बिहार: 29 साल से पुलिस की 'कैद' में थे भगवान हनुमान; कोर्ट के आदेश के बाद मिली रिहाई, जानें क्या है ये गुत्थी?

By अंजली चौहान | Published: March 29, 2023 02:39 PM2023-03-29T14:39:38+5:302023-03-29T14:43:14+5:30

मामला 29 मई 1994 का है, जब बड़हरा प्रखंड अंतर्गत गुंडी गांव स्थित भगवान श्रीरंगनाथ मंदिर से भगवान राम के अनन्य भक्त हनुमान और अष्टधातु से बने संत बर्बर स्वामी की मूर्तियाँ चोरी हो गई थीं। 

Bihar Lord Hanuman was in the 'imprisonment' of the police for 29 years Released after the order of the court, know what is this mystery | बिहार: 29 साल से पुलिस की 'कैद' में थे भगवान हनुमान; कोर्ट के आदेश के बाद मिली रिहाई, जानें क्या है ये गुत्थी?

photo credit: twitter

Highlightsबिहार में 29 साल बाद थाने से रिहा की गई हनुमान की मूर्ति कोर्ट में कानूनी लड़ाई के बाद आया आदेश मामला 29 मई 1994 का है

भोजपुर:बिहार के भोजपुर जिले के एक थाने से भगवान हनुमान को रिहा कराने की खबर खूब चर्चा में है। जी हां, बिल्कुल सही पढ़ा आपने, दरअसल, भगवान हनुमान की मूर्ति जिले के एक थाने के स्ट्रांग रूम (मालखाने) में करीब 29 सालों से बंद थी, जिसे लंबे इंतजार के बाद आखिरकार रिहा कर दिया गया।

बिहार की एक अदालत ने लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद कैद की गई मूर्ति को 'रिहा' करने का आदेश दिया गया। 

सालों पहले चोरी हो गई थी मूर्ति 

मामला 29 मई 1994 का है, जब बड़हरा प्रखंड अंतर्गत गुंडी गांव स्थित भगवान श्रीरंगनाथ मंदिर से भगवान राम के अनन्य भक्त हनुमान और अष्टधातु से बने संत बर्बर स्वामी की मूर्तियाँ चोरी हो गई थीं। 

इसके बाद कृष्णागढ़ ओपी के तत्कालीन मंदिर के पुजारी जनेश्वर द्विवेदी ने मूर्ति चोरी पर आरोप लगाते हुए अज्ञात चोरों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच के बाद चोरी की गई सभी मूर्तियों को एक कुएं से बरामद किया था। उसी वक्त से ये मूर्तियाँ इलाके के एक थाने के मालखाने वाले कमरे में बंद हैं।

मूर्ति की प्राप्ती के लिए सालों तक कोर्ट में चला केस 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (बीएसआरटीबी) ने भी पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की थी, जिसमें सभी बरामद मूर्तियों को ट्रस्ट को वापस करने की मांग की गई थी। 

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार अदालत के आदेश के बाद मूर्तियों को छोड़ दिया गया। आरा सिविल कोर्ट के एडीजे-3 सतेंद्र सिंह द्वारा जारी रिहाई आदेश के दिया गया।

इसके बाद भगवान हनुमान की प्रतिमाओं को थाने से बाहर ले जाने के लए श्रद्धालुओं ने भव्य शोभायात्रा निकाली और पूरे क्षेत्र का में मूर्तियों को घूमाया। अष्टधातु से बनी दोनों मूर्तियों को भगवान श्रीरंगनाथ मंदिर में फिर से स्थापित किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार, मूर्तियों की रिहाई के लिए बीएसआरटीबी के पूर्व अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल और आरा सिविल कोर्ट के अधिवक्ता अजीत कुमार दुबे ने लड़ाई लड़ी। मूर्तियों के थाने से निकलने के बाद से आम जनता बहुत खुश हैं। भक्त फिर से अपने भगवान की मंदिर में स्थापना कर पूजा करने के लिए इंतजार कर रहे हैं।  

Web Title: Bihar Lord Hanuman was in the 'imprisonment' of the police for 29 years Released after the order of the court, know what is this mystery

ज़रा हटके से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे