आजादी की लड़ाई को नई ऊर्जा देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक में हुआ था और निधन 18 अगस्त 1945 को हुआ था। उन्होंने पहले भारतीय सशस्त्र बल की स्थापना की थी जिसका नाम आजाद हिंद फौज रखा गया था। Read More
भारत की आजादी के लिए लोगों को एकजुट करने में कई जोशीले नारों ने भी बड़ी अहम भूमिका निभाई। जय हिंद, करो या मरो या तुम मुझे खून दो..मैं तुम्हें आजादी दूंगा जैसे नारों के पीछे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। ...
बताया जा रहा है कि इस तिरंगे का इतिहास बहुत पुराना है। इसे सबसे पहले पंडित जवाहर लाल नेहरू ने फहराया था। इसके बाद इस तिरंगे को देव नागर के दादा स्व.मेजर जनरल गणपत राम नागर द्वारा उन्हें मिला था जिसे वह आज तक संभाल कर रखे है। ...
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परपोते चंद्र कुमार बोस ने लता मंगेशकर के अंतिम संस्कार में दुआ मांगते शाहरुख की तस्वीर पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने लिखा- "यह भारत की असल विरासत और संस्कृति है। कुछ धार्मिक कट्टरपंथी इसे पचा नहीं सकते। ...
Subhas Chandra Bose statue: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद कहा कि यह लोकतांत्रिक संस्थानों, वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को उनके कर्तव्यों की याद दिलाएगी तथा उन्हें प्रेरित करेगी। ...
नयी दिल्ली, 23 जनवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजली दी और कहा कि देश की आजादी के लिए उनके त्याग व समर्पण को हमेशा याद किया जाता रहेगा।मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘महान ...
केंद्र सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को ''पराक्रम दिवस'' के तौर पर मनाने का निर्णय लिया है, बोस की 125वीं जयंती 23 जनवरी को मनाई जाएगी. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने जानकारी दी. ...
नवदीप सैनी के दादा करम सिंह सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के सेनानी रह चुके हैं। वह क्रिकेट के बारे में भले ही कम जानते हैं, लेकिन पोते को खेलता देख उनकी आंखें भर आती हैं... ...
2 जुलाई का इतिहास: भारत के इतिहास में आज का दिन बेहद अहम है। आज के दिन दो जुलाई 1757 को नवाब सिराजुद्दौला को पकड़ लिया गया और भारत में एक तरह से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन की नींव पड़ी। इसके अलावा भी देश और दुनिया के कई अहम घटनाओं की गवाह आज क ...