निर्भया के दोषी पवन गुप्ता की फांसी से बचने की कोशिश बेकार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 20, 2020 04:27 PM2020-01-20T16:27:30+5:302020-01-20T16:27:30+5:30
निर्भया मामले में मौत की सजा पाये दोषियों में से एक पवन गुप्ता के अपराध के समय नाबालिग होने के दावे को सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज कर दिया है..यानी अब चारों दोषियों को एक फरवरी को ही फांसी दी जाएगी..निर्भया गैंगरेप-हत्याकांड मामले में चारों दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता की स्पेशल लीव पिटीशन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया.. कोर्ट ने कहा कि उसे उनके इस दावे पर विचार करने के लिए कोई नया आधार नहीं मिला..सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि पवन का जन्म प्रमाण पत्र पेश किया गया था और इससे साबित हुआ था कि वह नाबालिग नहीं था.
पवन की दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय ने इस मामले में फैसला सुनाने के लिए 2.30 बजे का समय तय किया.. पवन ने उसके नाबालिग होने के दावे को हाईकोर्ट से खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.. न्यायमूर्ति आर भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दोषी पवन गुप्ता के वकील ने दावा किया कि दिसंबर, 2012 में इस अपराध के समय पवन नाबालिग था और हाई कोर्ट ने गलत तरीके से उसकी इस दलील को अस्वीकार कर दिया..पवन गुप्ता के वकील ने कहा कि अपराध के वक्त यानि 2012 में उसकी उम्र 17 साल 1 महीने और 20 दिन ही थी.. दोषी के वकील एपी सिंह ने अपनी दलील देते हुए कहा है कि 'दोषी पवन की जन्मतिथि 8 अक्टूबर 1996 है..हमारे पास दस्तावेज हैं पवन अपराध के समय नाबालिग था..पवन के वकील एपी सिंह ने गायत्री बाल स्कूल के सर्टिफिकेट का भी जिक्र किया है.
पीठ ने ये बी कहा अपराध के समय दोषी के नाबालिग होने की दलील निचली अदालत में मुकदमे की सुनवाई के दौरान नहीं दी गयी थी.. हालांकि , पवन के वकील ने दलील दी कि इस मामले में सजा पर बहस के दौरान यह मुद्दा उठाया गया था। पवन गुप्ता ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.. इस याचिका में अनुरोध किया गया है कि एक फरवरी को उसकी मौत की सजा पर अमल नहीं करने का निर्देश दिया जाये..दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित कर लिया..दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को चारों दोषियों-विनय शर्मा, मुकेश कुमार, अक्षय कुमार सिंह और पवन- का नया डेथ वारंट जारी किया था..नये डेथ वारंट के तहत चारों दोषियों को एक फरवरी सुबह 6 बजे फांसी दी जानी है.. निर्भया के साथ 16-17 दिसंबर, 2012 की रात में दक्षिण दिल्ली में चलती बस में छह व्यक्तियों ने सामूहिक बलात्कार के बाद उसे बुरी तरह जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया था.. निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी..