बिहार: कैमूर जिला निवासी सरकारी अस्पताल में कराने गया था हाइड्रोसील का ऑपरेशन, आरोप-डॉक्टरों द्वारा गलती से नसबंदी करने पर मचा हंगामा
By एस पी सिन्हा | Published: February 16, 2023 05:10 PM2023-02-16T17:10:37+5:302023-02-16T17:19:01+5:30
आपको बता दें कि स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों के इस लापरवाही से पूरा परिवार परेशान हैं और परिवार के लोग अब चिकित्सक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की तैयारी में हैं। इधर, मामले की जानकारी मिलते ही अस्पताल ने विभागीय जांच की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ लिया गया है।

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)
पटना:बिहार का स्वास्थ्य विभाग आए दिन अपने कारनामों के कारण सुर्खियां बटोरता रहता है। ताजा मामला कैमूर जिले के चैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सामने आया है, जहां डॉक्टरों की घोर लापरवाही के कारण अब युवक कभी दूल्हा नहीं बन सकेगा।
इस बात की जानकारी मिलने के बाद युवक और उसके परिजनों में हड़कंप मच गया है। यह बात जब मरीज को पता चली तो उसके पैर तले जमीन ही खिसक गई। उसका दूल्हा बनने का अरमान धरा का धरा रह गया।
क्या है पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार चैनपुर के जगरिया गांव निवासी रामदहीन सिंह यादव का बेटा मनका यादव हाइड्रोसील का आकार बढ़ने से काफी परेशान था। गांव की आशा कार्यकर्ता के सुझाव पर मनका यादव हाइड्रोसील का ऑपरेशन कराने के लिए चैनपुर अस्पताल में भर्ती हुआ था।
निर्धारित समय पर डॉक्टर मनका यादव को ऑपरेशन थियेटर में ले तो गए, लेकिन हाइड्रोसील का ऑपरेशन करने के बदले युवक की नसबंदी कर दी। जब इस बात की जानकारी मनका यादव और उसके परिजनों को लगी तो उनके होश उड़ गए। पीड़ित ने बताया कि उसकी अभी शादी भी नहीं हुई है।
डॉक्टर ने कहा- नसबंदी का हो गया है ऑपरेशन, पैसा है तो हाइड्रोसील का इलाज प्राइवेट अस्पताल में करा लें
युवक का कहना है कि अब उसकी शादी कैसे होगी और वह कैसे दूल्हा बनेगा? पीड़ित ने बताया कि ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टर ने परिजनों से कहा कि नसबंदी का ऑपरेशन कर दिए हैं। हाइड्रोसील का ऑपरेशन कराने के लिए किसी प्राइवेट अस्पताल में पैसा है तो लेकर जाओ। इतना सुनते ही पूरे परिवार में हड़कंप मच गया था।
मामले में स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों का क्या है कहना
स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों के इस लापरवाही से पूरा परिवार परेशान हैं और परिवार के लोग चिकित्सक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की तैयारी में हैं। इधर, मामले की जानकारी मिलते ही अस्पताल ने विभागीय जांच की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ लिया गया है।
डॉक्टरों का कहना है कि युवक को जानकारी देकर उसकी नसबंदी की गई है और आरोपों को गलत बताया है। माना जा रहा है कि इस मामले की जांच हुई तो डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की मुश्किलें बढ़ सकती है।