जमानत मिलते ही ट्रेंड में आए डीके शिवकुमार, यूजर ने कहा- 'सिर्फ यही एक कांग्रेस नेता अमित शाह को दे सकता है मात'
By पल्लवी कुमारी | Published: October 23, 2019 04:37 PM2019-10-23T16:37:14+5:302019-10-23T16:37:14+5:30
प्रवर्तन निदेशालय ने डीके शिवकुमार (57) को धनशोधन मामले में 3 सितंबर 2019 को गिरफ्तार किया था। वह न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं।
कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर धनशोधन मामले में बुधवार (23 अक्टूबर) को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। जमानत मिलने के बाद से ही ट्विटर पर #DKShivakumar ट्रेंड कर रहे हैं। हैशटैग #DKShivakumar के साथ उनके चाहने वाले उनकी तारीफ कर रहे हैं। कई यूजर ने लिखा है कि कांग्रेस के यही एक मात्र ऐसे नेता हैं, जो बीजेपी को मात दे सकते हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने शिवकुमार (57) को धनशोधन मामले में 3 सितंबर 2019 को गिरफ्तार किया था। वह न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं।
एक यूजर ने लिखा, अगर कांग्रेस में कोई भी एक ऐसा नेता है जो अमित शाह को मात दे सकता है तो वह हैं डीके शिवकुमार। अमित शाह को भी ये बात पता है इसलिए उन्हें गिरफ्तार करवाया गया था, वह भी झूठे इल्जाम में।
If there's one person in Congress who can beat the shit out of Amit Shah, it is #DKShivakumar. Shah knows this and that's why he has him imprisoned on bogus charges of corruption.
— ☭ Comrade Mohit (@EruditePeacenik) October 23, 2019
एक यूजर ने लिखा, डीके शिवकुमार को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष होना चाहिए।
#DKShivakumar is what Congress needs on national front. Make him the @INCIndia president & give him a chance. The man who can compel likes of Shah & Co. to jail him just coz he didn't bent to them during Karnataka turmoil must be look out for.
— Aaftab (@AAFTABSHAIKH2) October 23, 2019
एक यूजर ने लिखा, शेर बाहर आ गया है शिकार करने। अब मोदी-शाह को पता चेलगा।
Yo 🤟🏻. Lion is out in the jungle to hunt. Now Modi-Shah will experience constipation, headache, ulcer, heartache etc.. etc.. like never before. Welcome back #DKShivakumar 🥳 https://t.co/wnpF3zM5XA
— ☭ Comrade Mohit (@EruditePeacenik) October 23, 2019
The lion is back!#DKShivakumarpic.twitter.com/st4mcVWSqz
— Rofl Republic 🍋🌶 (@i_theindian) October 23, 2019
Synonym of Bravery.
— Ahmed Bilal Chowdhary ( احمد بلال چوہدری ) (@Abc_11_jk) October 23, 2019
Hero @DKShivakumar#DKShivakumarpic.twitter.com/2BxjcZiR2G
सोशल मीडिया पर एक तबका डीके शिवकुमार की आलोचना भी कर रहा है।
Rs 8.6 crore found at #DKShivakumar's aide's residence, Have a look at the insane amount of cash to realize the level of corruption done by the Congress
— Geetika Swami (@SwamiGeetika) October 23, 2019
Delhi High Court may grant bail to DK Shivakumar, Tihar still awaits him
#DKShivakumar#DKShivKumarpic.twitter.com/Bw5tvY9UZy
#DKShivakumar most corrupt fraud criminal looter Karnataka ever seen violated rules in every levels mis used govt official highest ever benami property King. Shame on Kannada media giving importance looter fraudster cheater.
— Satish Tg (@SatishTg1) October 23, 2019
डीके शिवकुमार को जमानत देकर कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को राहत देते हुए कहा कि शिवकुमार के विदेश भागने की आशंका नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि शिवकुमार सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकते क्योंकि दस्तावेज जांच एजेंसियों के पास हैं। साथ ही यह दिखाने के लिए भी कोई सामग्री नहीं है कि उन्होंने गवाहों को प्रभावित किया है।
अदालत ने निर्देश दिया कि उन्हें 25 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानतों पर उन्हें रिहा किया जाए। प्रवर्तन निदेशालय ने शिवकुमार (57) को धनशोधन मामले में 3 सितंबर 2019 को गिरफ्तार किया था। वह न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं। उन्होंने जमानत नहीं देने के निचली अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
शिवकुमार अपनी गिरफ्तारी पर क्या कहा था?
कर्नाटक कांग्रेस के नेता डी के शिवकुमार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा था कि यह मामला राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का परिणाम है और उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं। ईडी ने पिछले साल सितंबर में शिवकुमार, नयी दिल्ली स्थित कर्नाटक भवन के कर्मचारी हनुमंथैया और अन्य के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया था। यह मामला कथित कर चोरी और करोड़ों रुपये के हवाला लेन-देन के आरोप में उनके खिलाफ आयकर विभाग द्वारा पिछले साल बेंगलुरु की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर आरोपपत्र पर आधारित है।