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Maharashtra Hospital Fire भंडारा जिले में अस्पताल में आग से 10 बच्चों की मौत का जिम्मेदार कौन?

By गुणातीत ओझा | Updated: January 10, 2021 18:23 IST

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महाराष्ट्रअस्पताल की आग में 10 मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन?महाराष्ट्र में भंडारा (Bhandara) के जिला अस्पताल में आग लगने से हुई 10 नवजातों की मौत की खबर ने सभी को झंकझोर कर रख दिया है। इस दुखद हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  गृह मंत्री अमित शाह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत कई नेताओं ने दुख जताया है। हादसे के दो दिन बाद भी यह साफ नहीं हो सका है कि आखिरकार अस्पताल में आग कैसे लगी और 10 मासूमों का जीवन शुरू होते ही समाप्त हो गया। अस्पताल में हुई इस बड़ी लापरवाही पर प्रशासन भी मौन है। मरने वाले बच्चों के अभिभावकों का रो-रो कर बुरा हाल है। सब यही जानना चाहते हैं कि मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन है।बता दें कि महाराष्ट्र के भंडारा जिले में सरकारी अस्पताल में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई थी। यह घटना शुक्रवार रात दो बजे घटित हुई। अभी तक शॉर्ट सर्किट को आग लगने की वजह माना जा रहा है। घटना के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 7 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था। अस्पताल में जब आग लगी तो वार्ड में कुल 17 बच्चे मौजूद थे। बच्चों की दर्दनाक मौत से उनके परिजनों पर कोहराम टूट पड़ा है। वार्ड में मौजूद सभी नवजात की उम्र एक महीने से तीन महीने के बीच थी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इस घटना पर दुख जताते हुए ट्वीट किया था कि 'महाराष्ट्र के भंडारा में दिल दहला देने वाली घटना हुई, जहां हमने कीमती जीवन खो दिए हैं। पीड़ित परिवारों के साथ मेरी संवेदना है। मुझे उम्मीद है कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएंगे।'गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने भी इस घटना के बाद ट्वीट कर लिखा था कि 'महाराष्ट्र के भंडारा जिला अस्पताल में लगी आग बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे इस घटना का बेहद दुख है। मेरे विचार और संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। भगवान उन्हें इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति दे।'क्या होता है SNCU वार्ड?आइये आपको बताते हैं SNCU वार्ड क्या होता है? SNCU मतलब स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट.. ये नवजात बच्चों के लिए स्पेशल यूनिट होती है। पैदा होने के बाद से 3 महीने तक के बच्चों को इस यूनिट में रखा जाता है। समय से पहले जन्म लिए नवजात का इलाज यहां होता है। वार्ड में प्रीमेच्योर बेबीज की देखरेख और इलाज चलता है। जिन बच्चों का कम वजन हो या नवजात बीमार हो, उसका  इलाज SNCU वार्ड में होता है।वार्ड के लिए जरूरी गाइडलाइंसआइये अब आपको बताते हैं इस स्पेशल वार्ड के लिए जरूरी गाइडलाइंस क्या होती हैं। SNCU वार्ड में 24 घंटे डॉक्टर का रहना जरूरी होता है। 24 घंटे नर्स और स्टाफ का रहना जरूरी होता है। मौसम के अनुसार ठंडा और गर्म रखना जरूरी है। उपकरणों की नियमित जांच जरूरी है।इस हादसे ने सरकारी इंतजाम पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। हादसा जब हुआ तो वार्ड में डॉक्टर या कर्मचारी क्यों मौजूद नहीं थे। हादसे के बारे में प्रशासन को देरी से क्यों पता चला। लापरवाही हुई है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है।
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