कई लोग तो यहां तक मानते हैं कि वह रामायण के रचयिता वाल्मिकी का अवतार हैं। नाभादास अपने भक्तमाल (शाब्दिक रूप से, भक्त या भक्त की माला) में लिखते हैं कि तुलसीदास कलियुग में वाल्मिकी के अवतार थे। रामानंदी संप्रदाय का मानना है कि वाल्मिकी ही कलियुग म ...
भगवान राम के जीवन परिचय को अवधी में कलमबद्ध करने वाले गोस्वामी तुलसीदास जी ने हनुमान जी की वीरता, पराक्रम और बुद्धिमता को प्रदर्शित करते हुए कुछ इस तरह से वर्णन किया है, जिसका पाठ करने से भक्तों का कल्याण होता है। ...
Shiv Rudrashtakam Stotram: गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्रीराम के महाकाव्य 'रामचरित मानस' में महादेव शिव शंकर के अविनाशी रूप पर अत्यंत सुंदर तरीके से वर्णन किया गया है, जिसे शिव रूद्राष्टकम स्तोत्र का पाठ कहते हैं। ...
तुलसीदासजी के राम हम सबके घर के सदस्य सरीखे हैं. उनके लिए कोई ‘पर’ या ‘इतर’ (दूसरा) नहीं है. सभी उनके निकट है और अपने हैं. राम जीवन की हर कठिनाई को झेलने वाले व्यक्ति हैं. मर्यादा पुरुषोत्तम हैं पर जीवन में शायद ही कोई ऐसा कष्ट होगा जो वे नहीं झेलते ...
एक भक्त के रूप में तुलसीदासजी का विश्वास है कि सारा जगत राममय है और उनके मन में बसा भक्त कह उठता है- सीय राममय सब जग जानी, करउं प्रनाम जोरि जुग पानी। ...
Tulsidas Jayanti 2020: तुलसी दास जी प्रभु श्री राम के भक्त थे। तुलसी दास जी ने कवितावली, दोहावली, हनुमान बाहुक, पार्वती मंगल, रामलला नहछू आदि कई रचनाएं की लेकिन उनके द्वारा रचित श्रीरामचरित्र मानस सारे हिंदू धर्म के लोगों के लिए बहुत मायने रखता है। ...
Tulsidas Jayanti 2020: महाकवि तुलसीदास का जन्म आज श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को हुआ था। तुलसी दास जी प्रभु श्री राम के भक्त थे। तुलसी दास जी ने कवितावली, दोहावली, हनुमान बाहुक, पार्वती मंगल, रामलला नहछू आदि कई रचनाएं की लेकिन उनके द्वारा ...