झारखंड में सामने आया दुर्लभ मामला, 21 दिन की बच्ची के पेट से निकले 8 अविकसित भ्रूण, डॉक्टरों का दावा- दुनिया का पहला ऐसा केस
By भाषा | Published: November 4, 2022 05:17 PM2022-11-04T17:17:07+5:302022-11-04T17:25:04+5:30
21 दिन की बच्ची के पेट से 8 अविकसित भ्रूण निकलने वाले दावे पर बोलते हुए डॉ. इमरान ने कहा, ‘‘अब तक उपलब्ध शोधपत्रों और जर्नल के मुताबिक एफआईएफ के ज्यादातर मामलों में केवल एक भ्रूण होने की जानकारी मिली है। कहीं भी पेट में आठ भ्रूण मिलने की बात अभी तक सामने नहीं आई थी।’’
रांची: अपने तरह के एक दुर्लभ मामले में 21 दिन की एक बच्ची के पेट में यहां एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान आठ भ्रूण पाए गए हैं। चिकित्सकों ने यह जानकारी दी। ऑपरेशन करने वाले डॉ. मोहम्मद इमरान ने कहा कि भ्रूण का आकार तीन से पांच सेंटीमीटर तक है जो पेट में मौजूद एक ट्यूमर के अंदर मिले।
पेट में आठ भ्रूण मिलने का दुनिया का पहला मामला
‘जर्नल ऑफ नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन’ के मुताबिक इस स्थिति को चिकित्सा शब्दावली में ‘फीटस इन फेटू’ (एफआईएफ) कहते हैं। डॉ. इमरान ने कहा, ‘‘अब तक उपलब्ध शोधपत्रों और जर्नल के मुताबिक एफआईएफ के ज्यादातर मामलों में केवल एक भ्रूण होने की जानकारी मिली है। कहीं भी पेट में आठ भ्रूण मिलने की बात अभी तक सामने नहीं आई थी।’’
ऐसे हुआ 21 दिन की बच्ची के पेट में आठ भ्रूण का खुलासा
इस बच्ची का जन्म 10 अक्टूबर को झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित एक सरकारी अस्पताल में हुआ था। इसके बाद चिकित्सकों ने बच्ची के पेट में गांठ पाई और माता-पिता को तुरंत ऑपरेशन कराने का सुझाव दिया क्योंकि इससे पेट में समस्या हो सकती थी।
चिकित्सकों के सुझाव पर माता-पिता ने बच्ची की उम्र 21 दिन होने पर उसे शुरुआती जांच के लिए अस्पताल में भर्ती कराया, तो पेट में ट्यूमर या सिस्ट जैसे पदार्थ का पता चला। यह ट्यूमर डायफ्राम के ठीक नीचे था।
बच्ची का ऑपरेशन सफल रहा
डॉ. इमरान ने कहा, ‘‘हमने ट्यूमर को ऑपरेशन करके निकालने का फैसला किया और ऑपरेशन एक नवंबर को किया गया। हमे इस भाग में एक के बाद एक आठ भ्रूण मिले।’’ ऑपरेशन सफल रहा और बच्ची की स्थिति अभी सामान्य है।
फिलहाल बच्ची को चिकित्सकों की देखरेख में रखा गया है और एक हफ्ते में उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। रांची स्थित रानी अस्पताल के प्रमुख राजेश सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘चूंकि यह दुर्लभ मामला है, हम इसे अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित करने की तैयारी कर रहे हैं।’’