दशहरा 2018 स्पेशल: दुनियाभर में फेमस हैं इन 4 जगहों का दशहरा, कहीं 75 दिनों का होता है जश्न तो कहीं नहीं जलाया जाता रावण
By मेघना वर्मा | Published: October 12, 2018 09:57 AM2018-10-12T09:57:42+5:302018-10-12T12:18:32+5:30
Dussehra/vijayadashami 2018 (दशहरा 2018): मैसूर का दशहरा, देश का सबसे बड़ा दशहरा भी काहा जा सकता है। विजय दशमी के दिन मैसूर का राज दरबार आम लोगों के लिए खोल दिया जाता है। जिससे जम्बू सवारी निकलती हैं।
नवरात्रि के बाद दशहरा का त्योहार पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। दशहरा का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है। मान्यता है कि आज ही के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। इसी वजह से दशहरा हर साल खुशियां और सच्चाई लेकर आता है। पूरे देश में दशहरा भव्य तरीके से मनाया जाता है मगर कुछ ऐसे शहर भी हैं जहां का दशहरा सिर्फ देश ही नहीं दुनिया में फेमस हैं। आज हम आपको देश के कुछ ऐसे ही जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां जाकर आप दशहरे का पूरा मजा ले सकते हैं।
1. बस्तर दशहरा
बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरे के इस त्योहार को मनाया तो पूरे देश में जाता है मगर इसकी मान्यता अलग-अलग शहरों में अलग-अलग है। बस्तर एक ऐसी ही जगह है जहां 75 दिनों तक दशहरा मनाया जाता है। खास बात तो ये है कि दशहरा मनाने के बाद यहां रावण को जलाते भी नहीं है।
इसका कारण ये है कि बस्तर के लोग दशहरे के दिन मां दंतेश्वरी की पूजा करते हैं। भव्य रथ तैयार करके नवरात्रि के दिन माता की चौकी निकाली जाती है। सावन के हरियाली अमावस्य से शुरू होकर दशहरा तक यह त्योहार मनाया जाता है।
2. मैसूर दशहरा
मैसूर का दशहरा, देश का सबसे बड़ा दशहरा भी काहा जा सकता है। विजय दशमी के दिन मैसूर का राज दरबार आम लोगों के लिए खोल दिया जाता है। जिससे जम्बू सवारी निकलती हैं। इस सवारी में प्राचीन काल का बना बेहद खूबसूरत हौदा निकाला जाता है जिसका नाम गजराज होता है। इस उत्सव को मैसूर में अम्बराज भी कहते हैं। इस हौदे पर चामुंडेश्वरी देवी की सवारी निकलती है।
यह जुलूस मैसूर महल से शुरू होकर बनीमन्टप पर खत्म होती है। वहां लोग बनी के पेड़ की पूजा करते हैं। माना जाता है कि पांडव अपने एक साल के गुप्तवास के दौरान अपने हथियार इस पेड़ के पीछे छुपाते थे और कोई भी युद्ध करने से पहले इस पेड़ की पूजा करते थे।
3. कुल्लू दशहरा
हिमाचल की खूबसूरत वादियों के बीच कुल्लू दशहरा काफी फेमस है। हिमाचल का दशहरा कुछ अलग और अनोखे अंदाज में मनाया जाता है। यहां इस त्योहार को दशमी की त्योहार भी कहा जाता है। इस दशहरा को रोग से मुक्ति के लिए मनाया जाता है।
पुरानी कथाओं के अनुसार कुल्लू के राजा, अयोध्या से भगवान रघुनाथ की प्रतिमा लेकर आए थे। उन्हें स्थापित करके उसकी पूजा अर्चना करने से उनके सारे रोग और कष्ट दूर हो गए थे। इसके बाद से हर साल यहां भगवान रघुराम को समर्पित दशहरा मनाया जाता है।
4. कोटा दशहरा
उमंग और उत्साह से भरे दशहरा की धूम कोटा में भी दिखाई देती है। चम्बल के किनारे स्थित कोटा में दशहरा के दिन रावण और उसके भाई कुम्भकर्ण के साथ मेघनाद और अन्य सेनाओं का सबसे बड़ा पुतला बनवाया जाता है।
इसके बाद दशहरा के दिन उसका दहन किया जाता है। इसके अलावा नवरात्रि के 9 दिन रामलीला का मंचन किया जाता है। कुल्लु का दशहरा भव्य रूप से मनाया जाता है।