पश्चिम बंगाल से 15 साल पहले लापता हुई महिला वापस लौटी परिजनों के पास, ऐसे चला पता

By भाषा | Published: September 8, 2020 08:22 AM2020-09-08T08:22:31+5:302020-09-08T08:22:31+5:30

पश्चिम बंगाल प्राधिकरण ने सूचना देकर बताया था कि दक्षिण 24 परगना जिले के शिबपुर गांव निवासी गोपाल परुई से जानकारी मिली है कि पार्वती परुई नाम की उनकी कोई रिश्तेदार नहीं है, लेकिन लक्ष्मी परुई नाम की उनकी बहन लगभग 15 वर्ष पहले गुम हो गई थी।

A woman who went missing from West Bengal 15 years ago returned to family | पश्चिम बंगाल से 15 साल पहले लापता हुई महिला वापस लौटी परिजनों के पास, ऐसे चला पता

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsबिलासपुर जिले के मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय में भर्ती महिला को जब यह फोटो दिखाई गई तब उसने अपने पति की पहचान कर ली।भाई गोपाल ने बताया था कि जब वह छोटा था, तब उसकी एक बहन लापता हो गई थी।

बिलासपुर:  पश्चिम बंगाल से 15 वर्ष पहले लापता हुई महिला को छत्तीसगढ़ विधिक सेवा प्राधिकरण ने उनके परिजनों से मिला दिया है। बिलासपुर के विधिक सहायता अधिकारी शशांक दुबे ने सोमवार को बताया कि 15 वर्ष पहले पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले से लापता हुई लक्ष्मी परुई (55) को उनके परिजनों के पास भेज दिया गया है। दुबे ने बताया कि वर्ष 2017 में कोरबा जिले में मानसिक रूप से कमजोर एक महिला पुलिस को मिली थी। महिला को अदालत के आदेश पर अप्रैल 2017 में कोरबा पुलिस ने बिलासपुर जिले के सेंदरी गांव में स्थित राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय में भर्ती कराया था।

चिकित्सालय ने -26 जून को सूचना दी थी कि मरीज पार्वती परुई पूरी तरह स्वस्थ हैं

तब पुलिस को जानकारी मिली थी कि महिला का नाम पावर्ती परुई है। अधिकारी ने बताया कि चिकित्सालय ने इस वर्ष 26 जून को सूचना दी थी कि मरीज पार्वती परुई पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी है। इस दौरान जानकारी मिली कि महिला पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले की निवासी है। दुबे ने बताया कि चिकित्सालय से मिली जानकारी के बाद छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने महिला को उसके परिजनों से मिलाने या पुर्नवास के संबंध में आवश्यक कार्रवाई के लिए पश्चिम बंगाल राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को पत्र लिखा था।

महिला की दिमागी हालत फिलहाल ठी नहीं

अधिकारी ने बताया कि कुछ दिनों बाद पश्चिम बंगाल प्राधिकरण ने सूचना दी कि दक्षिण 24 परगना जिले के शिबपुर गांव निवासी गोपाल परुई से जानकारी मिली है कि पार्वती परुई नाम की उनकी कोई रिश्तेदार नहीं है, लेकिन लक्ष्मी परुई नाम की उनकी बहन लगभग 15 वर्ष पहले गुम हो गई थी। गोपाल ने यह भी बताया कि उस समय उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं थी। दुबे ने बताया कि पश्चिम बंगाल प्राधिकरण ने लक्ष्मी परुई की फोटो भी पहचान के लिए भेजी थी। एक फोटो में लक्ष्मी अपने पति के साथ थी।

बिलासपुर जिले के मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय में भर्ती महिला को जब यह फोटो दिखाई गई तब उसने अपने पति की पहचान कर ली। तब यह जानकारी मिली कि पावर्ती परुई ही लक्ष्मी परूई है। वहीं लक्ष्मी परुई की फोटो भी उसके परिजनों को भेजी गई। अधिकारी ने बताया कि यह तय हो गया कि पार्वती का वास्तविक नाम लक्ष्मी है तब पश्चिम बंगाल प्राधिकरण ने छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से अनुरोध किया कि महिला को पश्चिम बंगाल भेज दिया जाए जिससे उसे उसके परिजनों से मिलाया जा सके।

लक्ष्मी परुई को भेजा गया पश्चिम बंगाल

उन्होंने बताया कि लक्ष्मी परुई को शनिवार को शाम 6.10 बजे वाली मेल-एक्सप्रेस ट्रेन से दो महिला पुलिस कर्मियों के साथ पश्चिम बंगाल भेज दिया गया। उधर, पश्चिम बंगाल राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने आदेश दिया है कि महिला को जीवन भर मुफ्त राशन प्रदान किया जाए। पश्चिम बंगाल राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की सदस्य सचिव दुर्गा खेतान ने फोन पर बताया कि छत्तीसगढ़ से मिली जानकारी के बाद जब दक्षिण 24 परगना जिले में महिला के परिजनों के बारे में जानकारी ली जा रही थी तब गोपाल ने बताया था कि जब वह छोटा था, तब उसकी एक बहन लापता हो गई थी। बाद में तस्वीरों के माध्यम से महिला की पहचान की गई। खेतान ने बताया रविवार को जब महिला अपने परिजनों के पास पहुंची तब सबकी आंखों में आंसू थे। लक्ष्मी की बेटी को अब उसकी मां वापस मिल गई है। 

Web Title: A woman who went missing from West Bengal 15 years ago returned to family

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