेसबुक ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी को जवाब देते हुए कहा कि डेटा कोई नया तेल नहीं है। भारत जैसे देशों को डेटा को देश में ही रोकने के बजाय इसके दूसरे देशों में मुक्त प्रवाह की अनुमति देनी चाहिए। फेसबुक के उपाध्यक्ष (विदेश मामले एवं संचार) निक क्लेग ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से डेटा साझा करना अहम है।
गंभीर अपराध और आतंकवाद पर शिकंजा कसने के बीच भारत खुद को प्रमुख वैश्विक डेटा - साझाकरण पहलों से बाहर रखता है। उन्होंने कहा , " भारत को इंटरनेट के लिए एक नया खाका तैयार करना चाहिए जो व्यक्तिगत अधिकारों का सम्मान करता हो। साथ ही प्रतिस्पर्धा और नवाचार को प्रोत्साहित करे और सभी के लिए मुक्त और आसानी से उपलब्ध हो। "
रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कुछ समय पहले कहा था कि डेटा एक नए तेल की तरह है। भारतीय डेटा का नियंत्रण और स्वामित्व भारतीय लोगों के पास होना चाहिए , डेटा कंपनियों या विशेष रूप से विदेशी कंपनियों के पास नहीं।
क्लेग ने यहां एक कार्यक्रम में कहा , " भारत और पूरी दुनिया में ऐसे कई लोग हैं जो डेटा को नया तेल समझते हैं और उनका मानना है कि इस तरह के तेल (डेटा) के भंडार को देश की सीमा के भीतर रखने से समृद्धि आएगी। हालांकि , यह मानना सरासर गलत है। "
उन्होंने कहा , " डेटा कोई तेल नहीं है। जिसे जमीन से निकाल कर उसका नियंत्रण अपने हाथ में रखा जाए और उसका कारोबार किया जाए। यह नवाचार के विशाल समुद्र के रूप में है। " क्लेग ने कहा कि डेटा का मूल्य " जमाखोरी " या फिर सीमित वस्तु की तरह इसका कारोबार नहीं से नहीं प्राप्त होता है बल्कि डेटा के मुक्त प्रवाह की अनुमति दी जानी चाहिए। यह नवाचार को बढ़ावा देता है। क्लेग ने कहा कि डेटा को देश के सीमा के बांधकर रखने और दूसरे देश में उसके प्रवाह को रोकने से " यह नवाचार रूपी विशाल समुद्र को झील में बदल देगा। "