2019 में प्रदूषण के चलते 90 लाख लोगों की हुई मौत, 'द लांसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल' ने किया दावा, बताया चीन और भारत में होती है सबसे ज्यादा मौतें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 18, 2022 04:35 PM2022-05-18T16:35:58+5:302022-05-18T16:41:56+5:30

आपको बता दें कि बॉस्टन कॉलेज में ग्लोबल पब्लिक हेल्थ प्रोग्राम एंड ग्लोबल पॉल्यूशन ऑब्जर्वेटरी के निदेशक फिलिप लैंड्रिगन का कहना है कि 90 लाख मौतें कम नहीं होतीं है। ऐसे में चीन और भारत के यह आंकड़े चौकाने वाले है।

9 million people died due to pollution in 2019 The Lancet Planetary Health Journal claimed China India records highest number deaths usa | 2019 में प्रदूषण के चलते 90 लाख लोगों की हुई मौत, 'द लांसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल' ने किया दावा, बताया चीन और भारत में होती है सबसे ज्यादा मौतें

2019 में प्रदूषण के चलते 90 लाख लोगों की हुई मौत, 'द लांसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल' ने किया दावा, बताया चीन और भारत में होती है सबसे ज्यादा मौतें

Highlightsसाल 2019 में पूरी दुनिया में अलग-अलग प्रदूषण से 90 लाख लोगों की मौत हुई है।यह एक नए अध्ययन में खुलासा हुआ है। इसमें सबसे आगे चीन और भारत दिख रहे हैं।

वाशिंगटन: एक नए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि साल 2019 में पूरी दुनिया में अलग-अलग प्रदूषण से 90 लाख लोगों की मौत हुई है। इसमें यह भी साफ हुआ है कि वाहनों और उद्योगों के धुएं के कारण हुए वायु प्रदूषण की वजह से मरने वालों की संख्या 2000 के बाद से 55 प्रतिशत बढ़ गई है। इस अध्ययन का यह भी दावा है कि इसके कारण सबसे ज्यादा चीन में मौत हुई है और इसके बाद भारत का नाम आता है जो दूसरा स्थान ग्रहण किया है। चीन में 24 लाख लोगों की मौत हुई है जहां इसके कारण भारत में 22 लाख लोगों की जान गई है। वहीं इस अध्ययन में अमेरिका सातवें स्थान पर है। 

कौन से स्थान पर अमेरिका है

'द लांसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल' में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, अमेरिका प्रदूषण से होने वाली मौतों के मामले में शीर्ष 10 देशों में से एकमात्र ऐसा देश है जो पूरी तरह से उद्योग पर निर्भर है। 2019 में प्रदूषण से होने वालीं 142,883 मौतों के साथ वह विश्व में सातवें स्थान पर है, जिसके पहले और बाद में क्रमश: बांग्लादेश और इथियोपिया हैं। 

भारत और चीन है सबसे आगे

इस मामले में बोलते हुए बॉस्टन कॉलेज में ग्लोबल पब्लिक हेल्थ प्रोग्राम एंड ग्लोबल पॉल्यूशन ऑब्जर्वेटरी के निदेशक फिलिप लैंड्रिगन का कहना है कि 90 लाख मौतें कम नहीं होतीं है। उन्होंने यह बी कहा कि बुरी खबर यह है कि यह कम नहीं हो रहीं। हम बाकी चीजों पर ध्यान देते हैं, लेकिन वायु प्रदूषण और रासायनिक प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है, इसे ऐसा नहीं होना चाहिए।

भारत में सालाना लगभग 2.4 लाख लोगों की तो चीन में लगभग 2.2 लाख लोगों की मौत प्रदूषण के कारण होती हैं, लेकिन दोनों देशों में दुनिया की सबसे बड़ी आबादी भी है। यदि मौत को प्रति जनसंख्या दर के हिसाब से देखा जाए तो अमेरिका नीचे से 31वें स्थान पर आता है। यहां प्रति 100,000 की आबादी में प्रदूषण के कारण मौत का आंकड़ा 43.6 है। 

कौन देश है पहले स्थान पर

गौरतलब है कि चाड और मध्य अफ्रीकी गणराज्य प्रति 100,000 की आबादी पर प्रदूषण से होने वाली लगभग 300 मौत के साथ उच्चतम स्थान पर हैं। इनमें से आधी से अधिक मौत का कारण दूषित पानी है। ब्रुनेई, कतर और आइसलैंड में प्रदूषण के कारण मृत्यु दर 15 से 23 के बीच सबसे कम है। प्रदूषण की वजह से मौत का वैश्विक औसत प्रति 100,000 लोगों पर 117 है। 
 

Web Title: 9 million people died due to pollution in 2019 The Lancet Planetary Health Journal claimed China India records highest number deaths usa

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