दिग्विजय सिंह ने मुहर्रम पर मुस्लिमों को दी बधाई, लोगों ने कहा- 'इसी बात के लिए दिलवाई थी आजादी'
By पल्लवी कुमारी | Published: September 10, 2019 01:26 PM2019-09-10T13:26:52+5:302019-09-10T13:26:52+5:30
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। केन्द्र की मोदी सरकार पर वो अपने ट्वीट और पोस्ट के जरिये हमेशा निशाना साधते रहते हैं। हालांकि वो अपने ट्वीट को लेकर ज्यादतर वक्त ट्रोल हो जाते हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह हमेशा ही अपने ट्वीट और दिये बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं। दिग्विजय सिंह इस बार मुहर्रम पर किये अपने विवादों को लेकर चर्चा में आ गये हैं। दिग्विजय सिंह ने दस सितंबर को मुहर्रम पर मुस्लिमों को बधाई दी। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुये लिखा, '' सभी मुस्लिम भाईयों और बहनों को मुहर्रम के पावन अवसर पर हमारी सलाम।'' जिसके बाद दिग्विजय सिंह को ट्विटरबाज ट्रोल करने लगे। ट्विटर पर कमेंट कर लोग कह रहे हैं कि दिग्विजय सिंह को इतना भी नहीं पता है कि मुहर्रम मातम का पर्व है। मुहर्रम खुशी का नहीं बल्कि गम और मातम का महीना है। इसी महीने की 10वीं तारीख को क्रूर शासक यजीद के खिलाफ इमाम हुसैन कर्बला की जंग में शहीद हो गये थे।
एक यूजर ने मीम शेयर किया। जिसपर लिखा हुआ था- क्या इसी दिन के लिए तुम्हे आजादी दिलवाई थी।
— हिन्दु सौरभ राय (@s_ushavm2013) September 10, 2019
एक यूजर ने लिखा, दिग्गी चाचा की जानकारी अधूरी रह गई है। उन्हें यह भी नहीं पता है कि गमगीम माहौल में सलामी नहीं दी जाती है। मातम मनाओ।
जानकारी अधूरी है दिग्गी चिचा ,गम गीन माहौल में सलामी नही ठोकते, मातम मनाओ
— Lokesh Yadav (@LokeshY50494461) September 10, 2019
वहीं एक यूजर ने लिखा, मुहर्रम वो मनहूस दिन है (शियों के अनुसार) जिस दिन हुसैन की यजीदी के द्वारा हुई हत्या पर वो मातम मनाते हैं। इस दिन वो ताजिया निकालते हैं और हुसैन की मृत्यु पर गहरा रोष प्रकट करते हैं।
पावन अवसर? डागविजय एकदम बावली पूछ हो गया है।
— Amit Pandey (@dr_amitpandey) September 10, 2019
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मुहर्रम वो मनहूस दिन है (शियों के अनुसार) जिस दिन हुसैन की यजीदी के द्वारा हुई हत्या पर वो मातम मनाते है। इस दिन वो ताजिया निकालते है और हुसैन की मृत्यु पर गहरा रोष प्रकट करते है। डागविजय मौत का दिन पावन नहीं मनहूस होता है।
चिचा तुम न तो हिन्दू बन पाए न मुसलमान बन पाए जो मातम के दिन को "पावन" कह रिये हो , न कभी तुम इंसान बन पाओगे।
— DevilOnWheels (@Sunil4uSan) September 10, 2019
तुमने पहले अंग्रेजों की गुलामी की और अपना राजपाट बचा के रखा और आज माँ बेटे की गुलामी कर रहे हो , गुलाम थे , हो और रहोगे !!!
मुख्यमंत्री साहब किसी से मालूम ही कर लेते की मोहर्रम की मुबारकबाद नही दी जाती
— Syed Azeem (@Syedazeemmzn) September 10, 2019
इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम पैगंबर मुहम्मद के नाती इमाम हुसैन की याद में मनाया जाता है। मुहर्रम महीने की शुरुआत भारत में इस बार 31 अगस्त को ही हो गई थी। इस महीने की 10वीं तारीख को क्रूर शासक यजीद के खिलाफ इमाम हुसैन कर्बला की जंग में शहीद हो गये थे। इसी की याद में मुहर्रम के 10वें दिन शिया मुस्लिम काले कपड़े पहनकर सड़कों पर जुलूस निकालते हैं और उनकी शहादत को याद करते हैं।