जल्द पटरी पर दौड़ेगी भारत की सबसे तेज 'वंदे भारत एक्सप्रेस' की स्लीपर ट्रेन, जानें, रूट, किराया, टाइम टेबल
By उस्मान | Published: May 22, 2019 02:53 PM2019-05-22T14:53:00+5:302019-05-22T14:53:00+5:30
रेल निर्माता कंपनी इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के अनुसार, इस ट्रेन के स्लीपर कोच को राजधानी एक्सप्रेस की तरह बनाया जाएगा और इसे 'ट्रेन 19' (Train 19) नाम से जाना जाएगा।
समय की बचत और सुख-सुविधाओं के मामले में झंडे गाड़ चुकी भारत की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन 'वंदे भारत एक्सप्रेस' (Vande Bharat Express) अब स्लीपर फॉर्मेट में पटरी पर उतरने वाली है। इसका मतलब यह हुआ कि अब यात्री इस ट्रेन में चैन से सोकर सफर कर सकेंगे। ट्रेन के स्लीपर कोच को राजधानी एक्सप्रेस की तरह बनाया जाएगा। इस ट्रेन को 'ट्रेन 19' (Train 19) नाम से जाना जाएगा। यह घोषणा रेल निर्माता कंपनी इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) ने की है।
फिलहाल भारतीय रेलवे की दिल्ली-वाराणसी के बीच चल रही वंदे भारत एक्सप्रेस में एसी चेयर कार कोच हैं। इस ट्रेन को 'ट्रेन 18' (Train 18) के नाम से जाना जाता है। हाल ही में देश की इस पहली स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड इंजन-लेस ट्रेन ने एक लाख किलोमीटर की यात्रा पूरी करके अपनी तकनीकी को साबित किया है।
रेलवे बोर्ड के सदस्य राजेश अग्रवाल के अनुसार, कंपनी 40 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन बनाएगी जिनमें फाइबर रेनफोर्स्ड प्लास्टिक (FRP) की जगह एल्यूमीनियम डिज़ाइन का इस्तेमाल किया जाएगा। अग्रवाल ने कहा कि कुछ दक्षिण पूर्व एशियाई और दक्षिण अमेरिकी देशों ने ऐसे कोचों के आयात के लिए सहमती जताई है।
दिल्ली-मुंबई रूट पर चलेगी दूसरी वंदे भारत
रेलवे बोर्ड फिलहाल दूसरी वंदे भारत को एक्सप्रेस को पटरी पर उतारने की तैयारी में है। खबरों के अनुसार, दूसरी वंदे भारत को इस महीने के आखिरी तक दिल्ली-मुंबई (Delhi-Mumbai) रूट पर उतारा जा सकता है। तीसरी ट्रेन इस साल अक्टूबर या दिसंबर तक जबकि चौथी ट्रेन को अगले साल फरवरी तक शुरू कर दिया जाएगा। लेकिन इनके रूट्स अभी तय नहीं हुए हैं।
नई वंदे भारत एक्सप्रेस की सुविधाएं (Vande Bharat Express facilities)
इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) ने दूसरी ट्रेन को कुछ खास बदलावों के साथ तैयार किया है। पहली ट्रेन पर पत्थरबाजी को देखते हुए इस बार ट्रेन में मजबूत शीशें लगाये जा रहे हैं। शीशों को पथराव से बचाने के लिए खिड़कियों में विशेष फ्रेम होंगे। इतना ही इसमें पहली ट्रेन की तुलना में बड़ी पेंट्री भी होगी। बड़ी पेंट्री करने के उद्देश्य यह है कि ये ट्रेन लंबी दूरी वाले रूट पर चल सकती है जिससे यात्रियों को दो बार भोजन परोसा जाता है, इसलिए अधिक भंडारण स्थान की आवश्यकता होती है।
पूरी ट्रेनएसी और चेयर कार वाली है, जिसमें 16 कोच होंगे। इनमें से दो एक्जीक्यूटिव चेयर कार और बाकी सामान्य चेयर कार वाले कोच होंगे। ट्रेन का पहला और आखिरी कोच दिव्यांगों के लिए होगा। ट्रेन के चलने से पहले दरवाजे स्वयं बंद हो जाएंगे। पहले कोच से लेकर अंतिम कोच तक जाने के लिए ट्रेन के अंदर दरवाजे लगाए गए हैं। ट्रेन के रुकने के समय कोच के अंदर से सीढ़ियां बाहर निकलेंगी।
दिल्ली-मुंबई रूट पर बचेगा समय
बताया जा रहा है कि ये ट्रेन दिल्ली से मुंबई के बीच का 1358 किलोमीटर का सफर 12 घंटे में तय करेगी। अगर मुंबई राजधानी एक्सप्रेस की बात करें, तो इस सफर को लगभग 16 घंटे में पूरा करती है। इसका मतबल यह हुआ कि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलने के साथ-साथ उनके लगभग चार घंटे की बचत होगी।
इन रूट्स पर भी चल सकती है वंदे भारत
बताया जा रहा है कि भारतीय रेलवे दूसरी ट्रेन को शुरू करने के बाद दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-भोपाल के अलावा चेन्नई-मंगलूर और हैदराबाद-मंगलूर रूट पर भी इस ट्रेन को चलाएगा। इस ट्रेन को अब 500 किलोमीटर या उससे कम दूरी वाले शताब्दी रूटों पर चलाया जाएगा।