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'क्या उन लोगों की आरती करनी चाहिए जिन्होंने अवैध रूप से सरकारी संपत्ति हड़प ली है?' - योगी आदित्यनाथ

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 31, 2023 19:15 IST

यूपी में अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विपक्षी दलों ने कई बार कटघरे में खड़ा किया है। यूपी सीएम ने कहा कि जनता अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई चाहती है।

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ठळक मुद्देजनता अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई चाहती है - योगी आदित्यनाथ 2017 से उत्तर-प्रदेश में कोई दंगा नहीं हुआ - योगी आदित्यनाथहमने दिखावा या पाखंड का सहारा नहीं लिया - योगी आदित्यनाथ

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपराध और माफियाओं के खिलाफ अपने सख्त रुख और बयानों के लिए जाने जाते हैं। यूपी में अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विपक्षी दलों ने कई बार कटघरे में भी खड़ा किया है लेकिन यूपी सीएम के तेवर में कोई कमी नहीं आई है। हाल ही में ANI की संपादक स्मिता प्रकाश के साथ एक पॉडकास्ट इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ ने इससे जुड़े सवाल का जवाब दिया।

योगी आदित्यनाथ ने कहा, "क्या मुझे उन लोगों की आरती करनी चाहिए जिन्होंने अवैध रूप से सरकारी संपत्ति हड़प ली है? यूपी की जनता अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई चाहती है।"

सीएम योगी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था और पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों के दौरान हुई हिंसा पर कहा, "मैं पिछले सवा 6 साल से अधिक समय से उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं और 2017 से राज्य में कोई दंगा नहीं हुआ। पिछले 6 वर्षों में कोई कर्फ्यू नहीं लगा, कोई दंगा नहीं हुआ और सभी त्योहार शांतिपूर्वक मनाए गए। हमने दिखावा या पाखंड का सहारा नहीं लिया। हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है, और यदि वे सक्षम हैं, तो वे जीतेंगे। यदि हम सक्षम हैं तो हम जीतेंगे, यदि हम सक्षम नहीं हैं, तो हम हार जाएंगे। यदि व्यक्ति प्रतिद्वंद्वी है और जीतने में सक्षम है, तो उसे जीतना चाहिए। यह एक लोकतांत्रिक अधिकार है। हम उसे इससे वंचित नहीं कर सकते। पश्चिम बंगाल में विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई। इस पर कोई नहीं बोलता सब मौन हैं।" 

इसी साक्षात्कार में सीएम योगी का ज्ञानवापी विवाद पर दिया गया एक बयान भी खूब चर्चा में रहा। उन्होंने कहा, "अगर हम इसे मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा तो हमें इसे ज्ञानवापी ही कहना चाहिए। मस्जिद के अंदर 'त्रिशूल' क्या कर रहा है? हमने तो इसे वहां नहीं रखा ना। अंदर सुरक्षा है, केंद्रीय बल हैं वहां एक 'ज्योतिर्लिंग' है, देवताओं की प्रतिमाएं हैं। आप इतिहास को तोड़-मरोड़ सकते हैं, लेकिन दीवारों पर मौजूद ऐतिहासिक साक्ष्यों को नहीं। मुझे लगता है कि मुस्लिम पक्ष की ओर से भी यह प्रस्ताव आना चाहिए कि ऐतिहासिक गलती हुई है और उन्हें इसका समाधान निकालना चाहिए।" 

टॅग्स :योगी आदित्यनाथज्ञानवापी मस्जिदक्राइमपश्चिम बंगालBJP
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