नई दिल्ली : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने अपने पिता की इज्जत नहीं कर पाए, वो हमारे जैसे साधारण कार्यकर्ता की इज्जत क्या ही करेंगे। राय ने कहा कि जनता देख रही है कि भाजपा से कौन मिला हुआ है।
यूपी कांग्रेस चीफ ने कहा कि कई उप-चुनाव हुए, लोकसभा चुनाव हुए और इसके साथ ही घोसी का चुनाव हुआ, इसके लिए पार्टी ने बिना शर्त के समर्थन किया और सपा का कैंडिडेट जीता।
वहीं, कुछ महीने पहले उत्तराखंड के बागेश्वर में भी उप-चुनाव हुए थे और सपा ने वहां से अपना कैंडिडेट उतारा था, लेकिन भाजपा चुनाव जीती और कांग्रेस की हार हुई। इसपर कांग्रेस यूपी अध्यक्ष ने कहा, पता चल गया कि कौन भाजपा की बी-टीम के रूप में काम कर रहा है। साथ ही सपा भारतीय जनता पार्टी को अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रूप से मदद कर रही है। ये उत्तराखंड में भी साबित हो गया और अभी मध्य प्रदेश में भी साबित हो जाएगा।
अजय राय के अनुसार, मध्य प्रदेश में सपा की स्थिति मजबूत नहीं है, लेकिन वहां भी चुनाव लड़ना चाहते हैं। सपा का वहां पर एक भी विधायक नहीं रह गया है। एक ही विधायक था, वो भी भाजपा के साथ चला गया और ये वहां पर भी सपा भारतीय जनता पार्टी के साथ अंदर से मिलकर काम कर रही है। अगर इनकी सोच है कि भाजपा को हराना है तो प्रदेश स्तर पर ही नहीं, राष्ट्रीय स्तर पर भी कांग्रेस पार्टी का सहयोग देना चाहिए।
आखिर में अजय ने कहा है कि अखिलेश यादव को जो भी कहना है उन्हें कह सकते हैं, लेकिन भाजपा को हराना है तो साथ में मिलकर चुनाव लड़ना होगा। उन्होंने आगे कहा, जब से मध्य प्रदेश में चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ सपा ने कांग्रेस से पहले ही सात कैंडिडेट मैदान में उतार दिए। ये क्या सही बात है?
वहीं, सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, कांग्रेस पार्टी को साफ करना चाहिए था, अगर उनको सीट नहीं देनी थी तो मना कर देना चाहिए। कांग्रेस को पहले ही कदम उठा लेना चाहिए था, फिर जो सहयोग चाहते वो बता देते, तो शायद समाजवादी पार्टी साथ खड़ी रहती , लेकिन उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी और समाजवादी पार्टी को इसके लिए लायक नहीं समझा।
अब जहां समाजवादी पार्टी का संगठन मजबूत है वहां लड़ रही है। उन्होंने कहा कि अब मुझे पता चला कि 'इंडिया' गठबंधन देश के चुनाव के लिए है। देश का चुनाव आएगा तब देखा जाएगा और तब बात करेंगे और ये अलग प्लेटफॉर्म है। सवाल जिम्मेदारी का है, अगर इस तरह का रवैया रहा तो उनके साथ कौन जाएगा।